इसके तहत धमदाहा के पांच किलोमीटर के दायरे में बसे निवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना थी. जिसमें धमदाहा उत्तर, धमदाहा पूरब, धमदाहा मध्य, धमदाहा दक्षिण, कालीबाग एवं चंदरही शामिल था.
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जलमीनार के रहते 35 हजार की आबादी प्यासी
धमदाहा: स्थानीय निवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 1980 में प्रखंड परिसर में जलमीनार का निर्माण पूर्ण हुआ. लेकिन धमदाहा के लगभग 32 से 35 हजार की आबादी को शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं हुआ. शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सपना ही बन कर रह गया. जानकारी अनुसार, वर्ष 1976 में जब जलमीनार का शिलान्यास […]
धमदाहा: स्थानीय निवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 1980 में प्रखंड परिसर में जलमीनार का निर्माण पूर्ण हुआ. लेकिन धमदाहा के लगभग 32 से 35 हजार की आबादी को शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं हुआ. शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सपना ही बन कर रह गया. जानकारी अनुसार, वर्ष 1976 में जब जलमीनार का शिलान्यास हुआ था तो स्थानीय निवासियों में हर्ष था कि क्षेत्र के निवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा.
1980 में जलमीनार हुआ तैयार
जलमीनार 1980 में तैयार हुआ और उद्घाटन भी हुआ. लेकिन स्थायी रूप से जलापूर्ति आरंभ नहीं हुई. विशेष सरकारी आयोजन एवं आला अधिकारी एवं मंत्री के दौरा के समय ही केवल जलापूर्ति की जाती है. शेष समय यह बंद रहता है. वहीं उचित देखभाल के अभाव में जलमीनार सहित स्टाफ के लिए बने भवन अब जजर्र होने लगे हैं. विभाग में एक जेई सौरभ कुमार सहित तीन कर्मी तैनात हैं.
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