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एजुकेशन का हब, पर विश्वविद्यालय नहीं है

आज पूर्णिया पहुंचेंगे सीएम, प्रमंडलीय कार्यालय सभागार का करेंगे उद्घाटन प्रमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में शिरकत करेंगे सीएम पूर्णिया में तीन घंटे तक रुकेंगे मुख्यमंत्री पूर्णिया : कोसी और सीमांचल के एजुकेशनल हब के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर चुके पूर्णिया को विश्वविद्यालय नसीब नहीं हो सका है. हालांकि इसको लेकर समय-समय पर राजनीति […]

आज पूर्णिया पहुंचेंगे सीएम, प्रमंडलीय कार्यालय सभागार का करेंगे उद्घाटन

प्रमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में शिरकत करेंगे सीएम
पूर्णिया में तीन घंटे तक रुकेंगे मुख्यमंत्री
पूर्णिया : कोसी और सीमांचल के एजुकेशनल हब के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर चुके पूर्णिया को विश्वविद्यालय नसीब नहीं हो सका है. हालांकि इसको लेकर समय-समय पर राजनीति होती रही है. लेकिन पूर्णिया वासियों को आश्वासन के सिवाय कुछ भी हाथ नहीं लगा है. हाल ही में धमदाहा विधायक लेसी सिंह ने भी विस में विवि का मुद्दा उठाया गया था.
जिसके आलोक में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी द्वारा आश्वासन दिया गया. लेकिन यह आश्वासन इससे पूर्व सीएम नीतीश कुमार व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी पूर्णिया में आयोजित जनसभा के दौरान दे चुके हैं.
ऐसे में जब नीतीश पूर्णिया में होंगे तो लोगों की उम्मीद होगी कि आश्वासन से आगे भी सीएम कुछ निर्णायक फैसला लेंगे. गौरतलब है कि पूर्णिया सूबे के प्राचीनतम जिलों में शुमार है. साथ ही यह प्रमंडलीय मुख्यालय भी है. अर्थात विश्वविद्यालय स्थापना की दृष्टि से इसे आदर्श स्थल कहा जा सकता है. लेकिन विश्वविद्यालय नहीं रहने के कारण प्रमंडल के लोग आज भी कोसों दूर मधेपुरा स्थित बीएन मंडल विश्वविद्यालय पर ही निर्भर हैं.
200 से 300 िकमी है विश्वविद्यालय की दूरी
पूर्णिया प्रमंडल में स्थापित सभी कॉलेज फिलहाल मधेपुरा जिला स्थित बीएन मंडल विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित है. जाहिर है विश्वविद्यालय पर छात्रों का अतिरिक्त दवाब पड़ रहा है. साथ ही पूर्णिया प्रमंडल के छात्रों की मजबूरी यह है कि विश्वविद्यालय की दूरी अधिकतर इलाकों से 200 से 300 किमी है.
जिसके कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी होती है. जानकार बताते हैं कि विश्वविद्यालय स्थापना के लिए यूजीसी द्वारा निर्धारित मानदंड को भी पूर्णिया पूरा करता है. वही सूबे में मुंगेर और पूर्णिया ही केवल ऐसे प्रमंडलीय मुख्यालय हैं, जहां विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं की जा सकी है. इसमें मुंगेर में योग संस्थान को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है.
विश्वविद्यालय नहीं रहने से छात्र-छात्राओं की होती है सबसे अधिक फजीहत
सीएम को विश्वविद्यालय की मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपेगे छात्रों का प्रतिनिधिमंडल
डेढ़ दशक से विश्वविद्यालय स्थापना की मांग को ले आवाज उठाते रहे हैं कई संगठन
खुद मुख्यमंत्री ने 2013 में रंगभूमि मैदान में आयोजित जनसभा में की थी घोषणा

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