पूर्णिया : सदर अस्पताल में इलाजरत गुलाबबाग चावल व्यवसायी डाका कांड के अहम मुखबिर अभिषेक क्षेत्री को पुलिस ने रविवार को उसके नाना-नानी को सुपुर्द कर दिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार रविवार की सुबह उसकी तबीयत सुधर गयी थी और अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. लेकिन अभिषेक की आसानी से छुट्टी पूरी तरह सवालों […]
पूर्णिया : सदर अस्पताल में इलाजरत गुलाबबाग चावल व्यवसायी डाका कांड के अहम मुखबिर अभिषेक क्षेत्री को पुलिस ने रविवार को उसके नाना-नानी को सुपुर्द कर दिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार रविवार की सुबह उसकी तबीयत सुधर गयी थी और अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. लेकिन अभिषेक की आसानी से छुट्टी पूरी तरह सवालों के घेरे में है.
पहली बात यह कि शनिवार को अभिषेक की तबीयत काफी खराब थी और वह रविवार की सुबह अच्छा-खासा स्वस्थ हो गया, यह लोगों के गले नहीं उतर रहा है. उससे भी बड़ा सवाल यह है कि जब अभिषेक कांड का अहम मुखबिर था और जिस उद्देश्य से उसे पटना ले जाया जा रहा था, वह जब पूरा नहीं हुआ तो किस परिस्थिति में अभिषेक को परिजनों के साथ जाने दे दिया गया.
गौरतलब है कि अभिषेक का मित्र दानिश गुलाबबाग डाका कांड में शामिल था. दानिश ने लूटे गये रुपये में से अपने हिस्से का रुपया अभिषेक को रखने दिया था. शनिवार को सदर अस्पताल में भरती अभिषेक ने यह अहम खुलासा था कि लूटकांड में शामिल सभी अपराधी पटना में मौजूद थे. पुलिस उसे मुखबिर बना कर पटना इसलिए ले जा रही थी कि वे सभी अपराधियों का ठिकाना जानता था और पहचान भी सकता था. दुर्भाग्यवश बेगूसराय बलिया में सड़क दुर्घटना हो गयी.
सदर थाना के जेएसआई संजीव कुमार रजक की मौत हो गयी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ उसे भी सीने में चोट लगी. उसने बताया कि पुलिस ने उसे गुलाबबाग के एक आवासीय होटल से पकड़ा था और पिटाई के दौरान उसने लूटकांड में शामिल अपराधियों की अहम जानकारी दी थी. उसने बताया कि वह नेपाल से गुलाबबाग अपने नाना-नानी से मिलने आया था. इसी क्रम में दानिश ने उसे रुपये रखने दिया था. लूटकांड के अहम मुखबिर को आखिर किस आधार पर छोड़ दिया गया, यह सवालों के घेरे में है.