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हत्या के प्रयास में पांच वर्ष की सजा व जुर्माना

पूर्णिया कोर्ट : प्रथम सहायक सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार ने हत्या के प्रयास मामले की सुनवाई करते हुए अमौर थाना क्षेत्र के मो नजाम को दोषी करार दिया है. भारतीय दंड विधान की धारा 307 तथा 324 के तहत क्रमश: पांच वर्ष के कारावास, 10000 रुपये तथा 3 वर्ष कैद व 5000 रुपये का जुर्माना […]

पूर्णिया कोर्ट : प्रथम सहायक सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार ने हत्या के प्रयास मामले की सुनवाई करते हुए अमौर थाना क्षेत्र के मो नजाम को दोषी करार दिया है. भारतीय दंड विधान की धारा 307 तथा 324 के तहत क्रमश: पांच वर्ष के कारावास, 10000 रुपये तथा 3 वर्ष कैद व 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं चुकाने की स्थिति में सजा की अवधि में 6 माह का समय बढ़ जायेगा. बताया जाता है कि मामला सत्रवाद संख्या 882/2001 से संबंधित हैं.

जिसके लिए मो मुश्फिक आलम जो इस कांड के सूचक थे, जिन्होंने अमौर थाना कांड संख्या 92/1999 दर्ज करवाया था. प्राथमिकी के अनुसार 17 अगस्त 1999 को दिन के 11 बजे नामजद 4 अभियुक्त में मो नजाम ने खेत में खाद छींट रहे रहे सूचक को बुलाकर कहा कि पटुआ का जाक कौन लगाया है. जब उसने कहा कि उसने लगाया है तो उसे जाक हटाने के लिए कहने लगा. उसने कहा 2 दिन में वे जाक हटा लेंगे. इसी दौरान सभी अभियुक्त मिलकर गाली-गलौज करने लगा.

सूचक ने मना किया तो सारे आरोपित उसे पीटने लगे. तब मो नजाम कचिया लेकर उसके गर्दन को काटना चाहा, जब उसने कचिया हाथ से पकड़ लिया तो कचिया को नजाम ने खींच लिया. उसकी उंगली कट कर झूल गया. सहायक अभियोजन पदाधिकारी अजय कुमार ने सात गवाहों की गवाही न्यायालय में करवायी और अंतत: न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा सुनायी. गौरतलब है कि मामले में 3 अभियुक्त की मृत्यु विचरण के क्रम में हो गयी थी.

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