29.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खुले में शौच जाने को विवश हैं गुलाब बाग मंडी आने वाले लोग

पूर्णिया : एक तरफ शहर से लेकर गांव तक जोर -शोर से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और इस पर लाखो करोड़ो खर्च हो रहे है, तो दूसरी तरफ उत्तर बिहार की सबसे बड़ी मंडी गुलाबबाग में स्वच्छता अभियान की आहट भी महसूस नहीं होती है. यह कहना बेहतर होगा कि करोड़ों के कारोबार […]

पूर्णिया : एक तरफ शहर से लेकर गांव तक जोर -शोर से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और इस पर लाखो करोड़ो खर्च हो रहे है, तो दूसरी तरफ उत्तर बिहार की सबसे बड़ी मंडी गुलाबबाग में स्वच्छता अभियान की आहट भी महसूस नहीं होती है. यह कहना बेहतर होगा कि करोड़ों के कारोबार वाले इस मंडी में स्वच्छता अभियान का संदेश नहीं पहुंच पाया है और ना ही व्यक्तिगत और प्रशासनिक स्तर पर इसकी कोशिश ही हुई है. नतीजा यह है कि मंडी में प्रतिदिन 05 हजार से अधिक लोग कारोबार के लिए पहुंचते हैं,

लेकिन उनके लिए शौचालय और यूरिनल की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. ऐसे में यहां आने वाले लोग खुले में शौच के लिए विवश हैं. मंडी की यह हालत शहर में स्वच्छता अभियान पर एक बड़ा सवाल है. हैरानी की बात यह है कि कृषि विभाग के निदेशक ने मंडी समिति के निरीक्षण के बाद विभाग द्वारा 17 करोड़ 74 लाख के पैकेज की घोषणा की गयी. योजना के तहत बाउंड्री ,सड़क और नाला का निर्माण होना है. लेकिन इस प्रोजेक्ट में शौचालय का कोई जिक्र नही है. खास बात यह भी है कि प्रत्येक रात यहां हजारों किसान और मजदूर रात गुजारते हैं जो सुबह होने पर खुले मैदान और गली-कूचे का रूख करते हैं.

68 एकड़ में एक भी यूरिनल नहीं
मंडी में करीब 400 रजिस्टर्ड दुकानदार है. सैकड़ो वाहन चालक ,कामगार ,मोटिया मजदूर ,रिक्सा चालक, ठेला चालक और खरीदार के साथ किसान जिनकी संख्या पांच हजार से कम नही होती है, मंडी में हमेशा मौजूद रहते हैं. जो सुबह से शाम तक कार्य में व्यस्त भी रहते हैं. उनके मल-मूत्र त्याग के लिए मंडी में कही भी यूरिनल की व्यवस्था नहीं है.
खंडहर में तब्दील हो गये हैं शौचालय
कृषि बाजार समिति के स्थापना के दौरान मंडी में दो शौचालय का निर्माण हुआ था. जिसमें एक मिरचाईपट्टी और दूसरा चावलपट्टी के नजदी स्थित है. इन दोनों शौचालय की स्थिति समय के साथ लगातार बद से बदतर होती चली गयी. आज रख रखाव के अभाव में यह दोनों शौचालय खंडहर में तब्दील हो चुका है. हालात यह है कि यहां शौच के लिए कोई जाना नही चाहता है.
वही इन स्थलों पर गंदगी का आलम यह है कि इसके आस-पास से गुजरना भी बीमारियों से हाथ मिलाने के जैसा है. अलबत्ता मंडी में रहने वाले मजदूर, किसान और वाहन चालक 68 एकड़ के खुले जगह में शौच कर सुबह की प्रक्रिया से निवृत्त होते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें