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ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक एडम लोच ने खेती प्रणाली प्रौद्योिगकी पर की चर्चा

एडम ने समय-समय पर वैज्ञानिकों से तकनीकी सलाह प्राप्त करने की कही बात छात्रा शिवांगी गुप्ता, छात्र मयंक सिन्हा, शशिरंजन एवं अभिनव ने अपनी बातें वैज्ञानिक के बीच रखी पूर्णिया : भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं अनुसंधान केंद्र मैक्सिको के द्वारा वित्त पोषित अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना से जुड़े एडीलेड विश्वविद्यालय […]

एडम ने समय-समय पर वैज्ञानिकों से तकनीकी सलाह प्राप्त करने की कही बात

छात्रा शिवांगी गुप्ता, छात्र मयंक सिन्हा, शशिरंजन एवं अभिनव ने अपनी बातें वैज्ञानिक के बीच रखी
पूर्णिया : भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं अनुसंधान केंद्र मैक्सिको के द्वारा वित्त पोषित अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना से जुड़े एडीलेड विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक डा एडम लोच सोमवार को भ्रमण पर पहुंचे. इस अवसर पर उनका स्वागत महाविद्यालय के प्राचार्य डा राजेश कुमार ने किया. डा लोच ने महाविद्यालय एवं किसानों के खेत पर एसआरएफएसआई परियोजना के अंतर्गत विकसित किये गये इनोवेशन प्लेटफाॅर्म, कस्टम हाइरिंग सेंटर का भ्रमण किया तथा परियोजना के अंतर्गत कृषक हितकारी कार्यक्रमों की सराहना की. इस मौके पर वैज्ञानिकों एवं किसानों के साथ चर्चा में वर्तमान कृषि में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए फसल लगाने से पूर्व मिट्टी की जांच कराने तथा समय-समय पर वैज्ञानिकों से तकनीकी सलाह प्राप्त करने को कहा.
इस अवसर पर वैज्ञानिक ने महाविद्यालय परिसर में वैज्ञानिकों, छात्र-छात्राओं के साथ खेती प्रणाली प्रौद्योगिकी पर चर्चा की. वैज्ञानिक डा एडम लोच द्वारा उनकी संस्था सेंटर फॉर ग्लोबल फूड एंड रिर्सोसेज की विभिन्न गतिविधियों की चर्चा पर प्रजेंटेशन दिया. प्रजेंटेशन उपरांत महाविद्यालय के उपस्थित वैज्ञानिकों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा प्रजेंटेशन से संबंधित प्रश्न पूछे गये. कृषि स्नातक छात्रों में शिवांगी गुप्ता तथा मयंक कुमार सिन्हा, शशिरंजन एवं अभिनव ने अपनी अपनी जिज्ञासा ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिक के बीच रखी. इससे पूर्व डा एडम लोच ने जिले के प्रखंडों का भी भ्रमण किया गया. जिसमें ग्राम कठैली (जलालगढ़), दोगच्छी (कसबा), दनसार, डिहीया, पुरानी गरैल में शून्य कर्षण विधि के द्वारा अलग-अलग मौसम में धान, गेहूं, मक्का एवं दलहनी फसलों की खेती की जानकारी दी गयी. इसके साथ ही परियोजना के अंतर्गत कृषकों के उत्थान के लिए प्रत्येक गांव में एक इनोवेशन प्लेटफाॅर्म की स्थापना की गयी है. इसके अंतर्गत बीज से बाजार तक की सारी सुविधाएं यथा बीज, खाद, कृषि यंत्र, इत्यादि ग्राम में ही उपलब्ध करायी जाती है. विदेशी दल के ग्राम भ्रमण एवं कार्यक्रम अवलोकन इत्यादि में एसआरएफएसआई परियोजना के सह अन्वेशक डा रणवीर कुमार ने बताया कि एसआरएफएसआई परियोजना के अंतर्गत किसानों को गुणवत्ता पूर्ण खाद बीज एवं उन्नत तकनीक उपलब्ध करायी जाती है. इससे जिले के लगभग 125 किसान लाभान्वित हो रहे हैं. परियोजना के अनुसंधान सहायक पवन कुमार श्रीवास्तव एवं श्रवण कुमार ने डा एडम लोच के साथ किसानों के प्रक्षेत्र पर भ्रमण साथ ही साथ उपनिदेशक उद्यान पूर्णिया उपेंद्र कुमार, मुख्य प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक द्वारा किसानों को प्रदान की जाने वाली सरकारी सहायता एवं अन्य लाभों के बारे में बताया. महाविद्यालय में भ्रमण एवं परिचर्चा के अवसर पर अन्य वैज्ञानिक डा पारस नाथ, डा जे एन श्रीवास्तव, सुमन कल्याणी, डा पंकज कुमार यादव, ई मोहन कुमार सिन्हा एवं कर्मचारियों में उमेश कुमार, नवीन लकड़ा आदि ने अपना सहयोग प्रदान किया. इस अवसर पर छात्रों में धन सिंह, मयंक कुमार सिन्हा, मृणाल कुमार आदि मौजूद थे.

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