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चुटिया जंगल से 20 बैग तेंदू पत्ता किया गया जब्त
कैमूर पहाड़ी की वन संपदा पर माफियाओं की नजर सासाराम : नौहट्टा थाना क्षेत्र के अंतर्गत चुटिया जंगल के डुमरखार घाटी से वन विभाग की टीम ने 20 बैग तेंदू पत्ता बरामद की है, जो घाटी में बैग में छुपा कर रखा गया था. सर्च अभियान के दौरान टीम को सफलता मिली. वनपाल लव कुमार […]
कैमूर पहाड़ी की वन संपदा पर माफियाओं की नजर
सासाराम : नौहट्टा थाना क्षेत्र के अंतर्गत चुटिया जंगल के डुमरखार घाटी से वन विभाग की टीम ने 20 बैग तेंदू पत्ता बरामद की है, जो घाटी में बैग में छुपा कर रखा गया था. सर्च अभियान के दौरान टीम को सफलता मिली. वनपाल लव कुमार ने बताया कि डीएफओ के निर्देश पर पहाड़ी जंगल व तलहटी क्षेत्रों में सर्च अभियान चलाया जा रहा है.
मंगलवार की सुबह डुमरखार घाटी से तैयार तेंदु पत्ता बरामद हुआ. हालांकि, मौके से तस्कर भाग निकले. रविवार को चुटिया थाना क्षेत्र के नावाडीह खुर्द से हिरण का सिंग व सुअर का बाल बरामद हुआ था. इससे जाहिर होता है कि कैमूर पहाड़ी से नक्सलियों के खात्मे के बाद माफिया वन संपदा को लुटने में लगे है. स्थानीय वनवासियों को पैसे का लोभ दिखा काम करा रहे हैं. कैमूर पहाड़ी पर बसे नौहट्टा थाना क्षेत्र के बंडा, कुबा, सोली, नागाटोली, छोटकन, बुधुवा, बड़का बुधुवा, नकरी व नारादाग स्थित जगलों में तेंदु पत्ता धड़ल्ले से तोड़ा जा रहा है.
इन गांवों के गरीब वनवासियों को तीन सौ रुपये के मजदूरी पर रख कर पत्ता तोड़वाया जा रहा है. वर्षों से तेंदू पत्ता का कारोबार ठप था. नक्सलियों के डर से माफिया व वनवासी जंगल का रूख नहीं करते थे. इस वर्ष कैमूर पहाड़ी से नक्सलियों के खात्मे के बाद स्थिति बदल गयी है. गरीब वनवासियों को रोजगार मिल गया. वनवासी माफियाओं का खुल कर साथ दे रहे हैं. यदुनाथपुर पुलिस पिकेट से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित नारायण घाटी में सैकड़ों वनवासी पत्ता तोड़ने, सुखाने व बंडल बनाने मे लगे है. माफिया बैग बना जंगल में माल स्टॉक करते हैं. फिर उन्हें सुरक्षित रास्ते से जंगल से बाहर निकाला जाता है.
अधौरा के रास्ते हो रही पत्ते की ढुलाई
रोहतास जिला क्षेत्र में स्थित जंगल से तोड़ा गया तेंदू पत्ता कैमूर जिले के अंतर्गत अधौरा जंगल से होकर ट्रेक्टर से ढुलाई की जा रही है. सूत्र बताते है कि धनसा घाटी दुर्गम घाटी हैं. पूरी सड़क क्षतिग्रस्त है. इस रास्ते से पत्ता लदे वाहनों को सैकड़ों फुट की ऊंचाई से उतारना मुसकिल है. माफिया सेटिंग कर कैमूर से होकर वाहनों को निकाल रहे हैं. माफियाओं को पुलिस व वन विभाग दोनों का संरक्षण प्राप्त हैं. इस धंधे में कई सफेदपोश लगे है.तेंदू पत्ते से कई बने करोड़पति
जानकार बताते है कि 90 के दशक से पहले इस धंधे से कई लोग करोड़पति बन गये हैं. नक्सलियों के खात्में के बाद वहीं, माफिया इस धंधे में उतर गये है. पुलिस सूत्रों के जानकारी के अनुसार एक कद्दावर नेता भी इस धंधे में शामिल है. इसके आगे सभी बेबस है. चाह कर भी कोई कुछ भी नहीं कर सकता बोले अधिकारी
कैमूर पहाड़ी स्थित जंगल में तेंदू पत्ता जाने की खबर है. सर्च अभियान चलाया जा रहा है. वन विभाग अपनी संपदा का टेंडर नहीं करता हैं. इस धंधे में बड़े लोगों को शामिल होने की बात सामने आ रही हैं. वन अधिनियम के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
एस कुमार सामी, डीएफओ, रोहतास
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