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मुजफ्फरपुर के रास्ते हो रहा धंधा

अवैध. नागालैंड व मिजोरम स्टेट लॉटरी के साथ नकली लॉटरी का कारोबार करोड़पति बनने की चाह में कई गरीब लॉटरी की खरीद करते हैं. पर नतीजा यह होता है िक ये गरीब और गरीब होते जाते हैं, जबकि इसके कारोबारी अमीर हो जाते हैं. पूर्णिया : राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1994 में लॉटरी के कारोबार […]

अवैध. नागालैंड व मिजोरम स्टेट लॉटरी के साथ नकली लॉटरी का कारोबार

करोड़पति बनने की चाह में कई गरीब लॉटरी की खरीद करते हैं. पर नतीजा यह होता है िक ये गरीब और गरीब होते जाते हैं, जबकि इसके कारोबारी अमीर हो जाते हैं.
पूर्णिया : राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1994 में लॉटरी के कारोबार पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद से ही सीमांचल में लॉटरी का कारोबार बंगाल के दालकोला से अवैध तरीके से फल-फूल रहा है. इन दिनों शहर के गुलाबबाग, खुश्कीबाग, लाइन बाजार, बस स्टैंड आदि जगहों पर धड़ल्ले से लॉटरी टिकटों की बिक्री जारी है.
विगत तीन जुलाई को पुलिस की कार्रवाई के बाद गायब हुए अवैध लॉटरी कारोबारी एक बार फिर शहर में सक्रिय होने लगे हैं. लॉटरी के जैकपॉट को जीत कर रातों-रात करोड़पति बनने का ख्वाब देखने वाले दर्जनों ऐसे लोग हैं, जो अब घर की जमापूंजी भी लॉटरी के खेल में होम कर बरबाद हो चुके हैं. इतना ही नहीं असली लॉटरी के साथ नकली लॉटरी का कारोबार भी धड़ल्ले से जारी है. सूत्रों की मानें तो लॉटरी के धंधे से जुड़े कारोबारियों का करोड़पति होने का राज नकली लॉटरी ही है
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उपेंद्र सहनी है नकली लॉटरी का सरगना : मुजफ्फरपुर का उपेंद्र सहनी नकली लॉटरी कारोबार का सरगना बताया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो उपेंद्र सहनी विगत 25 वर्षों से बिहार में लॉटरी टिकटों का कारोबार कर रहा है. नकली लॉटरी की प्रिटिंग दिल्ली में होती है, जो मुजफ्फरपुर के रास्ते पूर्णिया पहुंचता है. उपेंद्र सहनी का सहकर्मी बीरबल सहनी नकली लॉटरी गंतव्य स्थलों तक पहुंचाने का काम करता है.
सफेदपोश व पुलिस का मिलता रहा है संरक्षण
: लॉटरी के इस काले कारोबार में हमेशा ही सफेदपोशों का संरक्षण मिलता रहा है. सफेदपोशों में कारोबारी से लेकर राजनेता तक शामिल हैं. यही वजह है कि लॉटरी का कारोबार कभी पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाया. वहीं लॉटरी कारोबारियों को पुलिस का भी सीधा संरक्षण प्राप्त है.
सिंघम व डियर लॉटरी का है क्रेज
लॉटरी खरीदारों में नागालैंड स्टेट लॉटरी सिंघम और मिजोरम स्टेट लॉटरी डियर का क्रेज है. दालकोला स्थित रेलवे गुमटी के निकट प्रमुख रूप से जीके एजेंसी व निराला एजेंसी कारोबारियों को लॉटरी आपूर्ति करते हैं. यहां नागालैंड व मिजोरम स्टेट लॉटरी के अलावा बंगाल एवं सिक्किम राज्य लॉटरी उपलब्ध करायी जाती है.
यहां से ही पहले लॉटरी पूर्णिया पहुंचती है और फिर कोसी और सीमांचल के इलाकों में आपूर्ति होती है. अवैध लॉटरी कारोबार में असली लॉटरी की खरीद दालकोला से की जाती है. वहीं मुजफ्फरपुर से नकली लॉटरी का कारोबार किया जा रहा है. इसमें इनाम के नाम पर ग्राहकों को आसानी से लूटा जाता है. समस्या यह है कि असली और नकली का फर्क समझना ग्राहकों के लिए आसान नहीं है. यही वजह है कि कम समय में कारोबारी अकूत संपत्ति अर्जित कर नव धनाढ‍‍्य बन गये हैं, जबकि करोड़पति बनने की उम्मीद में ग्राहक कंगाल होते चले गये हैं.

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