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उलझ कर रह गयी है कस्तूरबा आवासीय वद्यिालय में नियोजन प्रक्रिया

उलझ कर रह गयी है कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में नियोजन प्रक्रिया – 15 विद्यालयों में दो वर्षों से रिक्त हैं 48 पद- दावा-आपत्ति को महीनों बीते, नहीं हो सकी है लिखित परीक्षापूर्णिया. जिले के 15 कस्तूरबा विद्यालयों में कुल 48 पद रिक्त हैं और बीते डेढ़ वर्षों से इस पर नियोजन की प्रक्रिया जारी है, […]

उलझ कर रह गयी है कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में नियोजन प्रक्रिया – 15 विद्यालयों में दो वर्षों से रिक्त हैं 48 पद- दावा-आपत्ति को महीनों बीते, नहीं हो सकी है लिखित परीक्षापूर्णिया. जिले के 15 कस्तूरबा विद्यालयों में कुल 48 पद रिक्त हैं और बीते डेढ़ वर्षों से इस पर नियोजन की प्रक्रिया जारी है, लेकिन कभी सरकार की ओर से जारी विभागीय निर्देश और कभी स्थानीय अधिकारियों की लेटलतीफी के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. गौरतलब है कि नियोजन को लेकर विभाग की ओर से वर्ष 2013 के अंत में ही नियोजन को लेकर सरकार की ओर से दिशा-निर्देश जारी किये गये थे. लेकिन तकनीकी कारणों से उस वक्त नियोजन आरंभ नहीं हो सका. वर्ष 2014 के अप्रैल-मई में विज्ञापन संबंधी प्रक्रिया पूरी की गयी. इसके बाद विभिन्न पदों पर नियोजन के लिए जुलाई 2014 में आवेदन लिये गये. हो चुका है पुनरीक्षण, केवल परीक्षा बाकीजिले के कस्तूरबा विद्यालयों में नियोजन के लिए जुलाई 2014 में 48 विभिन्न पदों के लिए अभ्यर्थियों से कुल 620 आवेदन प्राप्त हुए. पुनरीक्षण के दौरान 15 आवेदनों को निरस्त किया गया, क्योंकि उसमें पद का जिक्र नहीं किया गया था. इसके अलावा शेष 605 आवेदनों में से विभन्न कारणों से 235 आवेदनों को निरस्त किया गया, जबकि 370 आवेदन स्वीकृत किये गये. अस्वीकृत आवेदनों के दावा-आपत्ति के लिए विभाग की ओर से अभ्यर्थियों को दो बार अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया. इसके बाद अंतिम सूची तैयार की गयी, लेकिन नियोजन के पूर्व होने वाली लिखित परीक्षा अब तक आयोजित नहीं हो सकी है. यही कारण है कि नियोजन प्रक्रिया अभी तक लंबित है. 17 शिक्षिका सहित रिक्त हैं 48 पदजिले में कुल 15 कस्तूरबा विद्यालय अवस्थित हैं. ये विद्यालय जिले के सभी 14 प्रखंड व नगर निगम क्षेत्र में अवस्थित हैं. विद्यलयों में कुल 1461 बच्चे अध्ययनरत हैं. सभी विद्यालयों में अधिकतम 100 बच्चों के अध्ययन की स्वीकृति है. इसमें पूर्णिया सदर, अमौर व बैसा में एक-एक वार्डेन सह शिक्षिका तथा पूर्णिया सदर, अमौर, डगरुआ, धमदाहा, बायसी, बैसा, रूपौली व श्रीनगर में एक-एक विज्ञान व गणित शिक्षिका के पद रिक्त हैं. इसके अलावा अमौर, कसबा, जलालगढ़ व धमदाहा में भाषा शिक्षका के कुल 04 तथा पूर्णिया सदर, डगरुआ, बनमनखी, बैसा व रूपौली में सामाजिक विज्ञान शिक्षिका के कुल 05 पद रिक्त हैं. वही डगरुआ में अनुसेवक, अमौर, डगरुआ वा बैसा में लेखापाल सह सहायक तथा अमौर व डगरुआ में रात्रि प्रहरी के एक-एक पद रिक्त हैं. जबकि पूर्णिया सदर, डगरुआ, धमदाहा, बनमनखी, बैसा व भवानीपुर में मुख्य रसोइया का पद रिक्त है. साथ ही अमौर, डगरुआ, धमदाहा, केनगर, बैसा व भवानीपुर में दो तथा