Advertisement
सात दवाओं से चल रहा काम
सासाराम (ग्रामीण). मरीजों का इलाज करने वाला सदर अस्पताल खुद अपने इलाज का मुहताज है. चौंकिए मत, सदर अस्पताल में हर रोज पांच सौ से एक हजार तक मरीज पंजीकृत होते हैं. लेकिन, सदर अस्पताल में मरीजों के बीच आपूर्ति की जाने वाली दवाओं का टोटा है. ऐसी स्थिति में मरीजों को दवाओं की खरीदी […]
सासाराम (ग्रामीण). मरीजों का इलाज करने वाला सदर अस्पताल खुद अपने इलाज का मुहताज है. चौंकिए मत, सदर अस्पताल में हर रोज पांच सौ से एक हजार तक मरीज पंजीकृत होते हैं. लेकिन, सदर अस्पताल में मरीजों के बीच आपूर्ति की जाने वाली दवाओं का टोटा है.
ऐसी स्थिति में मरीजों को दवाओं की खरीदी बाजार से करनी पड़ती है. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, सदर अस्पताल लगायी गयी दवाओं की सूची में 33 प्रकार की दवाओं की आपूर्ति करनी है. लेकिन, हर रोज एक-एक कर के दवाइयां समाप्त हो रही हैं. अब सदर अस्पताल में महज सात प्रकार की दवाइयां ही उपलब्ध है. वहीं, आपातकालीन विभाग में महज बैंडेज, मलहम व टेटनस का इंजेक्शन उपलब्ध है. ऐसी स्थिति में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन, विभागीय अधिकारी कान में तेल डाल कर सोये हुए हैं.
रोज सात सौ वैक्सीन की जरूरत
सदर अस्पताल सहित जिले के अनुमंडलीय अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पिछले सात महीनों से एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है. आकड़ों के मुताबिक, महज सदर अस्पताल में प्रतिदिन सात सौ से एक हजार के बीच इंजेक्शन की जरूरत है. लेकिन, इतने मरीजों को फिलहाल बाहर से इंजेक्शन खरीद कर लेना पड़ता है. जिले के अस्पताल महज शोभा की वस्तु बन कर रही गयी है.
दवा खरीदने से परहेज कर रहे सीएस
गौरतलब है कि पूर्व में दवा खरीद में हुए घोटाले के बाद विभाग ने दवाओं की सेंपल जांच के लिए कमेटी गठित किया है. ऐसी स्थिति में सीएस व रोगी कल्याण समिति द्वारा दवाओं की खरीदी की जानी थी. लेकिन, अब तक दवाओं की खरीदी नहीं हो पायी है. अधिकारी इस संबंध में टाल-मटोल कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, सेंपल जांच की रिपोर्ट के बाद दवा खरीदी का मार्ग प्रशस्त होने की संभावना है. फिलहाल, सीएस दवा खरीदने से परहेज करते हैं.
बाहर की दवा लिखने से परहेज करते है डॉक्टर
मरीजों को दवा खरीदने में अतिरिक्त रुपये खर्च करने पड़ते हैं. चूंकि, आवश्यकता के अनुसार अस्पताल में दवाइयां उपलब्ध नहीं है. यहीं नहीं, चिकित्सक फंसने के भय से सभी मरीजों को बाहर की दवाइयां भी लिखने से परहेज करते हैं. कुछ मरीजों को सादी परची पर बाहर की दवाइयां लिखी जाती है, जिससे मरीजों को परेशानी होती है.
अस्पताल आने पर भी नहीं मिली दवा
अधिकारियों की लापरवाही के कारण अस्पताल में दवाइयां नहीं हैं. मुझे तीन दिनों से सर्दी व बुखार है. लेकिन, अस्पताल आने के बाद भी दवा नहीं मिली.
मालती देवी
मरीज, सदर अस्पताल, सासाराम
जल्द खरीदी जायेगी दवा
दवाओं की खरीदी जल्द की जायेगी. अभी हाल में ही मैंने योगदान दिया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. जो दवाइयां उपलब्ध नहीं है, उसकी सूची मांगी गयी है. सूची मिलने पर दवाओं की खरीदी होगी.
डॉ जय शंकर प्रसाद, सिविल सर्जन, रोहतास
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement