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पीकेडीएल से की जा रही कालाजार की पहचान

पूर्णिया : जिले में सघन अभियान चला कर वर्ष 2016-17 में 117 रोगी पोस्ट कालाजार डर्मल लिसमेनियसिस की पहचान की गयी. पीकेडीएल से ही कालाजार फैलता है. यह बीमारी भंडार का काम करता है. इसकी तत्परतापूर्वक खोज के बाद रोगी की जांच की जाती है. इसकी जांच स्किन स्निफ स्मोर टेस्ट के अंतर्गत सदर अस्पताल […]

पूर्णिया : जिले में सघन अभियान चला कर वर्ष 2016-17 में 117 रोगी पोस्ट कालाजार डर्मल लिसमेनियसिस की पहचान की गयी. पीकेडीएल से ही कालाजार फैलता है. यह बीमारी भंडार का काम करता है. इसकी तत्परतापूर्वक खोज के बाद रोगी की जांच की जाती है. इसकी जांच स्किन स्निफ स्मोर टेस्ट के अंतर्गत सदर अस्पताल में की जाती है.

इस रोग में रोगी के चमड़े पर कई जगह चकत्ते हो जाते हैं.

सिंगिल डोज से किया जा रहा इलाज : जिले के अमौर, बनमनखी, धमदाहा एवं सदर अस्पताल में कालाजार के रोगी का इलाज सिंगिल डोज से किया जा रहा है. शेष सभी प्रखंडों में इलाज हेतु मिल्टी फोसेन 10 मिलीग्राम एवं 50 मिलीग्राम की गोली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध है. सिंगिल डोज के अंतर्गत कालाजार के रोगी को मात्र एक सूई एमबीसोम लगाया जाता है और एक दिन में छुट्टी दे दी जाती है.
रोकथाम एवं उन्मूलन के लिए गुणात्मक छिड़काव व उपचार किया जा रहा है. लोगों में रोग के प्रति जागरूकता के लिए बैनर, पोस्टर, हैंडबिल, रेडियो एवं फिल्म प्रदर्शन किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में माइकिंग भी करायी जा रही है.
डा सीएम सिंह, जिला मलेरिया पदाधिकारी, पूर्णिया.

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