पूर्णिया : दिसंबर माह में चोरी की घटनाओं में अचानक वृद्धि हो गयी है. इस माह अब तक चार घटनाएं हो चुकी है. लेकिन पुलिस चोरों तक नहीं पहुंच पायी है. यही कारण है कि चोरों के हौसले बुलंद हैं. इतना ही नहीं विगत दो वर्षों में शहरी क्षेत्र के सभी मुहल्लों में अधिकांश चोरी की घटना उस समय हुई जब घर के सभी सदस्य घर में मौजूद नहीं रहे. बंद घर का चोरों को तुरंत पता चल जाना किसी संगठित गिरोह के द्वारा ही संभव है.
संभवत: गिरोह में ऐसे भी सदस्य हैं, जो बंद घरों का रेकी कर रहे हैं. आशंका जतायी जा रही है कि कवाड़ी वाला अथवा घर के आसपास कचरा चुनने वाले लोग बंद घरों की रेकी कर रहे हैं. घरों में अंधेरा होना या फिर ताला लगा देख कर चोर गिरोह को इसकी सूचना दी जाती है. इसके बाद गिरोह द्वारा चोरी की घटना को अंजाम दिया जाता है. खास बात यह है कि हाल के दिनों में जो भी चोरी की घटनाएं हो रही है, उसमें चोर केवल नकदी और जेवरात पर ही हाथ साफ कर रहे हैं.