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पीएचसी में नहीं हैं दवाएं, मरीज परेशान

तीन साल पहले से बंद है एक्स-रे मशीन जीवन रक्षक दवा एंटीबायोटिक्स एक माह से ज्यादा समय से नहीं है उपलब्ध राजपुर : स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सफेद हाथी साबित हो रहा है. असपताल में सात-आठ माह से दवाओं का अभाव है. इससे प्रतिदिन इलाज के लिये आ रहे मरीजों को परेशानी का सामना करना […]

तीन साल पहले से बंद है एक्स-रे मशीन
जीवन रक्षक दवा एंटीबायोटिक्स एक माह से ज्यादा समय से नहीं है उपलब्ध
राजपुर : स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सफेद हाथी साबित हो रहा है. असपताल में सात-आठ माह से दवाओं का अभाव है. इससे प्रतिदिन इलाज के लिये आ रहे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण क्षेत्र के लोगों में स्वास्थ्य केंद्र व सरकारी व्यवस्था के प्रति आक्रोश दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. इलाज के लिए आयी नोनियाडीह निवासी रूकमिणी देवी, राजनडिह की शांति देवी,मुन्नी देवी, पड़रिया से आयी उर्मिला देवी, सिंयावक की राधिका देवी, आदि लोगों ने बताया कि हम गरीबों का तो अब भगवान ही सहारा है.
बच्चा बीमार है किसी को खांसी है, तो किसी को पेट दर्द, किसी को बुखार तो किसी की हड्डी टूटी हुई है. इलाज के लिए हमारे पास पैसा नहीं है. अस्पताल में जाने पर डॉक्टर दवा लिख बाहर से लेने के लिए कहते है. एक तरफ अस्पताल में दवाओं का घोर अभाव है, तो वहीं दूसरी तरफ सुविधा भी नदारत है. अस्पताल में पदस्थापित डॉ कृष्ण मोहन ओझा ने बताया कि प्रभारी जी समेत हमलोग तीन डॉक्टर है, लेकिन डॉ दिनेश्वर प्रसाद सिंह जी का विगत तीन-चार माह से याहां से प्रतिनियुकति किसी दूसरे जगह हो जाने के कारण काफी समय से अस्पताल एक ही डॉक्टर के सहारे चलता है. इससे मरीजों को थोड़ी परेशानी जरूर होती है. वहीं विगत तीन साल से ज्यादा समय से एक्सरे मशीन बंद पड़ा हुआ है.
आइजेइएमएस के पास पूरे बिहार के एक्स-रे का टेंडर है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सतीश सिंह ने बताया कि ओपीडी में 33 प्रकार की दवा उपलब्ध होती है. लेकिन, विगत सात-आठ माह से दवाओं का अभाव है. दवा के उपलब्धता के लिए जिला चिकित्सा पदाधिकारी को लिखा गया है.

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