कसबा, बनमनखी, बीकोठी व पूर्णिया पूर्व में एक-एक सहायक रसोइया का पद रिक्त है. गौरतलब है कि सभी विद्यालयों में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान तथा भाषा शिक्षिका के अलावे एक वार्डेन का पद सजित है. साथ ही एक अनुसेवक, एक लेखापाल, एक चौकीदार, एक मुख्य रसोइया तथा दो सहायक रसोइया का पद भी विद्यालयों में सृजित है. दो बैठकों के बावजूद नहीं हुआ निर्णयकस्तूरबा विद्यालयों में नियोजन को लेकर नियोजन समिति गठित है. विगत डेढ़ वर्षों में दो बार नियोजन समिति की बैठक भी हुई. जिसमें पुनरीक्षण सहित अन्य बिंदुओं पर विमर्श हुआ. लेकिन निरस्त आवेदनों पर अंतिम निर्णय अब तक नहीं लिया जा सका है. साथ ही परीक्षा को लेकर भी तिथि निर्धारित नहीं हो सकी है. जिसके कारण नियोजन की प्रक्रिया लंबित है. गौरतलब है कि रिक्त सभी पदों पर नियोजन परीक्षा परिणाम के आलोक में ही किया जाना है. विभागीय सूत्रों के अनुसार परीक्षा के आयोजन में अभी और भी अधिक विलंब हो सकता है. नियोजन समिति का भी एक पद रिक्तविभागीय सूत्रों की मानें तो कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त पदों पर नियोजन में अभी कुछ और विलंब हो सकता है. इसकी मूल वजह यह है कि इसके लिए गठित नियोजन इकाई में भी अभी एक पद रिक्त है. दरअसल इकाई में जिला शिक्षा पदाधिकारी अध्यक्ष व सर्व शिक्षा डीपीओ सचिव मनोनीत हैं. इसके अलावा स्थापना डीपीओ व जिलाधिकारी की ओर से मनोनीत दो अधिकारी इसके सदस्य हैं. जिलाधिकारी की ओर से इसमें पूर्णिया सदर सीडीपीओ को महिला तथा अनुसूचित जाति कोटे से कसबा के पूर्व अंचलाधिकारी को सदस्य मनोनित किया गया था. लेकिन अंचलाधिकारी के विधानसभा चुनाव पूर्व हुए स्थानांतरण के बाद से यह पद रिक्त है. यही कारण है कि दावा-आपत्ति प्रकाशन के बाद आगे की प्रक्रिया अवरुद्ध है. देरी की रही कई वजहविभागीय सूत्रों की मानें तो नियोजन प्रक्रिया में देरी की कई वजह रही. जिसमें मूल वजह सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश का सुस्पष्ट नहीं रहना बताया जाता है. वही राज्य शिक्षा परियोजना कार्यालय की ओर से कई बार नियोजन की प्रक्रिया पर रोक भी लगायी गयी. इसके अलावा नियोजन संबंधी अन्य पहलुओं की भी उचित जानकारी उपलब्ध नहीं रहने के कारण जिला शिक्षा परियोजना कार्यालय की ओर से राज्य कार्यालय से दिशा-निर्देश की मांग की गयी. इस प्रक्रिया में भी विलंब हुआ. साथ ही विधानसभा निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहित लागू होने से भी नियोजन प्रक्रिया प्रभावित हुई. बहरहाल कारण चाहे जो भी रहा हो, कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षकों व कर्मियों के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. वही प्रशासन इस ओर उदासीन बना हुआ है. टिप्पणीविधानसभा निर्वाचन को लेकर विभाग की ओर से नियोजन प्रक्रिया पर रोक लगायी गयी थी. कुछ दिनों पूर्व हुई विभागीय बैठक में भी इस पर चर्चा हुई है. साथ ही नियोजन इकाई सदस्य के मनोनयन हेतु जिलाधिकारी से आग्रह किया गया है. शीघ्र ही प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. विजय कुमार झा, डीपीओ, सर्वशिक्षा अभियान, पूर्णियाफोटो:- 19 पूर्णिया10परिचय:- कस्तूरबा विद्यालय पूर्णिया

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