पहले गरदन की हड्डी टूटी, अब बुलडोजर से घर तोड़ा खास बातें-चावल व्यवसायी डाका कांड के उद्भेदन के लिए पटना जाने के दौरान जावेद की गरदन में आयी थी चोट-डॉक्टरों ने दी है आराम करने की सलाह,
सिटी लालबाग स्थित उसके घर को तोड़ने मंगलवार को पहुंचे थे अधिकारी-कार्यपालक दंडाधिकारी व पूर्णिया पूर्व अंचल के सीओ सहित करीब एक दर्जन पुरुष व महिला पुलिसकर्मी बुलडोजर के साथ पहुंचे थे मौके पर-जावेद की मां रजिया खातून ने कार्रवाई पर जताया विरोध, तो हुई झड़प में फट गया उसका सिर
पूर्णिया : कहते हैं कि मुसीबत कभी अकेले नहीं आती. सदर थाना के निजी चालक मो जावेद के मामले में भी कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है. जावेद उस सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बचा था, जिसमें सदर थाना के जेएसआई संजीव कुमार रजक की दर्दनाक मौत हुई थी. इस हादसे में जावेद के गरदन में गंभीर चोट आयी है
और उसकी गरदन की हड्डी टूट गयी है. बहरहाल डॉक्टर ने उसे आराम करने की सलाह दी है, लेकिन मंगलवार को एक बार फिर मुसीबत ने जावेद के घर दस्तक दी. मंगलवार को कार्यपालक दंडाधिकारी एवं पूर्णिया पूर्व अंचल के सीओ सहित करीब एक दर्जन पुरुष एवं महिला पुलिसकर्मी बुलडोजर के साथ सिटी लालबाग स्थित उसके घर पर आ धमके और घर तोड़ना शुरू कर दिया.
जावेद की मां रजिया खातून ने जब इस कार्रवाई पर विरोध जताया तो हुई झड़प में उसका सिर फट गया. पूर्व में भेजी गयी थी नोटिस मौके पर सीओ अनिल कुमार ने बताया कि मौजा आलमगंज के खाता संख्या 236, खेसरा 618 के अंतर्गत 09 कट्ठा 03 धूर जमीन पर जावेद ने अवैध रूप से घर बना लिया है.
लाइन बाजार की अंजुमन आरा की ओर से डीसीएलआर के कोर्ट में दायर वाद संख्या 156/13-14 के तहत फैसला उसके पक्ष में रहा और इसी फैसले के आलोक में उक्त जमीन खाली करवाया जा रहा है. सीओ श्री कुमार ने कहा कि बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम के अंतर्गत जमीन खाली करने के लिए जावेद की मां राजिया खातून को तीन बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद जमीन खाली नहीं की गयी. इसलिए घर हटाने की कार्रवाई की जा रही है,
जो विधिसम्मत है. 40 वर्ष से रह रहा है जावेद जावेद ने बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ विगत 40 वर्ष से उक्त जमीन पर रह रहा है. यह जमीन उसकी मौसी वकीला खातून के नाम से केवाला है और उसी के की ओर से उन्हें घर बना कर रहने दिया गया. बताया कि वर्तमान में उक्त जमीन को लेकर न्यायालय में उसकी मौसी की ओर से दायर टायटल शूट संख्या 1866/15 लंबित है. इसके बावजूद उन लोगों का घर जबरन तोड़ा जा रहा है.
इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटना में घायल जावेद को अन्य ठिकाना नहीं है. खास बात यह है कि पुलिस जब घर हटाने विवादित जमीन पर पहुंची तो इसकी खबर स्थानीय पुलिस को भी नहीं दी गयी.
मामले को लेकर सदर थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि उन्हें कार्रवाई की जानकारी देर से मिली. फिलहाल जावेद के घर को नहीं हटाया जायेगा. बैठा जावेद एवं उसकी घायल मां 10- घर हटाने पहुंची पुलिस