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अवैध खनन पर असर नहीं
मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आइजी लगा चुके हैं खनन रोकने के लिए फटकार सासाराम नगर : जिले में अवैध तरीके से खनन का काम धड़ल्ले से जारी है. प्रशासन या पुलिस को इसे रोकने में सफलता नहीं मिल रही है. अवैध तरीके से हो रहे खनन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व आइजी सभी […]
मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आइजी लगा चुके हैं खनन रोकने के लिए फटकार
सासाराम नगर : जिले में अवैध तरीके से खनन का काम धड़ल्ले से जारी है. प्रशासन या पुलिस को इसे रोकने में सफलता नहीं मिल रही है. अवैध तरीके से हो रहे खनन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व आइजी सभी जिले के वरीय अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं.
लेकिन, यह बदस्तूर जारी है. शहर में प्रतिदिन सुबह पुराने जीटी रोड पर दर्जनों गिट्टी लदे ट्रैक्टर दौड़ते नजर आते हैं. ठीक इसी तरह देर रात दूसरे जिले के लिए गिट्टी लदे ट्रक व हाइवा शहर से हो कर निकलते हैं. अधिकारी अवैध तरीके से हो रहे खनन पर सख्ती का दावा तो करते हैं, लेकिन सच्चाई है कि जिला मुख्यालय से हो कर खुलेआम गिट्टी लदे वाहन काफी संख्या में निकल रहे है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अमरा व बांसा मौजा स्थित खदान क्षेत्र से पत्थर लदे सैकड़ों ट्रैक्टर दिन में पुराने जीटी रोड से हो कर क्रशर मंडी तक आते-जाते हैं. इसी रास्ते से जिले के वरीय अधिकारी जिला मुख्यालय आते-जाते हैं. इतना ही नहीं अवैध खनन रोकने व गिट्टी ढुलाई पर अंकुश लगाने के लिए एनएमसीएच जमूहार के पास पुलिस चौकी बना है. यहां अधिकारी व पुलिस बल रहते हैं. ये सिर्फ रहते हैं कुछ करते नहीं. अगर कुछ करते तो पत्थर व गिट्टी ढुलाई पर रोक लग सकता था.
2010 से लगी है रोक: वर्ष 2010 जनवरी में तत्कालीन डीएम अनुपम कुमार ने एकबारगी जिले में पत्थर खनन पर रोक की घोषणा कर दी. पत्थर भंडारण के लाइसेंस रद्द कर दिये गये.
पत्थर तोड़नेवाले मशीनों को जब्त करने की कार्रवाई होने लगी. प्रशासन के आदेश के विरुद्ध रोहतास स्टोन क्रशर उद्योग संघ हाइकोर्ट में रीट दायर किया, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली. तब से पत्थर व्यवसाय अवैध हो गया. इससे जुड़े लेाग कुछ दिनों तक तो शांत बैठे रहे फिर अवैध रूप से इस धंधे को जोर शोर से शुरू कर दिये. इसमें इन्हें कुछ अधिकारी व पुलिस का सहयोग मिलने लगा, तो इनका धंधा बड़े पैमाने पर होने लगा.
बोले अधिकारी
रोहतास पुलिस पत्थर खनन को रोकने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है. लगातार कार्रवाई की जा रही है. कार्रवाई के आंकड़े को देखेंगे तो साफ पता चलता है कि अवैध पत्थर खनन के विरुद्ध सिर्फ पुलिस ही सक्रिय है और हमेशा सक्रिय रहेगी. अवैध खनन को पूरी तरह रोका जायेगा.
मोहम्मद रहमान, डीआइजी
मुख्यमंत्री खुद नहीं चाहते कि अवैध खनन रूके. चूंकि इनके लोग ही अवैध खनन से जुड़े हैं. अवैध खनन पर पिछले सात वर्षो से रोक लगा रहे हैं. इसमें अभी तक सफलता नहीं मिला. अब शराबबंदी कांडा उठा घूम रहे है. रोज बिहार में शराब पकड़ा जा रहा है. आज पटना में एक ट्रक शराब पकड़ा गया. कितने दिनों तक मुख्यमंत्री जनता को मुर्ख बनायेंगे.
रामधनी सिंह, पूर्व मंत्री
2015 में पांच स्थानों पर था चेक नाका
अवैध खनन रोकने के लिए जिले में पांच जगहों पर चेक नाका बना था. इसमें नारायण मेडिकल कॉलेज, लेरूआ, सुअरा, अकोढ़ीगोला व शांति प्रसाद जैन कॉलेज के पास चेक नाका बना था.
कुछ दिनों तक तो सब ठीक-ठाक चलता रहा. बाद में सभी नाका बंद हो गये. पुलिस के बड़े अधिकारी विधानसभा चुनाव का हवाला दे कर फिलहाल चेक नाका को कुछ दिनों तक बंद किया जाता है. चूंकि पुलिस बल की कमी है. चुनाव संपन्न होते ही पुनः चेक नाका शुरू कर दिया जायेगा. दो वर्ष हो गये इसमें सिर्फ जमुहार चेक नाका ही शुरू हो सका है. इस मामले में अधिकारियों की चुप्पी समझ से परे है.
कई बार हुई कार्रवाई
पुलिस अवैध खनन के विरुद्ध दर्जनों बार बड़ी कार्रवाई की है. इसमें कारोबारियों को आर्थिक नुकसान हुआ है. पुलिस कार्रवाई के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन छह-सात वर्षों में 1500 ट्रैक्टर, 480 ट्रक, 63 अर्थमूवर, आठ पोकलेन, 32 लोडर, 63 ब्लास्टर, 74 बाइक पुलिस कारवाई के दौरान जब्त हुए. जब्त वाहनों में आधे से ज्यादा चोरी के हैं. गौरतलब है कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश व झारखंड से चोरी के वाहनों को औने-पौने दामों पर खरीद कर खदान क्षेत्र व गिट्टी ढुलाई में लगाया जाता है.
निश्चय यात्रा के दौरान उठा था मामला
22 दिसंबर को निश्चय यात्रा के दौरान यह मामला उठा था. मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को फटकार लगायी थी. मुख्यमंत्री हर हाल में अवैध खनन पर रोक लगाने व हर महीने खनन क्षेत्र की रिपोर्ट देने का आदेश दिये थे. धड़ल्ले से हो रहे अवैध खनन को देखने से लगता है कि अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेश को लेकर गंभीर नहीं है.
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