21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एसएफसी कार्यालय में पसरा रहा सन्नाटा

पूर्णिया : एसएफसी प्रबंधक सुबोध झा की गिरफ्तारी के बाद से बीएसएफसी कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है. कल तक कार्यालय में चक्कर लगाने वाले बिचौलिये तथा रिश्वत की मांग करने वाले कर्मचारी बुधवार को गायब थे. कार्यालय में न कोई शोर था न कार्यालय के लॉन में कोई गाड़ी, न किसी से कोई किचकिच […]

पूर्णिया : एसएफसी प्रबंधक सुबोध झा की गिरफ्तारी के बाद से बीएसएफसी कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है. कल तक कार्यालय में चक्कर लगाने वाले बिचौलिये तथा रिश्वत की मांग करने वाले कर्मचारी बुधवार को गायब थे.

कार्यालय में न कोई शोर था न कार्यालय के लॉन में कोई गाड़ी, न किसी से कोई किचकिच न कोई बहस. बस हर तरफ सन्नाटा पसरा था.

गौरतलब है कि मंगलवार को निगरानी विभाग की टीम ने बीएसएफसी प्रबंधक सुबोध कुमार झा को बिल पास करने के एवज में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था. इस कार्रवाई के बाद जिला क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है.

निगरानी विभाग के इस कार्रवाई के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गरम है. सबकी अपनी-अपनी दलीलें हैं. दरअसल विगत तीन चार वर्षों से बीएसएफसी कार्यालय में रिश्वत तथा उसके कार्यकलाप को लेकर कई विवाद सामने आते रहे हैं,

लेकिन संवेदक विजय कुमार की शिकायत पर रिश्वत के 01 लाख 15 हजार तथा तलाशी में 10 लाख 27 हजार नकदी बरामदगी के बाद वैसे अधिकारियों के सुर भी बदल गये हैं, जो बिना रिश्वत कोई काम करने को तैयार नहीं थे.

निगरानी की कार्रवाई का यह दूसरा मामला : बीएसएफसी से संबंधित अधिकारियों पर निगरानी विभाग के कार्रवाई का पूर्णिया में यह दूसरा मामला है. हालांकि दोनों मामले एक दूसरे से थोड़े अलग हैं,
लेकिन दोनों में अधिकारियों पर रिश्वत एवं रिश्वत लेकर संपत्ति अर्जित करने का मामला निगरानी विभाग की ओर से सामने लाया गया. गौरतलब है कि पहला मामला बीएसएफसी के पूर्व एजीएम भुनेश्वर प्रसाद का था. वर्ष 2013-14 में आय से अधिक संपत्ति को लेकर निगरानी विभाग ने उन्हें दबोचा और घंटों तलाशी के बाद उन पर मामला दर्ज किया गया था.
ठप पड़ गया है कागजी कार्य : जिला प्रबंधक की गिरफ्तारी के बाद से बीएसएफसी कार्यालय में कागजी कार्य ठप पड़ गया है. जानकारी के अनुसार प्रबंधक के हस्ताक्षर एवं दिशा निर्देश के अभाव में फिलहाल कार्यालय कर्मी कुछ करने को तैयार नहीं है. हालात यह है कि डोर स्टेप डिलेवरी के साथ मिलरों की राशि भुगतान सहित अन्य कार्य भी फंस गये हैं. निगरानी के कार्रवाई के बाद कार्यालय के कर्मचारियों एवं छोटे अधिकारियों में अजीबोगरीब भय बना हुआ है.
कोई खुश है, तो कोई मायूस : रिश्वत के डिमांड से परेशान एक बड़ा तबका निगरानी विभाग के कार्रवाई से खुश नजर आ रहा है. बल्कि जगह जगह प्रबंधक पर हुई कार्रवाई की चर्चा हो रही है. वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे छोटे बड़े कर्मचारी एवं अधिकारी हैं, जो कुछ बोल तो नहीं रहे हैं लेकिन सदमे में हैं. उनके लटके और भय से ग्रस्त चेहरों से उनकी कारगुजारियों एवं पीड़ा का पता चल रहा है.
क्या रुकेगी रिश्वत की परंपरा ! : बीएसएफसी को लेकर हमेशा से लोगों में यह धारना रही है कि यहां पैसा के बगैर कोई काम नहीं होता है. सूत्रों की मानें, तो केवल कार्यालय ही नहीं समूचा अमला लगभग एक ही रंग में रंगा हुआ है. मंगलवार को हुई कार्रवाई के बाद फिलहाल थोड़ी राहत तो दिख रही है.
लेकिन क्या रिश्वत लेने का मामला खत्म होगा ! इसको लेकर लोगों में संशय बना हुआ है. हर तरफ बस एक ही चर्चा है कि ‘काश ऐसी कार्रवाई हर रोज हो, ताकि घुसखोरी रुक सके’.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें