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स्वच्छता को चिढ़ा रही कार्यालयों के पास गंदगी
दूसरों को स्वच्छता की सबक देने वाले खुद है लापरवाह संझौली (रोहतास) : प्रखंड भले ही बिहार में स्वच्छता की जयमाल पहनकर सीना ताने मुस्कुरा रहा है. प्रखंड को खुले में शौच मुक्त घोषणा होते ही कई दूसरे प्रदेश के वरीये अधिकारी, यूनिसेफ़ के अधिकारी, लोहिया ग्राम स्वच्छता अभियान के वरीय अधिकारी, कई इलेक्टॉनिक मिडिया, […]
दूसरों को स्वच्छता की सबक देने वाले खुद है लापरवाह
संझौली (रोहतास) : प्रखंड भले ही बिहार में स्वच्छता की जयमाल पहनकर सीना ताने मुस्कुरा रहा है. प्रखंड को खुले में शौच मुक्त घोषणा होते ही कई दूसरे प्रदेश के वरीये अधिकारी, यूनिसेफ़ के अधिकारी, लोहिया ग्राम स्वच्छता अभियान के वरीय अधिकारी, कई इलेक्टॉनिक मिडिया, प्रिंट मिडिया से आये लोग स्वच्छता में मिलाने वाली सफलता में आपनाइ गई तौर तरीकों की जानकारियां लेते रहे है. स्वच्छता के मिशाल बने संझौली प्रखंड के प्रखंड प्रमुख मनोज सिंह, उदयपुर पंचायत के फूलकुमारी,
खैरा के शांति देवी, सुसाडी गांव के इंदु देवी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था. बिहार के पूर्व उपमुख्य मंत्री सुशील कुमार मोदी भी इन पुरस्कृत लोगों से घर घर जाकर मिल लोगों में जागरूकता लाने के लिए किये गये सरहनीय कार्य के लिए अंग वस्त्र एवं फुल माला देकर सम्मानित किया था. इसी कड़ी में स्वच्छ भारत मिशन प्रोजेट के राष्ट्रीय कांस्टेन्ट श्रीसा भी संझौली पहुंचकर उदयपुर, सुसाड़ी एवं ओडीएफ शुरू हुए काराकाट प्रखंड के बेनसागर गांव जाकर जायजा लिया.
बताना उचित होगा की 30 अगस्त 2016 को जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर द्वारा संझौली के न्यू स्टेडियम में विशाल सभा का आयोजन कर संझौली को ओडीएफ घोषित किया था , उक्त अवसर पर प्रखंडवासियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, शिक्षको एवं अन्य सरकारी, गैर सरकारी कर्मियों द्वारा संकल्प लिया गया था कि कोई भी खुले में शौच नहीं करेगा न करने देगा.
इसका असर निश्चित रूप से प्रखंडवासियों पर पड़ा. गांव की सडकें गलियां शौच मुक्त दिखने लगी. लोगों के चेहरे पर सफलता की लकीरे उभर आई. लेकिन कुछ ही दिनों बाद स्वच्छता को मुंह चिढाने लगा सरकारी कार्यालयों के आस पास बने शौचालय एवं लगी गंदगी का अम्बार. प्रखंड कार्यालय के समीप बना शौचालय की स्थिति देख लोगों के रूह कांप जाते है. इन शौचालयों में शौच तो दूर लघु संका करे वाले नाक बंद कर कुछ बूदबुदाते भाग खड़े होते है. इधर बीआरसी के मुख्य द्वार छोड़ इसके चारो तरफ बदबू के साथ खुले में शौच देखा जा सकता है. यहीं हाल प्रखंड कार्यालय का है. इसके मुख्य गेट के दोनों तरफ कच्चरों का ढेर एवं मल मूत्र भरा पड़ा है. यहीं स्थिति कुछ सरकारी विद्यालयों की शौचालय की है. कुछ विद्यालय के शौचालयों की स्थिति बिलकुल बदहाल है.
क्या कहते है लोग : संझौली निवासी रामरूप सिंह कहते है कि सरकारी अधिकारी ग्रामीणों से शौचालय बनाने एवं साफ सफाई पर ध्यान देने की बात कह रहे है , लेकिन प्रखंड परीसर में बने शौचालय का सिट टूटा फूटा है गंदगी का अम्बर लगा हुआ है, इसे देखने वाला कोई नहीं है. ध्यानचंद कुमार की माने तो बीआरसी भवन में ही आधिकारियों की बैठक होती रहती है और इसी भवन के चारों तरफ खुले में शौच पड़ा हुआ है. समाज सेवी वशिष्ट मुनी मिश्र कहते है कि स्वच्छता को बनाये रखने के लिए सबसे पहले सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों के शौचालय को बिलकुल चकाचक साफ रखना होगा. जिससे आम लोगों में संदेश जाये की सफाई कितनी जरुरी है, सरपंच विभा देवी कहती है कि कई विद्यालयों में बने शौचालय की स्थिति ठीक नही है. पहले इसको ठीक करना चाहिए ताकी पढ़ने वाले बच्चे शिक्षा के साथ शौचालय की सफाई एवं उपयोग से सबक ले और घर का भी शौचालय साफ सुथरा रखें.
क्या कहते है अधिकारी
लाऊडस्पीकर के माध्यम से लगातार बाजारों, गांवों में लोगों तक सूचना पहुचाई जा रही है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच करते पकड़ा जायगा तो 500 रुपये नुर्माना वसूलने के साथ तीन माह की जेल दी जाएगी. साथ ही पोलोथिन के पैकेट पर रोक लगाने की तैयारी चल रही है. फैलने वाली कच्चरों के रोक थाम के लिए डस्टविन रखी जाएगी.
गायत्री देवी, बीडीओ
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