पूर्णिया: स्वास्थ्य नगरी में हंगामा का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अभी हार्ट केयर सेंटर के हंगामे का मामला थमा नहीं था कि फिर एक नया हंगामा हो गया. लाइन बाजार के बिहार टॉकिज रोड स्थित एक महिला डॉक्टर के नर्सिग होम में प्रसव के दौरान जच्च-बच्चा की मौत हो जाने से लोगों ने हंगामा कर दिया. घटना के तुरंत बाद केहाट थाना पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाल लिया.
क्या है मामला : अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र के सोहंदर गांव निवासी मनोज कुमार यादव की पत्नी सोनी उर्फ शशि को प्रसव पीड़ा होने पर लाइन बाजार स्थित डॉ उषा रानी जायसवाल के नर्सिग होम में 16 अप्रैल को भरती कराया गया था. किंतु आइएमए के हड़ताल के कारण उसका प्रसव नहीं कराया गया. परिजनों ने बताया कि भरती करते वक्त परिजन ने उसी समय प्रसव कराने की बात कही थी. किंतु डॉक्टरों की हड़ताल व दो दिन बाद प्रसव कराने की बात कह कर भरती कर लिया गया. परिजनों ने बताया कि शनिवार को लगभग एक बजे प्रसव के लिए प्रसव कक्ष ले गये. जहां एक सूई लगाते ही उसकी मौत हो गयी.
परिजनों का आरोप : परिजनों ने डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम मरीज को बाहर दूसरे डॉक्टर के पास ले जाना चाहते थे. किंतु अस्पताल से बाहर जाने नहीं दिया गया. इससे उसकी मौत हो गयी. परिजन डॉक्टर पर मुकदमा करने की बात भी कर रहे थे. परिजनों के क्रंदन व शोर-शराबा सुन कर आस-पास के बहुत सारे लोग जमा हो गये.
पुलिस ने भीड़ को किया तितर-बितर : घटना की सूचना के साथ ही केहाट थाना पुलिस सदल बल व रैपिड एक्शन फोर्स वज्र वाहन के साथ पहुंच गयी. नर्सिग होम के आगे खड़ी भीड़ को तितर-बितर किया. इससे एक और तोड़-फोड़ की घटना होने से बच गया. हंगामा की आशंका के मद्देनजर संविदा के कई डॉक्टर नर्सिग होम पहुंच गये. कई डॉक्टरों ने दबे जुबान से बताया कि यदि डॉक्टर चाहती तो पेट के बच्चे को बचाया जा सकता था.
आइएमए के आदेश की हुई नाफरमानी : 16 अप्रैल को आइएमए के डॉक्टर नये मरीज को नहीं देख रहे थे. सीरियस मरीज को बाहर भेज रहे थे. ऐसे में अहम सवाल है कि उक्त नर्सिग होम में सोनी को कैसे भरती कर लिया गया. जबकि सब को मालूम था कि आइएमए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. ऐसे में मरीज को नर्सिग होम में भरती करना कई सवाल खड़े कर रहे हैं.