सिमरी : प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के पूर्व पट्टेदारों ने शनिवार को बख्तियारपुर थाना में जिला मत्स्य पदाधिकारी का घेराव कर जमकर हंगामा किया. स्थिति इस कदर खराब हो गयी कि बख्तियारपुर थानाध्यक्ष ने आकर डीएफओ का बीच बचाव कर उन्हें गाड़ी में बिठा बाहर किया. घेराव कर रहे जितेंद्र मुखिया, आनंदी मुखिया, संतोष मुखिया, […]
सिमरी : प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के पूर्व पट्टेदारों ने शनिवार को बख्तियारपुर थाना में जिला मत्स्य पदाधिकारी का घेराव कर जमकर हंगामा किया. स्थिति इस कदर खराब हो गयी कि बख्तियारपुर थानाध्यक्ष ने आकर डीएफओ का बीच बचाव कर उन्हें गाड़ी में बिठा बाहर किया.
घेराव कर रहे जितेंद्र मुखिया, आनंदी मुखिया, संतोष मुखिया, मुकेश मुखिया, प्रमोद सहनी, दीप नारायण सहनी आदि ने बताया कि हमलोगों को बार-बार समय देकर प्रखंड मत्सस्यजीवी सहयोग समिति सिमरी बख्तियारपुर के नव निर्वाचित महामंत्री माधुरी देवी राजस्व रसीद निर्गत नहीं कर रही है. आज शनिवार को डीएफओ साहब के सामने थाना पहुंच कर रसीद देने की बात कही गयी थी. लेकिन वह नहीं पहुंची. लोगों का कहना था कि जानबुझकर महामंत्री रसीद निर्गत करना नहीं चाह रही हैं और आज डीएफओ के कहने के बावजूद भी थाना नहीं पहुंची. जो उनके कार्यप्रणाली को दर्शाता है. लोगों ने कहा कि स्वंय डीएफओ साहब अपने स्तर से राशि लेकर रसीद निर्गत कर शिकार माही की आदेश दें.
क्या है पूरा मामला
उपरोक्त विवाद के संबंध में घेराव कर रहे लोगों ने बताया कि सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के 42 जुलाई श्रेणी के पोखर एवं 15 अक्तूबर श्रेणी मखाना सह जलकर पोखर के पूर्व के पट्टेदारों को रसीद निर्गत कर शिकारमाही करने के लिए रसीद निर्गत करने का आदेश समिति के महामंत्री को करना है. घेराव कर रहे लोगों ने बताया कि मत्सस्यजीवी सहयोग समिति का चुनाव हरेक पांच वर्षो पर होता है. लेकिन सरकारी पोखर एवं जलकरों का बन्दोवस्त सात वर्षो के लिये नियमत: किया जाता है. इस बार भी पांच वर्षो पर इस वर्ष समिति का चुनाव हुआ. नये लोग चुन कर समिति के विभिन्न पदों पर काबिल हो गये. अब मामला यही फंस गया है.