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नप पर आरोप: 30 से 40 रुपये के डिब्बे का 150 से 240 रुपये की दर से किया गया भुगतान, एक साल की जगह तीन साल का एकरारनामा

सहरसा : नगर परिषद के उपसभापति के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने गुरुवार को नगरपरिषद कार्यपालक पदाधिकारी प्रभात रंजन पर योजनाओं में अवैध तरीक से मोटी रकम लेकर एनजीओ को कार्य देने का आरोप लगाते आयुक्त को ज्ञापन सौंपा. शिष्टमंडल ने आयुक्त को छह सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंप सभी बिंदुओं पर जांच टीम गठित कर […]

सहरसा : नगर परिषद के उपसभापति के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने गुरुवार को नगरपरिषद कार्यपालक पदाधिकारी प्रभात रंजन पर योजनाओं में अवैध तरीक से मोटी रकम लेकर एनजीओ को कार्य देने का आरोप लगाते आयुक्त को ज्ञापन सौंपा. शिष्टमंडल ने आयुक्त को छह सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंप सभी बिंदुओं पर जांच टीम गठित कर अपने स्तर से जांच की मांग की. कमिश्नर को ज्ञापन सौंपने वाले शिष्टमंडल में नगर परिषद के 22 विभिन्न वार्डों के वार्ड पार्षद शामिल थे.

उपसभापति उमेश यादव ने बताया कि लगभग छह माह पूर्व नगर परिषद में नये कार्यपालक पदाधिकारी प्रभात रंजन पदस्थापित होने के बाद सभी नियम कानून को ताक पर रखकर विभिन्न योजनाओं एवं एनजीओ जेएमडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड सुपौल को मोटी रकम लेकर करोड़ों रुपए की सामग्री की खरीद एवं डोर टू डोर कचरा उठाव कार्य आवंटित कर दिया है. उन्होंने कहा कि एनजीओ पूरी तरह फर्जी है. इसके पास सफाई से संबंधित कोई भी उपकरण नहीं है.
एनजीओ सिर्फ कागज पर ही सीमित है. उन्होंने कहा कि फर्जी तरीके से इस एनजीओ को प्रत्येक माह 50 से 60 हजार का भुगतान किया जा रहा है. एकरारनामा साल भर के लिए होता है. लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी मोटी रकम लेकर तीन वर्ष के लिए एकरारनामा कर दिया है. बोर्ड की बैठक में ऐसा कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं कराया गया है.
बर्खास्त कर्मचारियों की कर ली अवैध नियुक्ति
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कम्युनिटी ऑर्गेनाइजर एक पद पर विज्ञापन निकालकर बहाली करना था. लेकिन नियमों को ताक पर रख बर्खास्त कर्मचारी रविशंकर सिन्हा को अवैध रूप से नियुक्त कर लिया गया है. वहीं उच्च न्यायालय द्वारा हटाये गये कर्मचारी मुरारीकांत मोती को सफाई कर्मचारी के रूप में फर्जी तरीके से एनजीओ द्वारा रखकर भवन निर्माण मानचित्र एवं म्यूटेशन से संबंधित कार्य करवाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि नगर सरकार भवन जिस स्थान पर बनाया जा रहा है उस स्थान पर पूर्व से टाउन हॉल का बिल्डिंग बना हुआ है. जिसके करोड़ों रुपए का टाउन हॉल का सामग्री संवेदक को पांच लाख 40 हजार रूपये में ही दे दिया गया है.
जबकि टाउन हॉल की सामग्री 50 लाख तक की है. इन सभी पुराने ईंट एवं छड़ को नये भवन निर्माण में उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नगर सरकार भवन के लिए तीन करोड का आवंटन है. उपसभापति ने कहा कि कार्यपालक पदाधिकारी के आने के बाद से अब तक मात्र तीन बार ही बोर्ड की बैठक हुई है, जबकि बोर्ड की बैठक प्रत्येक महीने होनी चाहिए.
पंचायत शिक्षक का अवैध रूप से किया प्रतिनियोजन
उपसभापति ने कहा कि पदाधिकारी द्वारा अपने मनपसंद शिक्षक कृष्णानंद जो प्रखंड नवहट्टा के चंद्रायन में उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नियोजित थे. उन्हें शिक्षक नियोजन नगर इकाई में प्रतिनियुक्त कर लिया गया है.
उन्होंने कहा कि जेएमडी इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा डोर टू डोर कचरा उठाव का डस्टबिन जो बाजार में तीस रूपये का है, उसे 150 से लेकर 240 रूपये का कागज पर दिखाया गया. जिससे करोड़ों रूपये का गोलमाल का मामला बनता है. उन्होंने कहा कि एक लाख डस्टबिन कागज पर खरीद दिखाया जा रहा है.
जबकि दस हजार डस्टबिन मनचाहे लोगों को वार्डों में दिया गया है. उन्होंने सभी मामलों पर जांच कमेटी बनाकर आयुक्त से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को भी ज्ञापन भेजा गया है. शिष्टमंडल में रेशमा शर्मा, रोशन आरा, लक्ष्मी देवी, सोनी महेंद्र शर्मा, अरुण कुमार निराला, संतोष कुमार, वीरेंद्र पासवान, रेखा देवी, कैलाश रजक, गौरव कुमार, राजेश कुमार सिंह, निर्मला देवी, दिनेश यादव, कामना सिंह, खैरुल, रिंकू देवी, डेजी भारती, भारती झा, मिथिलेश झा सहित अन्य शामिल थे.

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