विडंबना . न्यायालय के आदेश के बाद भी वेडिंग जोन का सपना अधूरा
Advertisement
सड़क पर सजती हैं दुकानें
विडंबना . न्यायालय के आदेश के बाद भी वेडिंग जोन का सपना अधूरा फूटपाथी दुकानदारों को रोजी-रोटी मुहैया कराने तथा शहर को जाम से मुक्त कराने को लेकर न्यायालय के आदेश पर शहर में 11 वेडिंग जोन घोषित किये गये थे. लेिकन इस कार्य को आगे बढ़ाने को लेकर कोई प्रयास नहीं हो रहा है, […]
फूटपाथी दुकानदारों को रोजी-रोटी मुहैया कराने तथा शहर को जाम से मुक्त कराने को लेकर न्यायालय के आदेश पर शहर में 11 वेडिंग जोन घोषित किये गये थे. लेिकन इस कार्य को आगे बढ़ाने को लेकर कोई प्रयास नहीं हो रहा है, जिस कारण इन फुटपाथी दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है साथ ही शहर में सड़क जाम की समस्या बनी हुई है.
पूर्णिया : शहर में वेडिंग जोन के निर्माण को लेकर पिछले दो वर्षों से फुटपाथी दुकानदार संघर्ष कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर वेडिंग जोन के अभाव में शहर में यत्र-तत्र दुकानें सजती है और जाम की समस्या से आम लोग हलकान रहते हैं. विडंबना तो यह है कि फुटपाथी दुकानों को शहर के खाली स्थलों पर शृंखलाबद्ध तरीके से बतौर वेंडिंग जोन बसाने की न्यायालय के आदेश के बावजूद सपना अधूरा है. यह दीगर बात है कि तकरीबन दो माह पहले जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा शहर में करीब 11 जगहों को वेंडिंग जोन घोषित कर कुछ जगहों पर वेंडिंग जोन का बोर्ड भी लगाया गया लेकिन इस दिशा में कार्य शिथिलता का आलम यह है कि बोर्ड लगने के बाद पुन: कोई प्रयास नहीं हो सका और मामला ठंडा पड़ गया.
न्यायालय का है आदेश, मामला पड़ा है ठंडा
वेंडिंग जोन निर्माण को लेकर जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन अधिनियम 2014 के तहत फुटपाथ दुकानदारों को उच्च न्यायालय से सीडब्ल्यूजेसी नं 9634/2015 के तहत वेंडिंग जोन निर्माण को लेकर सरकार और विभाग को दिशा निर्देश भी प्राप्त है. प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग के पत्रांक संख्या 041 न्या.7/2015 के दिशा निर्देश के बावजूद वेंडिंग जोन का निर्माण पेंच में फंसा हुआ है.
शहर में घोषित हैं 11 वेडिंग जोन
किस्मत को कोस रहे फुटपाथी दुकानदार
हर रोज सजती-उजड़ती फुटपाथी दुकानदारों की दुनिया में वेंडिंग जोन एक सपना बना हुआ है. हालात यह है कि सड़क किनारे दुकान सजा कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले दुकानदार सड़क से लेकर न्यायालय तक की लड़ाई में सफलता प्राप्त करने के बावजूद प्रशासनिक व्यवस्था के शिकार होकर अपनी किस्मत को कोस रहे हैं. टीएलएफ के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता एवं उपाध्यक्ष संजय चौधरी ने बताया कि बीते दो वर्ष से फुट कर दुकानदारों को परिचय पत्र नहीं बनाया जा रहा है. दो वक्त की रोटी के लिए सड़क किनारे दुकान लगाना उनकी मजबूरी बनी हुई है.
जहां-तहां सजती हैं दुकानें
वैसे तो शहर में हुए सर्वे के अनुसार नासवी की रिपोर्ट में अब तक 2516 लोगों की सूची फिलहाल निगम को सौंपी गयी है लेकिन यह सूची तीन हजार से अधिक है, जिनकी दुकानें सड़क किनारे सजती है. विडंबना तो यह है कि न तो वेंडिंग जोन को लेकर कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और न ही कोई सिस्टम लागू है. ऐसे में शहर के आरएन साह, लाइन बाजार, गंगा दार्जिलिंग सड़क, बस स्टैंड, खुश्कीबाग, गुलाबबाग, मधुबनी इत्यादि जगहों पर जैसे-तैसे फुटपाथी दुकानें सजती है जिससे अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
जाम का बड़ा कारण है फुटपाथी दुकान
शहर में जाम को लेकर हर रोज उत्पन्न होने वाली समस्या का एक बड़ा कारण मुख्य सड़क के साथ लूप लाइन सड़कों पर सजी फुटपाथी दुकान भी हैं. सड़कें चौड़ी हो गयी है लेकिन इन सड़कों के आसपास वेंडिंग जोन नहीं होने से फुट कर दुकानदार दुकान सजा देते हैं. उदाहरण के लिए लाइन बाजार से काठपुल तक एवं लाइन बाजार से बड़ी मसजिद तक की सड़क और मधुबनी के साथ कटिहार मोड़ का दृश्य यह है कि यहां सड़कें चौड़ी तो है लेकिन सड़क पर सजी दुकानों के कारण जाम की समस्या नासूर बनी हुई है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement