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सुधा के फुल क्रीम दूध से वंचित हुए उपभोक्ता

बाढ़ के कारण कॉम्फेड में उत्पादन ठप उत्पादन शुरू होने में अब लगेगा हफ्ते भर का समय स्टैंडर्ड मिल्क की कमी नहीं, पर बेचा जा रहा ब्लैक में डेहरी (कार्यालय) : शहर के एनिकट स्थित शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड एंड प्रोडक्ट डेयरी में बाढ़ का पानी घुसने के बाद ठप हुए यूनिट का […]

बाढ़ के कारण कॉम्फेड में उत्पादन ठप
उत्पादन शुरू होने में अब लगेगा हफ्ते भर का समय
स्टैंडर्ड मिल्क की कमी नहीं, पर बेचा जा रहा ब्लैक में
डेहरी (कार्यालय) : शहर के एनिकट स्थित शाहाबाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड एंड प्रोडक्ट डेयरी में बाढ़ का पानी घुसने के बाद ठप हुए यूनिट का असर दिखने लगा है़ सुधा का फुल क्रीम (गोल्ड) दूध उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है़ स्टेंडर मिल्क के उपभोक्ताओं को ब्लैक में दूध खरीदना पड़ रहा है. अधिकारियों की मानें तो यहां प्रोडक्शन ठप होने के बाद प्रभावित इलाके में मोहनिया स्थित प्लांट से दूध की सप्लाइ की जा रही है़ यहां आने वाले कच्चे दुध को भी मोहनिया प्लांट में ही भेज कर पैकिंग का कार्य कराया जा रहा है. इलाके में खपत के अनुरूप दूध की आपूर्ति की जा रही है. मोहनिया से यहां आने का कोई ट्रांस्पोर्टिंग चार्ज नहीं बढ़ाया गया है और न ही दूध की कीमत में कोई बढ़ोतरी की गयी है.
अधिकारियों के उक्त कथन के बावजूद मांग के अनुरूप यहां दूध की आपूर्ति होते नहीं दिख रही है. कई दुकानें दूध कम रहने के कारण पहले से निर्धारित समय से पहले ही बंद हो जा रही है. वहीं, कई उपभोक्ताओं ने यह आरोप लगाया है कि 19 रुपये की दूध का पैकेट 25 रुपये व 38 रुपये लीटर का दूध 44-45 रुपये में बिक रहा है़ कुछ दुकानदारों द्वारा यह कह कर प्रिंट मूल्य से अधिक राशि मांगा जा रहा है कि डेहरी की जगह मोहनिया से दूध आने में ट्रांस्पोर्टिंग कॉस्ट बढ़ रहा है. इस लिए आप से पहले से अधिक पैसा लिया जा रहा है.
निर्धारित मूल्य सेअधिक राशि वसूली जा रही है. उधर, अधिकारी दूध के मूल्य में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं किये जाने की बात बताते हैं.
फिर पानी आया तो, होगा और विलंब: एनिकट स्थित सुधा दूध प्लांट को शुरू होने में हफ्ते भर का समय लगने की बात अधिकारी बताते हैं. उनका कहना है कि प्लांट के अंदर से पानी निकाल कर मोटर व अन्य आवश्यक मशीन को बनाने के लिए भेजा गया है. अगर पुनः बाढ़ का प्रकोप नहीं हुआ, तो हफ्ते दो हफ्ते के अंदर प्लांट शुरू हो जायेगा. लेकिन, कहीं अगर पुनः बाढ़ का पानी आ जाता है तो प्लांट के शुरू होने में काफी समय लग सकता है.
नहीं दें अधिक राशि: सुधा दूध के मार्केटिंग इंचार्ज अभिषेक कुमार का कहना है कि मोहनिया प्लांट से भरपूर मात्रा में दूध प्राप्त हो रहा है. दूध की कोई कमी नहीं है. ट्रांस्पोर्टिंग के लिए कोई एक्स्ट्रा राशि नहीं ली जा रही है. इस लिए उपभोक्ता दूध के लिए कोई अधिक राशि न दें. अगर किसी दुकानदार द्वारा अधिक राशि मांगी जा रही है, तो तुरंत उसकी शिकायत डेहरी कार्यालय में करें निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी.
दुकानदार उठा रहे मजबूरी का फायदा
शहर के निवासी सिंटू सिंह, नसीम अहमद, समाजसेवी मुन्ना सिंह, बाबू गुप्ता आदि कहते है कि सुधा दूध के अधिकारी चाहे जो दावा कर लें लेकिन एक बात तो सत्य है कि यहां दूध दुकानदार निर्धारित राशि से अधिक पैसा ले कर ही दूध दे रहे हैं. बाढ़ से परेशान लोगों का मजबूरी से फायदा उठाने में जुटे दुकानदारों पर कार्रवाई करने की जगह अधिकारी अपने पीठ स्वयं थपथपा रहे हैं. उन्होंने वरीय अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप कर उपभोक्ताओं के पास भरपूर मात्रा व निर्धारित दर पर दूध उपलब्ध कराने की मांग की है.
यहां होती है दूध की सप्लाइ
इस प्लांट से डेहरी डालमियानगर शहर के 60 बूथ, सासाराम में 65 बूथ व औरंगाबाद के 35 बूथों पर दूध की आपूर्ति होती है. जहां उपभोक्ताओं को दूध उपलब्ध कराया जाता है. सूत्रों के अनुसार डेहरी शहर के बूथों से 4000 लीटर, सासाराम से 4000 लीटर व औरंगाबाद से1200 लीटर फुल क्रीम दूध का बिक्री होती है. औरंगाबाद में 3000 लीटर स्टेंडर मिल्क की मांग के अलावा डेहरी व सासाराम में भी इस दूध की मांग काफी है. बिक्रमगंज व नासरीगंज इलाके में यहां व आरा से भी दूध आता है.

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