पूर्णियाः जिला पदाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि रिमांड होम के बच्चों को कंप्यूटर चलाना सिखाया जायेगा. वे लोग पढ़ना-लिखना चाहते हैं. श्री अग्रवाल रिमांड होम में रह रहे बच्चों के रहन-सहन एवं पठन-पाठन की व्यवस्था का जायजा लेने मंगलवार को अचानक पहुंचे थे.
जिलाधिकारी श्री अग्रवाल ने अन्य पदाधिकारियों के साथ रिमांड होम के सभी वार्डो के बच्चों से बातचीत की और उन बच्चों को पढ़-लिख कर अच्छा इंसान बनने की बात बतायी. रिमांड होम के बच्चों से पूछे जाने पर सबों ने एक स्वर में पढ़ने-लिखने की इच्छा व्यक्त किया. उन बच्चों ने बताया कि वे लोग पढ़ना-लिखना चाहते हैं लेकिन यहां कोई पढ़ाने वाला ही नहीं है जबकि इन बच्चों को पढ़ाने के लिए कई शिक्षक नियुक्त किये गये हैं. जिला पदाधिकारी ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया और सदर अनुमंडल पदाधिकारी एवं ओएसडी को उक्त शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बच्चों ने गरमी से राहत के लिए बिजली-पंखे लगवाने एवं मच्छरदानी की व्यवस्था करने का अनुरोध जिलाधिकारी से किया. निरीक्षण में उनके साथ पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सत्यार्थी, एसडीओ हिमांशु शर्मा, ओएसडी कलीमुद्दीन एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे.
जिलाधिकारी श्री अग्रवाल ने पर्यवेक्षक गृह के संचालिका को सभी बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ खेलकूद, योगासन, व्यायाम आदि क्रियाओं को उनके दिनचर्या में शामिल कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इन बच्चों के द्वारा जाने-अनजाने में कोई छोटी-बड़ी अपराध हुई है जिसके चलते इन्हें अपने घर परिवार से दूर होना पड़ा है. लेकिन अब इन्हें अच्छा इंसान बनाने का दायित्व प्रशासन का है ताकि ये बच्चे यहां से एक अच्छा नागरिक बन कर निकलें. उन्होंने सर्व शिक्षा समिति के सहायक निदेशक बेबी रानी को पर्यवेक्षण गृह के बच्चों को ज्ञानवर्धक किताबें, ऑडियो विजुअल सीडी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया ताकि बच्चों का मानसिक विकास एवं स्वस्थ मनोरंजन हो सके. प्रयोग के तौर पर उनमें से पढ़ने के इच्छुक 15 से 20 बच्चों को अलग कर पढ़ाई-लिखाई एवं खेलकूद में भागीदारी कराने का निर्देश दिया गया. इन बच्चों को पढ़ाई-लिखाई एवं खेलकूद में हिस्सा लेते हुए देख कर अन्य बच्चे भी इसके प्रति प्रेरित हो सकते हैं.
पर्यवेक्षक गृह में रह रहे 75 बच्चों में से सात बच्चों की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा हो गयी है लिहाजा उन्हें नियमानुसार अलग जगह स्थानांतरित कराने का निर्देश दिया गया. पर्यवेक्षण गृह में रह रहा राकेश रंजन कंप्यूटर ऑपरेट करना जानता है. उसने जिलाधिकारी से कंप्यूटर सेट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. वहां के कुछ बच्चे मैट्रिक परीक्षा पास हैं और वे आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं. इसी परिसर में अवस्थित बाल गृह में आठ बच्चे रह रहे हैं. अपने मां-बाप से बिछड़ जाने के चलते इन बच्चों को यहां रखा गया है. इनमें से एक बच्च अस्वस्थ नजर आया जिसका सदर अस्पताल में चिकित्सा कराने का निर्देश बाल गृह के संचालिका को दिया गया.