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मौत से जूझ रहा अिभषेक

पूर्णिया : सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में जिंदगी व मौत से पुलिस का एक मुखबिर जूझ रहा है. पिछले दो दिनों से वह सदर थाना के हाजत में बंद था. शनिवार को अचानक उसकी हालत बिगड़ती देख पुलिस ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया. इलाजरत मुखबिर का नाम अभिषेक क्षेत्री […]

पूर्णिया : सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में जिंदगी व मौत से पुलिस का एक मुखबिर जूझ रहा है. पिछले दो दिनों से वह सदर थाना के हाजत में बंद था. शनिवार को अचानक उसकी हालत बिगड़ती देख पुलिस ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया. इलाजरत मुखबिर का नाम अभिषेक क्षेत्री है, जो सिटी का रहने वाला बताया जा रहा है. उसे सांस लेने में अत्यधिक परेशानी हो रही है.

चावल व्यवसायी लूटकांड का है मुखबिर : अभिषेक गुलाबबाग मंडी स्थित चावल व्यवसायी ओमप्रकाश गुप्ता के प्रतिष्ठान में हुए डाका कांड का अहम मुखबिर है. लूटकांड में संलिप्त दानिश शान उसका मित्र बताया जाता है. जिसने लूटे गये रुपये में मिले अपने हिस्से का रुपया अभिषेक को रखने दिया था.
अभिषेक उस रकम से एक लैपटॉप खरीदा चुका है. अनुसंधान के क्रम में पुलिस को अभिषेक की जानकारी मिली और गुलाबबाग के एक आवासीय होटल से हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गयी. पूछताछ के दौरान डाका कांड में संलिप्त अपराधियों का अहम सुराग पुलिस को मिला.
अभिषेक ने बताया था कि वह संलिप्त सभी अपराधी को जानता है और इस समय सभी पटना में मौजूद हैं. सनद रहे कि एक दिसंबर की रात चावल व्यवसायी के प्रतिष्ठान से 30.50 लाख रुपये अपराधियों ने लूट लिया था. इस मामले में पुलिस ने लाइनर सहित चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लूट के 2.17 लाख रुपये बरामद किये थे.
मृतक जेएसआई के साथ था अभिषेक : अभिषेक से पूछताछ में मिले अहम सुराग के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए गुरुवार की रात स्कॉर्पियो से सदर थाना के जेएसआई संजीव कुमार रजक व मनीष कुमार झा अभिषेक को साथ लेकर पटना रवाना हुए इसी क्रम में बेगूसराय जिला के बलिया के निकट वाहन दुर्घटना में जेएसआई संजीव कुमार रजक की मौत हो गयी जबकि अभिषेक घायल हो गया.
अभिषेक का नहीं हुआ इलाज : अभिषेक ने बताया कि उसके सीने में काफी चोट आयी, परंतु पूर्णिया से पहुंची पुलिस ने जेएसआई संजीव कुमार रजक के शव को पूर्णिया लाने के क्रम में उसे भी साथ लेकर चली आयी. जबकि अन्य घायलों का इलाज स्थानीय स्तर पर किया गया था. अस्पताल में भरती कराने के बजाय उसे पुन: सदर थाना के हाजत में बंद कर दिया गया. शनिवार के दोपहर उसे सांस लेने में अत्यधिक परेशानी होने के बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. उसने बताया कि तीन दिन से पुलिस उसे अपने साथ रखी थी. उसने आरोप लगाया कि इस क्रम में उसकी पिटाई भी की गयी थी.

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