अभियंता हत्याकांड: बोलेरो चालक से मिला अहम सुराग !
पूर्णिया : मरंगा थाना क्षेत्र के बसंत बिहार में 23 दिसंबर की रात सेवानिवृत्त अभियंता योगेंद्र प्रसाद मंडल की हत्या की गुत्थी परत दर परत सुलझती नजर आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुलिस काफी हद तक मामले का उद्भेदन कर चुकी है और वैज्ञानिक अनुसंधान पूरी होते ही मामले का भी पटाक्षेप हो जायेगा.
हालांकि अब तक के अनुसंधान में हत्या की साजिश की सूई दत्तक पुत्र रिक्की सिंह और पड़ोसी सह रिश्तेदार मृत्युंजय मंडल के ईद-गिर्द ही घूमती नजर आ रही है. लेकिन मृतक का भतीजा आशीष कुमार अंकु और उसके क्रियाकलाप सवालों के घेरे में है. अहम सवाल यह है कि क्या हत्या का मास्टरमाइंड रिक्की सिंह और मृत्युंजय मंडल है और अंकु इस रहस्य का हमराज है. बहरहाल सब कुछ पुलिस के पाले में है और अगले 24 घंटे में हत्याकांड का उद्भेदन तय माना जा रहा है.
इसकी वजह यह है कि पुलिस को उस बोलेरो चालक से अहम सुराग हासिल हुए हैं, जो 23 दिसंबर को दोपहर में मृत्युंजय मंडल और रिक्की सिंह को लेकर पटना के लिए रवाना हुआ था. चालक से मिला अहम सुराग सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुलिस ने सोमवार को बोलेरो चालक से देर शाम गहन पूछताछ किया है. देर शाम तक जो कुछ पूछताछ में उभर कर सामने आया है, वह बेहद चौकाने वाला है और हत्या की गुत्थी सुलझने के कगार पर पहुंच गयी है.
बताया जाता है कि बोलेरो चालक ने पूरे यात्रा के दौरान और लौटने तक रिक्की और मृत्युंजय के बीच जो भी बातचीत हुई है और इस दौरान जो भी फोन कॉल आये हैं और उससे जो बातचीत हुई है, उससे भी बड़ा खुलासा हुआ है. तत्काल ही पुलिस ने रिक्की और मृत्युंजय के मोबाइल नंबर का सीडीआर निकाल कर उसकी पड़ताल आरंभ कर दिया है. खासकर देर शाम 08 बजे से रात्रि के 9:30 बजे जिस समय अभियंता की हत्या की संभावना है, के दौरान आये फोन कॉल पर मंथन आरंभ कर दिया गया है.
अनुसंधानकर्ता इस मामले पर गहन मंथन कर रहे हैं कि आखिर किस कारण मृतक का भतीजा अंकु हत्या से पूर्व डेढ़ घंटा घर से बाहर रहा. पेट में दर्द होना महज संजोग था या फिर मनगढंत बात है. अब तक के पुलिस अनुसंधान से यह तो स्पष्ट है कि सेवानिवृत्त अभियंता की हत्या में उनके अपने लोग ही शामिल थे. इस वजह से भी रिक्की सिंह और मृत्युंजय मंडल संदेह के दायरे में है.