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दाल की कीमतों में उछाल, ग्राहकों के छूट रहे पसीने

पूर्णिया : एक बार फिर मौसम का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है. जाहिर है लोगों के पसीने छूट रहे हैं. लेकिन रसोई के अंदर गृहिणी और दुकानों पर ग्राहकों के पसीने छूट रहे हैं. जिसकी वजह बढ़ता तापमान नहीं, बल्कि विभिन्न दाल और उसकी आसमान छूती कीमत है. मध्यवर्गीय परिवार में […]

पूर्णिया : एक बार फिर मौसम का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है. जाहिर है लोगों के पसीने छूट रहे हैं. लेकिन रसोई के अंदर गृहिणी और दुकानों पर ग्राहकों के पसीने छूट रहे हैं. जिसकी वजह बढ़ता तापमान नहीं, बल्कि विभिन्न दाल और उसकी आसमान छूती कीमत है. मध्यवर्गीय परिवार में आम तौर पर भोजन में दाल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. लेकिन दाल ही जब दूर की चीज होने लगे तो समस्या लाजिमी है.

बाजार में सब्जी की बढ़ी कीमत से पहले ही लोग परेशान थे. अब दाल भी खाने की थाली से दूर हो गयी है. बीते नवंबर माह में दाल की कीमतों में आयी वृद्धि से मचे हाहाकार के बाद सरकार व प्रशासन की पहल पर आम आदमी को थोड़ी राहत मिली थी. हालांकि कुछ दिनों में ही अरहर की दाल से लेकर चना व मसूर सहित दलहन की सभी किस्मों में गिरावट के बाद जनवरी तक बाजार सामान्य हो गया था.

बीते चार महीने की राहत के बाद फिर से दाल के दामों में हुई भारी बढ़ोतरी ने उपभोक्ताओं की बेचैनी बढ़ा दी है. थोक बाजार में जहां चार दिनों पहले तक अरहर दाल 12 हजार रुपये प्रति क्विंटल थी, वहीं अब 16 हजार रुपया प्रति क्विंटल बिक रही है. इसी तरह मसूर, मूंग, चना तथा अन्य किस्म के दाल के दामों में भी दो से तीन सौ प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है.

पैकिंग का खेल जारी : दाल के खेल का हाल यह है कि अचानक दाल के दर में हुई बढ़ोतरी के बाद थोक कारोबारी बड़ी मंडियों के रूख पर नजर रखे हुए हैं. बड़ी मंडी की गतिविधि के मद्देनजर ही अब यहां भी दाल का कारोबार आरंभ हुआ है. सूत्र बतलाते हैं कि खासकर अरहर दाल के मामले में स्टॉक का खेल आरंभ हो गया है. वहीं खुदरा दुकानदारों ने अब रेपर में एक किलो और आधा किलो अरहर दाल की पैकिंग का खेल आरंभ कर दिया है. बताया जाता है कि ब्रांडेड कंपनियों के रेपर में खुला दाल भर कर इन दुकानदारों द्वारा खुदरा ग्राहकों को 200 से 220 रुपये तक बेचा जा रहा है. अन्य दालों में भी इसी तरह के नुस्खे आजमाये जा रहे हैं.
मंडियों में बनी है तेजी की स्थिति : उपलब्ध जानकारी अनुसार दाल के उत्पादक मंडियों कानपुर, उज्जैन, दिल्ली आदि में दाल के सभी जींसों अर्थात अरहर, मसूर, उड़द, चना के साथ-साथ मूंग के दाल में भी तेजी बरकरार है. कुछ लोगों का मानना है कि बरसात की कमी और सूखे के कारण यह तेजी लंबे समय तक बरकरार रहने के आसार बने हुए हैं. हालात यह है कि ऐसी स्थिति में कारोबारी बड़ी मंडियों के रुख के हिसाब से ही थोक बाजार में दाल के बिक्री को लेकर कदम बढ़ रहे हैं. कारण चाहे जो भी हो, आसमान छूती दाल की कीमतों ने मध्यवर्गीय परिवारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
थोक में 150 से 160, खुदरा में 200 रुपये प्रति किलो िबक रही दाल
पिछले तीन दिनों में अरहर की दाल में आयी तेजी ने बाजार में हलचल के साथ-साथ घरेलू बजट पर भी व्यापक प्रभाव डाला है. थोक मंडी में जहां अरहर दाल तीन दिन पहले तक 120 रुपये किलो बिकता था, वहीं बीते तीन दिनों में 150 से 160 रुपये किलो बिकने लगा है. अलबत्ता खुदरा बाजार में फिर से अरहर दाल दो सौ रुपये किलो बिकने लगा है. जबकि चना 68 रुपये किलो, मसूर 66 रुपये किलो और मूंग दाल 100 रुपये किलो बिक रहा है. कुल मिला कर सभी दाल में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है. अचानक दाल के दाम में हुई बढ़ोतरी से खरीदारों के पसीने छूटने लगे हैं, वहीं खुदरा दुकानदार ग्राहकों को ठगने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
नौ माह के गर्भ से भी ज्यादा िमलता है दर्द
मेटरनिटी. यहां अग्निपरीक्षा से गुजरती हैं प्रसूता
केस स्टडी – 01
मेटरनिटी वार्ड के बरामदे पर बायसी प्रखंड के मलहरिया गांव निवासी शाह देवी बैठी हुई थी. वह रक्तस्राव की समस्या से जूझ रही थी. गुरुवार को दिन के लगभग दो बज रहे थे. शाह देवी ने बताया कि वह दस बजे से बरामदे पर लगे बेड पर पड़ी है. रक्तस्राव से उसका बुरा हाल है. किंतु अब तक कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी ने उसका हाल तक जानने की कोशिश नहीं की. महिला के पति तुलसी यादव ने बताया कि बायसी से चल कर इस बड़े अस्पताल में आये, यदि यहां हमारी समस्या को नजर अंदाज किया जायेगा तो हम कहां जायेंगे.
केस स्टडी – 02
अररिया जिले के गम्हरिया गांव निवासी खिखरी देवी भी अपने परिजनों के साथ अस्पताल में भरती है.उसका गर्भ किसी कारणवश खराब हो चुका है.जिससे अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा था. खिखरी के परिजनों ने बताया कि सुबह से अस्पताल में भरती हैं.अब तक कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी इधर झांकने नहीं आया है.मरीज का हाल बेहाल हो रहा है.नर्स मैडम कहती है रक्त चढ़ाया जायेगा.गरीब आदमी हैं,कहां से रक्त का व्यवस्था करें, समझ में नहीं आता है.

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