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छह करोड़ के कारोबार की उम्मीद

उपलब्धि. मेक इन पूर्णिया के रंग-गुलाल से असम व नेपाल में मनेगी होली जिले में बने रंग-गुलाल की डिमांड अधिक होने से इस वर्ष कारोबारियों में खुशी का माहौल है. बंगाल व नेपाल इसके पुराने खरीदार हैं, पर इस वर्ष असम व भूटान से भी यहां के रंग-गुलाल की डिमांड की गयी है. इससे संभावना […]

उपलब्धि. मेक इन पूर्णिया के रंग-गुलाल से असम व नेपाल में मनेगी होली
जिले में बने रंग-गुलाल की डिमांड अधिक होने से इस वर्ष कारोबारियों में खुशी का माहौल है. बंगाल व नेपाल इसके पुराने खरीदार हैं, पर इस वर्ष असम व भूटान से भी यहां के रंग-गुलाल की डिमांड की गयी है. इससे संभावना जतायी जा रही है कि इस बार इसका कारोबार छह करोड़ के पर पहुंच सकता है.
पूर्णिया : होली के त्योहार पर रंग व अबीर का कारोबार इस बार छह करोड़ के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है. यह आंकड़ा बीते वर्ष की तुलना में 40 से 50 फीसदी अधिक है. अबीर को लेकर कारोबारी सफर नेपाल व बंगाल के बाद असम व भूटान तक जा पहुंचा है.
अलबत्ता नोटबंदी के बाद थोक कारोबार में आयी सुस्ती के बावजूद रंग व अबीर का कारोबारी विस्तार जारी है. सिटी निवासी अबीर कारोबारी शशिभूषण जायसवाल व रंग कारोबारी सुनील जायसवाल के मुताबिक होली के त्योहार पर दो नये प्रदेशों में भी पूर्णिया के रंग व अबीर की डिमांड बढ़ी है. हालांकि व्यवसायिक मंडी एवं बंगाल व असम-नेपाल व भूटान की मंडियों में पटना व लखीसराय से भी गुलाल का थोक कारोबार होता है. पर, पूर्णिया के गुलाल व रंग की डिमांड ज्यादा होने से कारोबार में इजाफा के संकेत बन रहे हैं.
पिछले वर्ष करीब चार करोड़ का था बाजार : वैसे तो पूर्णिया सिटी में निर्मित गुलाल व रंग की डिमांड लगातार बढ़ रही है, लेकिन बंगाल व नेपाल इसके पुराने खरीदार रहे हैं. कारोबारियों के अनुसार, बीते वर्ष रंग व गुलाल का कारोबार तकरीबन चार करोड़ तक पहुंच गया था. इस बार असम व भूटान में भी यहां के रंग-गुलाल की जबरदस्त डिमांड है. डिमांड के कारण कारोबारी आंकड़ा तकरीबन 05 से 06 करोड़ तक होने की संभावना जतायी जा रही है.
सैकड़ों महिलाओं व युवाओं के लिए बना है रोजगार
पूर्णिया सिटी में गुलाल व रंग निर्माण का कारोबार दशकों पुराना है. करीब एक दशक पहले जहां यह कारोबार सूक्ष्म लघु उद्योग था, वहीं खरीदारों की बढ़ते डिमांड के साथ अब सूक्ष्म उद्योग का स्वरूप भी बढ़ा है. अलबत्ता बढ़ती मांग को देखते हुए उद्यमी होली से तीन महीने पहले से ही गुलाल व रंग निर्माण का कारोबार शुरू कर देते हैं. विभिन्न रंगों एवं शुद्ध अरारोट से बने गुलाल का यह कारोबार पूर्णिया सिटी के सैकड़ों महिलाओं व बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार भी बन चुका है.
डिमांड लगभग 50 फीसदी ज्यादा
गुलाल कारोबारी के अनुसार, नोटबंदी के बाद थोक कारोबार में आयी सुस्ती के कारण गुलाल बनाने के सामान के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई. बीते वर्ष के समानांतर इस वर्ष भी गुलाल के दाम बाजार में है. हालांकि मजदूरी में थोड़ी बढ़ोतरी है, लेकिन कारोबारी दायरा के बढ़ने से काम बढ़ा है और नये प्रदेशों के बाजार में पूर्णिया के रंग-गुलाल की पैठ बनी है. जिसे देखते हुए दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है. कारोबारी बताते हैं कि इस बार गुलाल के कारोबार में करीब 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जो मंदी के बावजूद एक अच्छे कारोबार संकेत है.

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