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मरीज समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं से हो रहे वंचित

उदासीनता . एपीएचसी, कोसंदा को अपना भवन नसीब नहीं भवन निर्माण के एक दशक बाद भी केंद्र को नहीं मिला भवन सूर्यपुरा (रोहतास) : सूबे की सरकार राज्य के विकास के लिए सात निश्चय ठान लिया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह रवैये से सूर्यपुरा प्रखंड के कोसंदा में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आज […]

उदासीनता . एपीएचसी, कोसंदा को अपना भवन नसीब नहीं

भवन निर्माण के एक दशक बाद भी केंद्र को नहीं मिला भवन
सूर्यपुरा (रोहतास) : सूबे की सरकार राज्य के विकास के लिए सात निश्चय ठान लिया है. जबकि स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह रवैये से सूर्यपुरा प्रखंड के कोसंदा में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आज तक अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है. भवन निर्माण के एक दशक बाद भी विभाग को भवन नहीं सौंपा गया. भवन आज खंडहर में तब्दील हो गया है. केंद्र को अपना भवन नहीं होने के कारण क्षेत्र के ग्रामीणों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है. स्थानीय प्रखंड मुख्यालय के अंतिम छोर पर बसे सूर्यपुरा से लगभग 10 किलोमीटर दूर गोशलडीह पंचायत के कोसंदा गांव में नेता चितरंजन प्रसाद के अथक प्रयास से दावथ पीएचसी के अंतर्गत कोसंदा में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सृजन किया गया था.
श्री प्रसाद ने अपने ही घर में स्वास्थ्य केंद्र का संचालन शुरू करवाया था, स्वास्थ्य विभाग तथा भवन निर्माण विभाग की लापरवाही के कारण आज भी स्वास्थ्य केंद्र उसी भवन में चल रहा है. स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित आयुष चिकित्सक डाॅ अमरजीत सिंह ने बताया कि यहां पर हम वर्ष 2010 में आया हूं. जहां प्रत्येक दिन इलाज के लिए लगभग एक दर्जन रोगियों की संख्या रहती है. जहां सहयोगी में दो एएनएम प्रतिभा दीक्षित, इंदु कुमारी नियुक्त हैं. जानकारों का कहना है कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कम- से- कम छह बेड होना चाहिए तथा उसी के अनुरूप सभी संसाधन भी उपलब्ध कराना है. जबकि यहां संसाधन का भी अभाव है. बताया जाता है कि कोसंदा निवासी माला गिरि ने स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए अपना भूमि राज्यपाल को दान कर दिया था़ इस पर भवन निर्माण विभाग ने प्रखंड के माध्यम से स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए भवन का निर्माण करवाया था. लेकिन उस भवन को अब तक स्वास्थ्य विभाग को सुपुर्द नहीं किया गया. आज वह भवन खंडहर में तब्दील हो गया है. परिसर में पेड़- पौधे उग आये हैं. भवन के अंदर मवेशी का चारा तथा ओपले रखे हुए हैं. साथ ही मवेशियों का चारागाह बना हुआ है.
कोसंदा निवासी पूर्व बीडीसी श्री राम कहते हैं कि हम सभी ग्रामीणों के अथक प्रयास के बाद भी आज तक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपना भवन नहीं मिल पाया. राज्य सरकार एवं विभाग के उदासीन रवैये से क्षेत्र के ग्रामीणों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है. ग्रामीण रामराज सिंह कहते हैं कि सूर्यपुरा प्रखंड का निर्माण हुए लगभग 22 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के अंतिम छोर पर बसे कोसंदा सहित गोशलडीह पंचायत के लोगों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल सका है.
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रखंड क्षेत्र में कुल छह स्वास्थ्य उपकेंद्र है, जिसमें मात्र तीन ईमिरिता, शिवोबहार तथा अगरेड़खुर्द में ही भवन का निर्माण हुआ है बाकी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कोसंदा, तीन सुरहुरिया, गोशलडीह के स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन निर्माण के लिए विभाग द्वारा समय- समय पर मांगी गयी रिपोर्ट उपलब्ध करायी गयी है.
शमशाद अहमद, स्वास्थ्य प्रबंधक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सूर्यपुरा

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