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महाराष्ट्र से लौटे मजदूरों का खुलासा, बीमार होने पर पिलायी जाती थी शराब

रानीपतरा : साहब, यही समझिए कि चार महीने से हमलोग नर्क में रह रहे थे. भरपेट भोजन नहीं दिया जाता था, एक पैसे नहीं दिये जाते थे और विरोध करने पर लाठी और चमड़े के चाबुक से पिटाई की जाती थी. इतना ही नहीं जब हम में से कोई बीमार पड़ता था तो फैक्टरी के […]

रानीपतरा : साहब, यही समझिए कि चार महीने से हमलोग नर्क में रह रहे थे. भरपेट भोजन नहीं दिया जाता था, एक पैसे नहीं दिये जाते थे और विरोध करने पर लाठी और चमड़े के चाबुक से पिटाई की जाती थी. इतना ही नहीं जब हम में से कोई बीमार पड़ता था तो फैक्टरी के मालिक और ठेकेदार दवाई के बदले जबरन शराब पिलाया करता था. कहता था कि शराब पीयोगे तो सब कुछ ठीक रहेगा.

शराब इसलिए भी पीयो कि बिहार लौट कर जाओगे तो पीने के लिए नहीं मिलेगा. उक्त बातें महाराष्ट्र के कोल्हापुर के कागले के विभिन्न फैक्टरियों में बंधक बने रजीगंज पंचायत के साहेब कामत टोला के रिहा हुए पांचों मजदूर ने कहा. गौरतलब है कि पिछले चार माह से इन मजदूरों को कागले के लोहा फैक्टरी में बंधक बना लिया गया था और जबरन काम लिया जा रहा था. इस खबर को प्रभात खबर द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित की गयी थी. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी के निर्देश पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष अमित कुमार के नेतृत्व में टीम कोल्हापुर गयी थी, जहां से 04 सितंबर को इन मजदूरों को मुक्त करा लिया गया.

मजदूरों को ले जाने वाला ठेकेदार गिरफ्तार मजदूरों को बंधक बना कर रखने वाले तीन ठेकेदारों में एक को पूर्णिया पुलिस को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल हुई है. पुलिस ने केनगर निवासी ठेकेदार दिलीप ऋषि को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि बरसौनी निवासी ठेकेदार पिंकू और करण ऋषि फरार होने में सफल रहा. गौरतलब है कि इन्हीं तीनों ठेकेदार ने रजीगंज के 08 मजदूरों को कपड़ा फैक्टरी में 10 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी दिलाने का भरोसा देते हुए कागले ले गया था. जहां कपड़ा फैक्टरी की बजाय लोहा की फैक्टरी में काम कराया जाने लगा. इतना ही नहीं तीनों ठेकेदार ने फैक्टरी मालिक से एडवांस मजदूरी के रूप में 03 लाख रुपये भी ले लिये थे.

बाद में जब मजदूर बीरबल ऋषि, संजय ऋषि, पप्पू ऋषि, विकास ऋषि, मोनू ऋषि, गुलशन ऋषि, अमल ऋषि और मुन्ना ऋषि मजदूरी की मांग करता था तो उन लोगों की बेरहमी से पिटाई की जाती थी. इसी क्रम में 20 अगस्त को बीरबल ऋषि फैक्टरी से फरार होने में सफल रहा. उसके बाद वह भाग कर 30 अगस्त को अपने गांव पहुंचा. तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. उसके बाद मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी और बंधक बने मजदूरों की रिहाई के लिए विशेष टीम कोल्हापुर के लिए रवाना हुई. इसी बीच संजय और पप्पू ऋषि भी फरार होने में सफल रहा. संजय और पप्पू ऋषि के फरार होने के बाद ठेकेदारों ने सभी मजदूरों को अलग-अलग फैक्टरी में काम पर जबरन लगा दिया. इसलिए इन सभी मजदूरों की बरामदगी अलग-अलग फैक्टरी से हुई. साहेब कामत टोला में मनाया गया जश्न रिहा कराए गये पांचों मजदूर के रजीगंज पहुंचने पर पूरे महादलित टोला में उत्सव का नजारा था. मुन्ना ऋषि के पिता चंदन ऋषि बेटे को देखते ही गले लग कर फूट-फूट कर रोने लगे.

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