सूत्र बताते हैं कि वर्तमान में तकरीबन दर्जन भर लॉटरी कारोबारी सीधे तौर पर बंगाल व मुजफ्फरपुर से कारोबार में जुड़े हैं. लॉटरी के इस धंधे से जुड़े लोगों के पास जो कल तक महज एक सिंपल बाइक होता था, आज लग्जरी व एसी कार में सफर करते हैं. लॉटरी के धंधे से हुई मोटी कमाई से हुए बदलाव को इस धंधे में नयी पीढ़ी का झुकाव भी बताया जाता है. जानकारों की मानें तो लॉटरी कारोबारियों के तकरीबन एक सौ से अधिक एजेंट शहर में बहाल हैं. ये रिक्शा, ऑटो, ठेला चालकों के साथ वैसे लोगों को निशाना बनाते हैं, जो जिंदगी के आपाधापी में कम समय में अधिक पैसा कमाना चाहते हैं. जानकार यह भी बताते हैं कि लॉटरी के इस खेल में जहां लॉटरी कारोबारी प्रतिदिन लाखों कमा कर मालामाल हो रहे हैं, वहीं कई छोटे-छोटे दुकानदार लॉटरी के चक्कर में कंगाल होकर कजर्दार बन रहे हैं.
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लॉटरी के कारोबार में लोग कंगाल, माफिया मालामाल
पूर्णिया: पिछले तकरीबन एक दशक में लॉटरी के खेल ने कइयों की तकदीर बदल दी है. कुछ लूट गये तो कुछ के सितारे चमक गये. लॉटरी के कारोबार से जुड़े कल के एजेंट आज माफिया बने बैठे हैं. सूत्रों की मानें तो खुश्कीबाग एवं आस-पास के इलाके में जहां पहले महज दो-चार लोग ही लॉटरी […]
पूर्णिया: पिछले तकरीबन एक दशक में लॉटरी के खेल ने कइयों की तकदीर बदल दी है. कुछ लूट गये तो कुछ के सितारे चमक गये. लॉटरी के कारोबार से जुड़े कल के एजेंट आज माफिया बने बैठे हैं. सूत्रों की मानें तो खुश्कीबाग एवं आस-पास के इलाके में जहां पहले महज दो-चार लोग ही लॉटरी के कारोबार से जुड़े थे, तब लॉटरी बंगाल से आती थी. समय के साथ जैसे-जैसे लॉटरी कारोबार की मोटी कमाई का भेद खुला, धीरे-धीरे बड़ी फौज खड़ी हो गयी.
रोज होता है ड्रा
इन दिनों सुबह खरीदो शाम में रिजल्ट, वाली लॉटरी की धूम है. सूत्र बताते हैं कि डेली लॉटरी बीस रुपये से पांच सौ रुपये तक का होती है. फटाफट रिजल्ट की वजह से इसकी बिक्री इन दिनों ज्यादा है. सूत्रों की मानें तो लॉटरी कारोबारियों को इसमें साठ प्रतिशत की कमाई होती है. इसमें लक्की विजेता को लॉटरी फंसने के बाद भी उससे कमीशन लॉटरी कारोबारी वसूलते हैं.
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