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नहीं सुधरी बाल गृह की व्यवस्था, फिर एक किशोर की मौत

बाल सुधार गृह में पहले भी हुई है बच्चों की मौत सहरसा : शहर के बंफर चौक स्थित बाल गृह में बालकों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को गृह में संरक्षित एक और 14 वर्षीय किशोर ब्रजेश की मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार, तबीयत बिगड़ने के बाद […]

बाल सुधार गृह में पहले भी हुई है बच्चों की मौत

सहरसा : शहर के बंफर चौक स्थित बाल गृह में बालकों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को गृह में संरक्षित एक और 14 वर्षीय किशोर ब्रजेश की मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार, तबीयत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिये सदर अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम करा उसका अंतिम संस्कार किया गया. जानकारी के अनुसार वर्ष 2015 में बाल कल्याण समिति द्वारा किशोर को बाल गृह में संरक्षित करवाया था.
गृह की प्रभारी अधीक्षिका श्वेता कुमारी ने बताया कि किशोर मानसिक व शारीरिक रूप से दिव्यांग था. वह बोलने व सुनने में भी अक्षम था. तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. जानकारी के अनुसार विभाग के द्वारा कई बार व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया जा चुका है. बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है.
और कितनी मौत का गवाह बनेगा गृह… : गुरुवार को किशोर की मौत की जानकारी मिलते ही लोगों में बाल गृह के व्यवस्था पर चर्चा शुरू हो गयी. लोगों ने आक्रोश जताते कहा कि और कितने मौत का गवाह बनेगा. लोगों ने जिला प्रशासन से मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. मालूम हो कि कुछ माह पूर्व ही दिनेश कुमार नामक बालक की मौत हो गयी थी. चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर भाष्कर कश्यप ने बताया कि चार मौत हो चुकी है. मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों व विभाग को दे दी गयी है. लेकिन किसी के द्वारा यह नहीं बताया जा रहा है कि आखिर यहां बच्चों की लगातार मौत के पीछे क्या कारण है. कहीं अवैध अनाथालय की तरह यहां भी कुपोषण का तो मामला नहीं है.
मिलते रहे निर्देश, नहीं हुआ सुधार
जानकारी के अनुसार उपनिदेशक बाल संरक्षण इकाई भाष्कर प्रियदर्शी के नेतृत्व में एक टीम ने कुछ दिन पूर्व बाल गृह का निरीक्षण के दौरान कई खामियां पायी थी. जिसमें सुधार लाने का निर्देश रिपोर्ट विभाग को भेजा था. जांच रिपोर्ट के आधार पर पटना से एक टीम ने भी गृह का निरीक्षण किया. जिसमें कई खामियां पाया गया था. जांच टीम ने अविलंब दूसरे भवन में गृह को शिफ्ट करने का निर्देश दिया था. जानकारी के अनुसार एक दिसंबर से गृह को दूसरे भवन में शिफ्ट करने को कहा गया था. जिसके बाद संचालक द्वारा हामी भी भरी गयी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई है. इस बाबत अधीक्षिका ने बताया कि भवन का खोज जारी है. जल्द ही गृह को दूसरे जगह शिफ्ट किया जायेगा. उन्होंने कहा कि काफी सुधार किया गया है. उन्होंने कहा कि उनके नौ माह के कार्यकलाप में दो मौत हुई है. अन्य की जानकारी नहीं है.
निगेटिव रिपोर्ट पर बंद होगा बाल सुधार गृह
एडीसीपीयू से रिपोर्ट मांगी गयी है. गृह के कार्यकलाप से संबंधित जानकारी भी मांगी गयी है. जिलापदाधिकारी को भी मामले की जांच करने को कहा गया है. बच्चों के जान के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है. रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर गृह को बंद कर अग्रतर कार्रवाई की जायेगी. कुछ दिन पूर्व जांच टीम द्वारा जांच की गयी थी. जिसके बाद संचालक को कार्यकलाप में सुधार लाने व भवन को एक दिसंबर से बदलने का निर्देश दिया गया है.
-पूनम कुमारी, प्रोजेक्ट मैनेजर
हो रही है मामले की जांच
शव का पोस्टमार्टम करा मौत मामले की जांच की जा रही है. रिपोर्ट विभाग को समर्पित किया जायेगा. संचालन व कार्यकलाप में बड़ी सुधार की जरूरत है. यदि सुधार नही हुआ तो सरकार के निर्देशानुसार संचालक एनजीओं को हटाकर दूसरे को संचालन की जिम्मेवारी दी जायेगी.
-भाष्कर प्रियदर्शी, उपनिदेशक बाल संरक्षण इकाई

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