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दक्षिण भारत को जा रहा डेहरी का धान

डेहरी ऑन सोन : सरकार के किसानों से धान खरीद में बिचौलियों की भागीदारी को समाप्त करने की मुहिम पर पानी फिरता नजर आ रहा है. किसानों से धान खरीद का निर्धारित लक्ष्य ईमानदारी पूर्वक पूरा होगा, इस बात पर प्रश्नचिह्न लग गया है. अब तक डेहरी रेलवे स्टेशन से पांच रैक धान दक्षिण भारत […]

डेहरी ऑन सोन : सरकार के किसानों से धान खरीद में बिचौलियों की भागीदारी को समाप्त करने की मुहिम पर पानी फिरता नजर आ रहा है. किसानों से धान खरीद का निर्धारित लक्ष्य ईमानदारी पूर्वक पूरा होगा, इस बात पर प्रश्नचिह्न लग गया है. अब तक डेहरी रेलवे स्टेशन से पांच रैक धान दक्षिण भारत भेजे जा चुका हैं.
अभी भी रैक पर धान लद रहा है. आगे अभी और धान दक्षिण भारत को भेजना जारी रहेगा. ऐसी स्थिति में जब अनुमंडल क्षेत्र का सारा धान दक्षिण भारत को चला जायेगा, तब खरीद का लक्ष्य कैसे पूरा होगा? क्या यहां फिर किसी दूसरी जगह से बिचौलिये धान खरीद कर कागजी खानापूर्ति पूरा कर मालामाल नहीं होंगे? अभी किसानों से धान खरीदी पैक्सों व अन्य सरकारी संस्थानों द्वारा जिले में कितनी की गयी है, यह सरकारी महकमे को पता है. उन्हें यह भी पता है कि अब तक कितना धान किसान व्यवसायियों को बेच चुके हैं और कितना उनके पास शेष बचा है.
बावजूद संबंधित अधिकारी न तो सरकारी स्तर पर धान खरीद में तेजी लाते दिखते हैं और न ही अनुमंडल क्षेत्र का धान दक्षिण भारत न जाये, इसका प्रयास करते हैं. ऐसी स्थिति में धान खरीद का निर्धारित लक्ष्य कैसे पूरा होगा, यह समझ से परे है.
रेलवे रैक से हो रही धान की ढुलाई: डेहरी रेलवे स्टेशन पर धान की कुटाई के साथ ही रैक से ढुलाई का कार्य भी शुरू हो गया. दिसंबर माह में पहला रैक निकला, जो लगातार अब तक जारी है. जानकारी के अनुसार, एक रैक में 20 से 21 सौ टन धान लोड किया जाता है, जबकि रेलवे द्वारा साढ़े 26 सौ टन का भाड़ा व्यापारी से लिया जाता है. इसके कारण यह है कि धान का बोरा रेलवे बैगन में कम आता है. इससे धान का वेट कम होता है.
सूत्र यह भी बताते हैं कि इससे धान व्यवसायियों को एक तरफ जहां काफी लाभ मिल रहा हैं, वहीं किसान सरकारी खरीद के पचरे से ऊब कर औने-पौने दाम पर व्यवसायियों को धान बेचने को मजबूर हैं. धान यहां से रैक द्वारा भेजने के क्रम में इनकम टैक्स व सेल्स टैक्स अदा करने की प्रक्रिया का अनुपालन हो रहा है या नहीं, यह भी जांच का विषय है. इस संबंध में सेल्स टैक्स व इनकम टैक्स के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो पायी.
भेजे गये पांच रैक धान
रेलवे स्टेशन के माल गोदाम प्रभारी दिनेश प्रसाद कहते हैं कि अभी तक पांच रैक धान भेजे जा चुके हैं. छठा रैक लगा है, जिस पर धान लादा जा रहा है. शहर की दो कंपनियां गुप्ता ट्रेडिंग व अशोका ट्रेडिंग द्वारा रेलवे का रैक का बुकिंग कराया गया है. इन कंपनियों द्वारा यहां लदे धान को दक्षिण भारत में भेजा जा रहा है. इससे रेलवे की आमदनी बढ़ी है.

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