नगर निगम. दिसंबर 2015 में बनी थीं योजनाएं, आज भी स्थिति यथावत
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46 वार्डों की 108 योजनाएं अधर में
नगर निगम. दिसंबर 2015 में बनी थीं योजनाएं, आज भी स्थिति यथावत विकास से लेकर शहर के मूलभूत सुविधाओं से संबंधित ऐसी कई योजनाएं हैं, जो या तो फाइलों में कैद हैं या फिर किसी पेच में फंसी हुई हैं. इसी के तहत िदसंबर 2015 में चयनित चार करोड़ की 108 योजनाएं आज भी अपूर्ण […]
विकास से लेकर शहर के मूलभूत सुविधाओं से संबंधित ऐसी कई योजनाएं हैं, जो या तो फाइलों में कैद हैं या फिर किसी पेच में फंसी हुई हैं. इसी के तहत िदसंबर 2015 में चयनित चार करोड़ की 108 योजनाएं आज भी अपूर्ण हैं.
पूर्णिया : बीते पांच वर्षों में नगर निगम में विकास योजनाओं की गति और हाल किस कदर बेहाल रही, वह इससे स्पष्ट होता है कि निगम क्षेत्र के 46 वार्डों में 108 योजनाएं आज भी अधर में लटकी हुई हैं. यह योजनाएं दिसंबर 2015 में बनी थीं और आज भी यथावत स्थिति बनी हुई है. इतना ही नहीं शहर में विकास से लेकर शहर के मूलभूत सुविधाओं से संबंधित ऐसी कई योजनाएं हैं, जो या तो फाइलों में कैद है या फिर किसी पेंच में फंसा हुआ है.
108 योजनाओं के लिए 04 करोड़ रूपये खर्च होनी थी. उपलब्ध जानकारी के अनुसार शहरी विकास अभिकरण विभाग की सुस्ती और कार्यपालक अभियंता की लापरवाही का आलम यह है कि आठ महीने पूर्व दिसंबर महीने में निविदा निकालने और संवेदक बहाल होने के बावजूद कागजी प्रक्रिया आज भी अधूरी है.
संवेदक है गायब, लोग हैं परेशान : 46 वार्डों में होने वाले 108 विकास योजनाओं की स्थिति यह है कि नगर निगम क्षेत्र के तकरीबन तीन लाख लोग सड़क, नाला तथा कार्यों के निष्पादन को लेकर नजरे टिकाये निर्माण कार्य प्रारंभ होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन विभागीय स्तर पर इस योजना की स्थिति यह है कि संबंधित विभाग ने अब तक सीएस रिपोर्ट तक नगर निगम को नहीं सौंपी है. अलबत्ता निगम की ओर से संवेदकों से शर्तनामा भी नहीं बनाया जा सका है.
वहीं दूसरी ओर सड़क निर्माण की होड़ में तथाकथित संवेदकों ने सड़कों को भी खोद डाला है, जहां अब बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति है और घर से निकलना भी मुहाल हो गया है. ऐसे में निगम और विभाग चाहे जो कहे, बारिश के बाद ही कार्य आरंभ होने की उम्मीद जतायी जा रही है. ऐसे में इस बरसात के मौसम में शहरवासियों की फजीहत तय मानी जा रही है.
आठ महीने बाद भी प्रक्रिया अधूरी सड़क, नाला सहित जीर्णोद्धार भी शामिल
108 योजनाओं के लिए खर्च होनी थी चार करोड़ रुपये की रािश
आठ महीने गुजर जाने के बाद भी अब तक प्रस्तुत नहीं की गयी है योजना से संबंधित सीएस रिपोर्ट
नगर निगम क्षेत्र के तकरीबन तीन लाख लोग सड़क, नाला तथा कार्यों के निष्पादन को लेकर नजरें टिकाये हैं
दरअसल दिसंबर महीने में निगम की ओर से 108 विकास योजनाओं के बाबत निविदा निकाली गयी थी. इसके लिए संवेदक भी बहाल हुए, लेकिन शहरी विकास अभिकरण विभाग की ओर से आठ महीने गुजर जाने के बाद भी अब तक योजना से संबंधित सीएस रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी है. हद तो इस बात की है कि निविदा के बाद बहाल संवेदकों के साथ आठ महीने में विभाग शर्तनामा की प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर पाया है.
ऐसे में शहर के विकास कार्यों के प्रति नगर निगम और विभाग कितना संवेदनशील है, सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है. तकरीबन चार करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास मद की राशि से वार्डों में होने वाले विकास कार्य में सड़क निर्माण, बरसात में जलजमाव से निपटने के लिए नाला का निर्माण,
शहर के शवदाह गृहों के जीर्णोद्धार सहित कई अन्य विकास कार्य शामिल हैं. बताया जाता है कि नगर निगम चुनाव से पहले कुछ वार्डों में सड़क व नाला निर्माण कार्य संवेदकों की ओर से प्रारंभ भी कर दिया गया था, लेकिन कागजी प्रक्रिया पूरी होने में फंसी पेंच के कारण पुन: कार्य बंद कर दिया गया. खास बात यह थी कि इन सड़कों का निर्माण आनन-फानन में कर राजनीतिक लाभ पाने की मंशा थी.
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