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जज बोले, नहीं होती लोक अदालत में हार
राष्ट्रीय लोक अदालत. दिन भर कोर्ट परिसर में रही गहमागहमी सासाराम (कोर्ट) : व्यवहार न्यायालय परिसर के वृंदावन पार्क में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगायी गयी. इसमें अलग-अलग वादों के 2,664 मामलों का निष्पादन किया गया. इसमें बैंक, बीमा कंपनी, टेलीफोन, बिजली, भूमि अधिग्रहण, जमीन विवाद, उपभोक्ता फोरम, मनरेगा, मजदूरी, वन विभाग, माप तौल, […]
राष्ट्रीय लोक अदालत. दिन भर कोर्ट परिसर में रही गहमागहमी
सासाराम (कोर्ट) : व्यवहार न्यायालय परिसर के वृंदावन पार्क में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगायी गयी. इसमें अलग-अलग वादों के 2,664 मामलों का निष्पादन किया गया. इसमें बैंक, बीमा कंपनी, टेलीफोन, बिजली, भूमि अधिग्रहण, जमीन विवाद, उपभोक्ता फोरम, मनरेगा, मजदूरी, वन विभाग, माप तौल, उत्पाद, पारिवारिक मामले व दाखिल खारिज आदि से संबंधित विवादों का निष्पादन किया गया.
इसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार प्रकाश चंद जायसवाल, डीएम अनिमेष कुमार पराशर, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश जाफर इमाम मलिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार द्वितीय व एएसपी सुशांत कुमार सरोज ने संयुक्त रूप से दीप जला कर किया.
कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता प्रवीण कुमार दूबे ने किया. पीएलवी द्वारा अतिथियों का स्वागत बूके देकर किया गया. जिल जज ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में मुकदमों का निष्पादन एक दिन में हो जाता है. साथ ही किसी प्रकार का कोई कोर्ट फीस भी नहीं लगता है.
लोक अदालत के माध्यम से मुकदमों के निष्पादन पर किसी भी पक्ष की हार नहीं होती, बल्कि दोनों पक्ष विजयी होते हैं. जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि लोगों को लोक अदालत के माध्यम से अपने मुकदमों का निष्पादन कराना चाहिए. इससे समय व पैसे दोनों की बचत होती है. उधर, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि परिवार में छोटी-मोटी घटनाएं हमेशा होती रहती हैं. लोगों को अपनी समस्याओं का समाधान हरसंभव अपने घरों में ही कर लेनी चाहिए, ताकि न्यायालय में आना न पड़े.
एएसपी सुशांत सरोज ने कहा कि न्यायालय में मुकदमों के निष्पादन पर परिवार के बच्चों व अगली पीढ़ी पर उसका सुखद अनुभव देखने को मिलता है. पारिवारिक विवादों के समाप्त होने से बच्चों में भी खुशी होती है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार द्वितीय ने कहा कि लोक अदालत सुलहनीय मुकदमों के निष्पादन का एक उचित माध्यम है.
बनाये गये थे 20 बेंच
लोक अदालत में मामलों के निष्पादन के लिए 20 बेंच बनाये गये थे. हर बेंच के साथ दो-दो अधिवक्ताओं को पीठासीन पदाधिकारी बनाया गया था. उक्त लोग अदालत के बेंच एक में एडीजे चार-उमा शंकर द्विवेदी थे. उन्होंने मोटर दावा क्लेम के 10 मामलों का निष्पादन किया.
बेंच दो में एडीजे पांच ओम प्रकाश श्रीवास्तव के नेतृत्व में पीएनबी से संबंधित 85 मामलों का निष्पादन किया गया. वहीं, बेंच तीन में एडीजे सात रामबाबू त्रिपाठी द्वारा 44 मामलों का निष्पादन हुआ. इनमें एसबीआइ से संबंधित वाद शामिल थे. बेंच चार में एडीजे तीन सुरेश कुमार सिंह प्रथम के नेतृत्व में मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के तीन थानों के शाखाओं के वाद निष्पादित किया गया.
बेंच पांच में एडीजे दो विजय कुमार के नेतृत्व में तीन थानों के बैंकों की शाखाओं के वाद निष्पादित किये गये. बेंच छह में एडीजे नौ द्वारा अन्य बैंकों के वाद का निबटारा किया गया. बेंच सात में एडीजे आठ मधुकर कुमार द्वारा इलाहाबाद बैंक व फाइनेंस कंपनी से संबंधित वादों का निष्पादन किया. वहीं, बेंच आठ में सब जज आठ प्रकाश कुमार शरण द्वारा जमीन विवाद से संबंधित मामलों का निष्पादन किया.
बेंच नौ में एडीजे छह पारसनाथ सिंह द्वारा दूर संचार से संबंधित मुकदमों का निबटारा किया. बेंच 10 में सीजेएम अली अहमद द्वारा बिजली विभाग के मुकदमों का निष्पादन किया गया. वहीं, बेंच 11 में एसडीजेएम मधुकर सिंह द्वारा भी बिजली विभाग से संबंधित मामलों का निबटारा किया. बेंच 12 में सब जज तीन सूर्यकांत द्वारा भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुकदमों का निबटारा किया गया. बेंच 13 में प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार जायसवाल द्वारा परिवाद व जीआर से संबंधित मुकदमों का निष्पादन किया गया.
बेंच 14 में सब जज नौ सुनील कुमार चौबे द्वारा 107 व 144 धाराओं के मुकदमों का निष्पादन किया गया. वहीं, बेंच 15 में न्यायिक दंडाधिकारी ऋषि गुप्ता द्वारा उपभोक्ता फोरम से संबंधित वादों को देखा गया. बेंच 16 में सब जज 10, बसंत कुमार द्वारा मनरेगा व रेवेन्यू से संबंधित मामलों को निबटाया गया. बेंच 17 में सब जज-11 सत्येंद्र सिंह द्वारा लेबर डिपार्टमेंट से संबंधित वादों का निबटारा किया.
बेंच संख्या-18 में न्यायिक दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार राय द्वारा वन, उत्पाद व माप तौल से संबंधित वादों का निबटारा किया गया. वहीं, बेंच संख्या-19 में सब जज-4 श्रीमती ऋचा भार्गव द्वारा पारिवारिक वादों का निष्पादन किया गया. बेंच संख्या 20 में सब जज पांच संजय सिंह द्वारा दाखिल खारिज से संबंधित मामले निबटाये.
26 लाख रुपये का राजस्व
लोक अदालत में विभिन्न वादों के निबटारे से सरकार को 25 लाख 95 हजार 764 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ. साथ ही एक करोड़ 33 लाख 15 हजार 522 रुपये के मुकदमों का सेटलमेंट किया गया. समाचार लिखे जाने जाने तक लोक अदालत की कार्रवाई चल रही थी.
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