सहरसा/सिमरी : नेपाल के कोसी बराज से डिस्चार्ज में कमी के साथ ही कोसी इलाके में जलस्तर में गिरावट देखी जा रही है. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा राहत कार्य तेज कर दिया गया है.
जिले के कई बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में अभी राहत केंद्र चालू है तो दूसरी ओर कई प्रखंडों में प्रशासन की ओर से राहत पैकेट अर्थात सूखा राशन का वितरण करवाया जा रहा है. इस राहत पैकेट में बाढ़पीड़ितों के लिए आपदा प्रबंधन विभाग के नियमानुसार चूड़ा, सत्तू, चीनी, नमक, माचिस, मोमबत्ती और बिस्कुट रहता है. लेकिन सहरसा में बांटे जा रहे राहत पैकेट में गोलमाल की शिकायत आनी शुरू हो गयी है.
सहरसा में बाढ़…
शिकायत की मुख्य वजह राहत पैकेट में तय माप से कम सामग्री होने की है. जिला प्रशासन द्वारा पूरे जिले में जो राहत पैकेट बंटवाया जा रहा है, उसमें सत्तू की मात्रा तय माप से कम है, जो आश्चर्यजनक है. जिले के कई इलाके के बाढ़पीड़ितों से मिली जानकारी के अनुसार प्रशासन द्वारा बंटवाये जा रहे राहत पैकेट में सत्तू की मात्रा तीन सौ ग्राम रहती है. जबकि आपदा विभाग द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुसार राहत पैकेट में सत्तू की मात्रा पांच सौ ग्राम होनी चाहिए.
आपूर्ति दुकान भी है गायब!
राहत पैकेट अर्थात सूखा राशन में सत्तू के वजन में गोलमाल की खबर सामने आने की बाद प्रभात खबर ने भी जब सिमरी बख्तियारपुर और सलखुआ के विभिन्न इलाकों में प्रशासन द्वारा बंटवाये गये राहत पैकेट की जांच की तो प्रत्येक राहत पैकेट में दो पैकेट सत्तू मिले. ये सत्तू शिवम नामक कंपनी के थे. जब सत्तू के दोनों पैकेट का वजन किया गया तो इनका कुल वजन तीन सौ बारह ग्राम था. जबकि प्रशासन पांच सौ ग्राम सत्तू होने का दावा करती है. इसके साथ ही जांच पड़ताल के दौरान जिले के कई जगहों पर बांटे गये राहत पैकेट में उपलब्ध चूड़ा के स्वाद में भी खट्टापन आने की बात सामने आयी.
इसके बाद प्रभात खबर ने जिला प्रशासन द्वारा राहत पैकेट के लिए सामग्री की आपूर्ति करनेवाले दुकान की खोजबीन शुरू की तो पता चला कि सहरसा के डीबी रोड स्थित उग्रतारा मार्केट के गोपाल स्टोर्स द्वारा सूखा राशन की सामग्री प्रशासन को आपूर्ति की गयी है. प्रभात खबर की टीम डीबी रोड स्थित उग्रतारा मार्केट पहुंची, तो मार्केट के अंदर गोपाल स्टोर्स नाम की कोई दुकान नहीं मिली. यहां तक कि कोई किराना दुकान तक नहीं थी. दूरभाष पर उग्रतारा मार्केट के मालिक अभयानंद झा से बात करने पर पता चला कि गोपाल स्टोर्स नाम की कोई दुकान मार्केट में है ही नहीं. प्रभात खबर की टीम ने उग्रतारा मार्केट के अन्य दुकानदारों से भी बात की तो उन्होंने भी किसी किराना दुकान के होने की बात को पूरी तरह से खारिज किया. वहीं इस संबंध में जब प्रभात खबर ने सहरसा जिला के राजनीति से जुड़े लोगों से बात की तो सभी ने एक स्वर में इसे जिला प्रशासन की विफलता बतायी और जल्द से जल्द संबंधित दोषियों पर कार्रवाई की बात कही.
आपदा विभाग की आेर से निर्देशित राहत पैकेट में सामग्री
चूड़ा – दो किलोग्राम
सत्तू – 500 ग्राम
चीनी – 250 ग्राम
नमक – छोटा पैकेट
माचिस – छह पीस
मोमबत्ती – छह पीस
बिस्कुट – एक बड़ा या दो छोट
500 की जगह हर
पैकेट में 300 ग्राम
ही दिया जा रहा सत्तू
उग्रतारा मार्केट के गोपाल स्टोर्स का नाम देनेवाले आपूर्तिकर्ता की निर्धारित जगह नहीं है कोई दुकान
राहत पैकेट जिला मुख्यालय से ही भिजवाया गया था. इस संबंध में वहीं से बेहतर जानकारी मिल सकती है.
सुमन साह, एसडीओ, सिमरी बख्तियारपुर
इस संबंध में जानकारी नहीं थी. मामले की जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
सौरभ जोड़वाल, सदर एसडीओ