दुस्साहस . निगम के बस परिचालन में दबंग पैदा कर रहे अवरोध
Advertisement
बसों में आग लगाने की धमकी
दुस्साहस . निगम के बस परिचालन में दबंग पैदा कर रहे अवरोध जब से परिवहन निगम की ओर से 14 बसों का परिचालन शुरू हुआ है, प्राइवेट बस संचालक परेशान हो गये हैं. निगम के बस चालकों व कंडक्टरों को धमकी दी जा रही है. उनकी बसों से यात्रियों को जबरन उतार प्राइवेट बसों में […]
जब से परिवहन निगम की ओर से 14 बसों का परिचालन शुरू हुआ है, प्राइवेट बस संचालक परेशान हो गये हैं.
निगम के बस चालकों व कंडक्टरों को धमकी दी जा रही है. उनकी बसों से यात्रियों को जबरन उतार प्राइवेट बसों में बैठाया जाता है. इससे परेशान होकर निगम के प्रमंडलीय प्रबंधक ने जिलों के एसपी को पत्र लिख कर ऐसे अराजक तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
पूर्णिया : लगभग दो दशक के बाद राज्य पथ परिवहन निगम की सूरत बदलती नजर आयी, तो यह दबंग प्राइवेट बस चालकों रास नहीं आया. नतीजा यह है कि निगम के संरक्षण में आधुनिक सुविधा से लैस 14 बसों का परिचालन तो शुरू हो गया,
लेकिन इन बसों में यात्रियों का टोटा है और बस के चालक तथा कंडक्टर दहशत में हैं. वजह यह है कि प्राइवेट बस के संचालक इन सरकारी बसों के चालक व कंडक्टर के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और धमकी भी देते हैं. हद तो यह है कि प्राइवेट बस के चालक व कंडक्टर इन बसों से जबरन यात्रियों को खींच ले जाते हैं. प्राइवेट बसों के कर्मी व संचालकों की दबंगई के सामने सरकारी बस के चालक व कंडक्टर खामोश रहने में ही भलाई समझते हैं. मामले की जब हद हो गयी, तो प्रमंडलीय प्रबंधक ने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज कर समस्या से अवगत कराया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.
प्राइवेट बस संचालक कर रहे हैं मनमानी : परिवहन निगम के बस का परिचालन आरंभ हुए बमुश्किल एक सप्ताह ही बीता है, लेकिन प्राइवेट बस संचालक व उसके कर्मी लगातार निगम के बस परिचालन में व्यवधान पैदा कर रहे हैं. बस चालक व कर्मी बताते हैं कि प्राइवेट बस वाले जबरदस्ती थाना चौक स्थित सरकारी बस स्टैंड में भी घुस जाते हैं और यात्रियों को जबरन सरकारी बस से उतार कर प्राइवेट बस में चढ़ा ले जाते हैं.
यही नहीं रास्ते में भी यात्री चढ़ाने व उतारने के क्रम में अवरोध खड़ा किया जाता है. मना करने पर निगम के कर्मियों के साथ मारपीट करने पर वे उतारू हो जाते हैं. इसके अलावा रास्ते में यात्रियों को चढ़ाने पर बस में आग लगाने की धमकी दी जाती है. इस वजह से निगम के बस चालक व कंडक्टर की जान सांसत में रहती है.
प्रमंडलीय प्रबंधक ने लिखा पत्र
संबंधित थानाध्यक्षों से सहयोग करने की मांग
परिवहन निगम के बस कर्मी दहशत में हैं. इस वजह से निगम के प्रमंडलीय प्रबंधक ने पूर्णिया, मधेुपरा, सहरसा व अररिया के पुलिस अधीक्षकों को 23 फरवरी को पत्र लिख कर निजी परिवहन कर्मियों द्वारा पैदा किये जा रहे व्यवधान पर रोक लगाने की मांग की है. अपने पत्र में प्रमंडलीय प्रबंधक ने कहा है कि निगम की बसों को रौटा,
बायसी, जीरो माइल गुलाबबाग, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, कटिहार आदि जगहों पर निजी परिवहन के कर्मचारी एवं एजेंटों द्वारा परिचालन में व्यवधान खड़ा किया जा रहा है. निगम के कर्मियों को ऐसे लोगों द्वारा धमकाया जाता है और बसों को खड़ा करने एवं यात्री लेने में भी निजी एजेंट व्यवधान पैदा कर रहे हैं. संबंधित थानाध्यक्षों से प्रशासनिक सहयोग व संरक्षण की मांग की गयी है.
प्रधान सचिव भी भेज चुकी हैं पत्र
दरअसल राज्य पथ परिवहन निगमजेएनएनयूआरएम योजना के तहत पूरे राज्य में इस प्रकार के बसों का परिचालन कर रहा है. इस तरह की समस्या लगभग सभी जिलों में उत्पन्न हो रही है. लिहाजा परिवहन विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त के साथ-साथ जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर कहा है कि जेएनएनयूआरएम योजना के तहत संचालित बसें जनता में लोकप्रिय हो रही हैं. ऐसे में निजी बस परिचालक व असामाजिक तत्व निगम की बसों के संचालन को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं. इससे आम जनता को सुलभ परिवहन का उपभोग करने में परेशानी हो रही है. लिहाजा क्षेत्रीय प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों को निगम की बसों के सुलभ परिचालन का निर्देश दिया जाना चाहिए.
बसें आधुनिक, बावजूद यात्रियों का टोटा
एक तरफ जहां प्राइवेट बसों में यात्रियों की भीड़ खचाखच रहती है, छतों पर भी यात्री सवार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर निगम द्वारा संचालित बसों में यात्रियों का टोटा नजर आता है. इस वजह से निगम के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जानकारों की मानें, तो पूर्व में जिस तरह निगम की बसों को बंदी के कगार पर पहुंचा दिया गया था, वही एक बार फिर साजिश रची जा रही है, जबकि निगम द्वारा संचालित बसें प्राइवेट बसों की तुलना में आधुनिक व सुविधाजनक हैं.
इन बसों में सीसीटीवी कैमरा भी लगा हुआ है, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सीटों पर बेल्ट भी लगा हुआ है, जो अचूक सुरक्षा कवच कहा जा सकता है. इसके अलावा बस में माइकिंग व्यवस्था भी उपलब्ध है. सबसे अहम बात यह है कि प्राइवेट बसों की तुलना में इस बस का भाड़ा भी काफी कम है. बावजूद यात्रियों का टोटा होना प्रशासनिक व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है.
अभी तो सिर्फ 14 बसें चल रही हैं. जब 32 बसें और आयेंगी तब क्या होगा, कहना मुश्किल है. प्राइवेट बस वालों की गुंडागर्दी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. सुरक्षा के लिए संबंधित सभी थानाध्यक्ष व जिले के सभी एसपी को पत्र भेजा गया है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. बस के कर्मी बसों का परिचालन करने से डरने लगे हैं. गुंडागर्दी का हाल यह है कि थाना चौक स्थित निगम के अपने बस स्टैंड में भी प्राइवेट बस वालों का हस्तक्षेप हो रहा है.
नरेश झा, प्रमंडलीय प्रबंधक, परिवहन निगम
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement