सड़क पर की आगजनी
नोखा : रविवार की दोपहर में नाहर में डूबे बद्री के सात वर्षीय बेटे मनोज का शव नहीं मिलने व प्रशासनिक उदासीनता को लेकर लोगों ने सड़क जाम कर बवाल किया़ परिजनों का कहना था कि घटना के 24 घंटे बाद भी प्रशासन ने नाहर का पानी को बंद करने व गोताखोरों की मदद नहीं लेने का आरोप लगाया.
प्रशासनिक उदासीनता का आरोप लगते हुए आरा-सासाराम स्टेट हाइवे को जाम कर दिया. सोमवार की तड़के जाम के कारण यात्री परेशान हो गये. स्टेट हाइवे को बस स्टैंड, नाहर पर कुल चार जगहों पर जाम कर आगजनी करते नारे लगा रहे थे. इन लोगों का कहना था कि हम लोग गरीब महादलित है.
इस लिए नहर में डूबे बेटे की खोज बिन नहीं की जा रही है. अगर बड़े लोग रहते तो अबतक नाहर को बंद कर उसकी खोज बीन कर कर ली जाती. उन लोगों को मुआवजा भी दिया जाता, लेकिन हम लोगों को कोई पूछने वाला भी नहीं है. मौके पर सीओ राहुल, थानाध्यक्ष शशिभूषण प्रसाद वार्ता कर जाम हटाने का असफल प्रयास किये. लगभग पांच घंटे से ज्यादा समय तक जाम रहा. मौके पर बीडीओ धर्मेंद्र कुमार, धरमपुरा थाना के प्रमोद कुमार, बघैला थाना के रंजीत कुमार, अगरेड़ थाना के गैरव कुमार के साथ भारी पुलिस कर्मी उपस्थित रहे.
उक्त पदाधिकारी द्वारा नाहर को बंद करने व गोताखोरों की मदद से शव को खोजने के आश्वासन के बाद जाम खत्म हुआ़ गौरतलब है कि रविवार को नहाने के क्रम में दो बच्चे पानी में डूब गये थे. इसमें लखनाग का बेटा रंगबाज (आठ) को बचा लिया गया. लेकिन बद्री के सात वर्षीय बेटा पानी में डूब गया. जिसके शव को अब तक बरामद नहीं किया गया. प्रशासनिक द्वारा उदासीनता को लेकर परिजनों ने सड़क जाम कर बवाल किया.