दालकोला चेकपोस्ट. वसूली के बाद पार होते हैं ओवरलोड वाहन
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इंट्री माफिया का खेल जारी
दालकोला चेकपोस्ट. वसूली के बाद पार होते हैं ओवरलोड वाहन दालकोला स्थित चेकपोस्ट पर इंट्री माफिया का खेल लगातार जारी है. ओवरलोड ट्रक व कंटेनर बेरोक-टोक चेकपोस्ट को पार कर जिले में प्रवेश कर रहे हैं. इस दौरान लाखों की वसूली हो रही है. पूर्णिया : गेटवे ऑफ बिहार दालकोला स्थित चेकपोस्ट पर इंट्री माफियाओं […]
दालकोला स्थित चेकपोस्ट पर इंट्री माफिया का खेल लगातार जारी है. ओवरलोड ट्रक व कंटेनर बेरोक-टोक चेकपोस्ट को पार कर जिले में प्रवेश कर रहे हैं. इस दौरान लाखों की वसूली हो रही है.
पूर्णिया : गेटवे ऑफ बिहार दालकोला स्थित चेकपोस्ट पर इंट्री माफियाओं का खेल जारी है. इससे राज्य सरकार को प्रतिमाह करोड़ों के राजस्व का चूना लग रहा है. वजह यह है कि इंट्री माफिया और अधिकारियों के गंठजोड़ से ओवरलोड ट्रक व कंटेनर बेरोक-टोक चेकपोस्ट को पार कर जिले में प्रवेश कर रहे हैं. खास बात यह है कि ओवरलोड वाहनों की अवैध इंट्री के एवज में मोटी रकम वसूली जाती है.
मोटे अनुमान के तौर पर 200 से 300 ऐसे वाहन रात के अंधेरे में प्रतिदिन चेकपोस्ट पार कर रहे हैं. जाहिर है कि प्रतिदिन लाखों की कमाई हो रही है. इस प्रकार बंगाल से आने वाला बालू और गिट्टी दालकोला चेकपोस्ट पर पहुंच कर सोना में तब्दील हो रहा है. हैरानी की बात यह है कि इस मामले में अधिकारी भी कुछ बोलने से कतराते हैं.
जाहिर है कि लूट के इस खेल में सबों का मेल है.
कोड वर्ड के सहारे पास होती है गाड़ियां
दालकोला चेकपोस्ट से पहले बिहार-बंगाल की सीमा पर लाइन होटल में माफियाओं का अघोषित कार्यालय संचालित हो रहा है. जानकार बताते हैं कि दालकोला का एक चर्चित होटल व्यवसायी इस धंधे का मास्टर माइंड है. जानबूझ कर बंगाल क्षेत्र में इस तरह के कार्यालय संचालित होते हैं, ताकि किसी भी तरह के जांच पड़ताल के लफड़े से बचा जा सके. ओवरलोड वाहन चालक सबसे पहले इन्हीं कार्यालयों में संपर्क स्थापित करते हैं.
ट्रक चालकों से राशि लेकर उन्हें कोड वर्ड दिया जाता है. दालकोला चेकपोस्ट पर प्रतिनियुक्त अधिकारियों को वह कोड वर्ड पता होता है. जब संबंधित ट्रक चालक चेकपोस्ट पहुंचते हैं तो अपना कोड वर्ड बताते हैं और वहां से बेरोक-टोक पार कर जाते हैं. जो वाहन बिना कोड वर्ड के पकड़े जाते हैं तो उनसे तय जुर्माना वसूला जाता है और चेकिंग अभियान में जब्ती दिखा कर खुद अपनी पीठ अधिकारी थपथपाते हैं.
अधिक कमाई के चक्कर में करते हैं समझौता
एनएच 31 देश के व्यस्ततम सड़कों में शामिल है. इसी रास्ते एक तरफ असम तो दूसरी तरफ दिल्ली तक वाहनों का परिचालन होता है. इसमें सबसे अधिक संख्या ट्रक और कंटेनरों की है. गिट्टी-बालू के अलावा लोहा, लकड़ी, कोयला आदि का भी बड़े पैमाने पर इस मार्ग पर परिवहन होता है. लेकिन अधिक लाभ के चक्कर में ये बड़े वाहन चालक परिवहन नियमों की अवहेलना कर निर्धारित मात्रा से अधिक वजन लोड करते हैं. इसी वजह से मजबूरन जुर्माना से बचने के लिए वाहन चालकों को इंट्री माफिया की शरण में जाना पड़ता है. वाहन चालकों को इससे लाभ तो हो ही रहा है, संबंधित अधिकारी और पुलिस भी मालामाल हो रहे हैं.
अवैध इंट्री के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. समय-समय पर परिवहन विभाग द्वारा और खनन विभाग द्वारा जांच-पड़ताल की जाती है और कार्रवाई भी होती है.
कृष्ण मोहन सिंह, डीटीओ, पूर्णिया
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