पूर्णिया : शहर में वेंडिंग जोन निर्माण की उम्मीद फुटपाथी दुकानदारों के लिए मृगतृष्णा साबित हो रही है. बीते दो वर्षों से दुकानदारों ने सड़क से लेकर न्यायालय तक की लड़ाई लड़ी है, लेकिन वेंडिंग जोन का सपना अपना नहीं हो सका है. वहीं दूसरी ओर वेंडिंग जोन के अभाव में शहर में यत्र-तत्र दुकानें सजती है और सड़कें अतिक्रमित है.
फुटपाथी दुकानों को शहर के खाली स्थलों पर श्रृंखलाबद्ध तरीके से बतौर वेंडिंग जोन बसाने की न्यायालय के आदेश के बावजूद सपना अधूरा है. स्थिति यह है कि वेंडिंग जोन के बोर्ड तो लगे हैं लेकिन उन जगहों पर फिर से अतिक्रमण फुटपाथी दुकानदारों का शुरू हो गया है.
न्यायालय के आदेश के बावजूद सपना अधूरा : वेंडिंग जोन निर्माण को लेकर जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन अधिनियम 2014 के तहत फुटपाथ दुकानदारों को उच्च न्यायालय से सीडब्ल्यूजेसी नं 9634/2015 के तहत वेंडिंग जोन निर्माण को लेकर सरकार और विभाग को दिशा निर्देश भी प्राप्त है. प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग के पत्रांक संख्या 041 न्या.7/2015 के दिशा निर्देश के बावजूद वेंडिंग जोन का निर्माण पेच में फंसा हुआ है.
दुकानदारों की है अपनी समस्या : सड़क किनारे दुकान सजा कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना दुकानदारों की विवशता है. दुकानदारों ने सड़क से लेकर न्यायालय तक की लड़ाई वेंडिंग जोन के लिए लड़ी और सफलता भी पायी. बावजूद प्रशासनिक व्यवस्था के कारण आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. टीएलएफ के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता एवं उपाध्यक्ष संजय चौधरी ने बताया कि बीते दो वर्ष से फुटकर दुकानदारों को परिचय पत्र नहीं बनाया जा रहा है.
नासवी सौंप चुकी है रिपोर्ट : शहर में हुए सर्वे के बाद नासवी द्वारा 2516 फुटपाथी दुकानदारों की सूची नगर निगम को सौंपी गयी है. जानकार बताते हैं कि तीन हजार से अधिक ऐसे दुकानदार हैं, जिनकी दुकानें सड़क किनारे सजती हैं. समस्या तो यह है कि न तो वेडिंग जोन को लेकर कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और ना ही कोई सिस्टम लागू है. ऐसे में शहर के आर एन साह चौक, लाइन बाजार, गंगा दार्जलिंग सड़क, बस स्टैंड, खुश्कीबाग, गुलाबबाग, मधुबनी इत्यादि जगहों पर जैसे-तैसे फुटपाथी दुकाने सजती है जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है.
फुटपाथ की दुकानों से लगता है जाम
इसमें कोई शक नहीं कि फुटपाथों पर सजने वाली बेतरतीब दुकानें जाम की बड़ी वजह है. सड़कें चौड़ी हो गयी है लेकिन इन सड़कों के आसपास वेंडिंग जोन नहीं होने से फुटकर दुकानदार दुकान सजा देते हैं. उदाहरण के लिए लाइन बाजार से काठपुल तक एवं लाइन बाजार से बड़ी मसजिद तक की सड़क और मधुबनी के अलावा कटिहार मोड़ का दृश्य यह है कि यहां सड़कें चौड़ी तो है लेकिन सड़क पर सजी दुकानों के कारण जाम की समस्या यथावत बनी हुई है.
जाहिर है जब तक वेंडिंग जोन उपलब्ध नहीं होता है, जाम से भी छुटकारा संभव नहीं दिख रहा है.
चार माह पहले जिला प्रशासन और नगर निगम ने शहर में ग्यारह जगहों को वेंडिंग जोन घोषित कर कुछ जगहों पर लगाया था बोर्ड, पर मामला पड़ गया ठंडा
जिला स्तर पर बनी कमेटी न तो फुटपाथी दुकानदारों को पहचान पत्र मुहैया करा रही, न ही अभियान में दिखायी जा रही रुचि