मुख्यमंत्री यात्रा. विकास व समीक्षा यात्रा के बीच त्रिशंकु बनी है हांसी बेगमपुर पंचायत
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आज भी नहीं बदली पंचायत की तस्वीर
मुख्यमंत्री यात्रा. विकास व समीक्षा यात्रा के बीच त्रिशंकु बनी है हांसी बेगमपुर पंचायत मुख्यमंत्री के संभावित आगमन को लेकर प्रशासनिक महकमा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है. बहरहाल बीपीएल परिवारों के बीच शौचालय का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. पूर्णिया : ‘हम उनके वादे का जिक्र, उनसे क्यों करें गालिब, हम […]
मुख्यमंत्री के संभावित आगमन को लेकर प्रशासनिक महकमा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है. बहरहाल बीपीएल परिवारों के बीच शौचालय का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.
पूर्णिया : ‘हम उनके वादे का जिक्र, उनसे क्यों करें गालिब,
हम उनसे कहें और वे कहें कि हमें याद नहीं’.
मशहूर शायर गालिब की यह पंक्तियां जलालगढ़ प्रखंड के हांसी बेगमपुर पंचायत में विगत 08 वर्षों में हुए विकास कार्यों की सच्चाई बयां करती है.वर्ष 2009 में 13-15 फरवरी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास यात्रा के क्रम में इस पंचायत का दौरा किया था. मुख्यमंत्री का रात्रि प्रवास भी यहां हुआ था. उन्होंने पंचायत का भ्रमण किया था और पंचायत के लोगों की समस्याओं से रूबरू हुए थे. लेकिन स्याह सच यह है कि मुख्यमंत्री का आश्वासन भी पंचायत वासियों की तकदीर और पंचायत की तस्वीर नहीं बदल सका. 08 वर्ष में पंचायत विकास पथ पर महज ढाई कोस भी नहीं चल सका.
एक बार फिर जब मुख्यमंत्री समीक्षा यात्रा के क्रम में नये वर्ष में हांसी-बेगमपुर में होंगे तो आनन-फानन में पंचायत में विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने की तेजी से कवायद चल रही है. पूर्व में घोषित कार्यक्रम के अनुसार अगर मुख्यमंत्री बेगमपुर आते तो निश्चित तौर पर विकास के सच से वे भी वाकिफ होते. अब जबकि आगमन की तिथि आगे बढ़ चुकी है, बेगमपुर की सूरत बदलने का प्रशासनिक महकमे को पर्याप्त समय होगा. लेकिन जमीनी हाल यह है कि एक बार फिर विकास के नाम पर पंचायत में लूट-खसोट जारी है और पूर्व की तरह हांसी बेगमपुर वासियों के हिस्से निराशा हाथ लगे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
मुख्यमंत्री के आगमन से भी पंचायत के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा. मध्य विद्यालय सापा को हाइस्कूल बनाने का आश्वासन सीएम ने दिया था. लेकिन उनका आश्वासन आज भी हकीकत से दूर ही है. सबकुछ पहले की तरह ही है.
सुबोध मंडल
पंचायत के लोग तो इस उम्मीद में थे कि मुख्यमंत्री के आने से यहां कुछ अलग होगा. आप खुद देख लिजिए कि यहां अलग क्या है. बीते 08 वर्ष में बिजली जरूर आयी. पिछले बार तो निराश हुए, इस बार फिर से बेहतरी की उम्मीद लगाए बैठे है.
मुकेश कुमार
मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर पंचायत वासियों को ढ़ेर सारी उम्मीदें है. हालांकि पिछले बार आने के बावजूद कुछ अधिक लाभ नहीं मिल सका. समस्या यह है कि किसान हमेशा से उपेक्षित रहें है, सीएम को इस बारे में सोचना चाहिए.
अजय कुमार सागर
पंचायत में पहले भी शौचालय का निर्माण हुआ था. लेकिन वह टिकाऊ साबित नहीं हुआ. इस बार भी शौचालय निर्माण में अनियमितता बरती जा रही है. मुख्यमंत्री तो खुद काम कराने आते नहीं है, यहां जो काम करा रहें हैं वह मुख्यमंत्री को भी बदनाम करायेंगे.
परमानंद ऋषि
चारों तरफ गड़बड़ी की जा रही है. बिना धूस का कोई काम नहीं होता है. डीलर 02 लीटर केरोसिन के लिए 55 रूपया वसूल करता है. इंदिरा आवास में भी पैसा लिया जाता है. गरीब आदमी का कहीं गुजारा नहीं है.
गुड्डु अंसारी
एक साल से पेंशन नय मिल लय. जलालगढ़ में शिविर में सब कागज जमा केर अइलिए, तइओ कुइछ नय भेलय. आब मुख्यमंत्री अइतय तब जाकेय दरखास देवय. मुख्यमंत्री बीडीओ के कहतय तेय जरूर लक्ष्मीबाई पेंशन मिले लागतेय.
बौनी देवी
बीते 08 वर्ष में कुछ भी नहीं बदला है. नेतागिरी करने वाला का तरक्की जरूर हुआ है. गांव का कितना विकास हुआ है, यह आप भी देख सकते हैं. अब देखते हैं कि मुख्यमंत्री के आने से इस बार क्या-क्या बदलता है.
हरिलाल मालाकार
ऐसा नहीं है कि बीते 08 वर्ष में विकास नहीं हुआ है. लेकिन समस्या यह है कि विकास का सारा कार्य महादलित टोला में ही आकर समाप्त हो जाता है. हमारे समुदाय के लोग बिजली और शौचालय की सुविधा से आज भी वंचित हैं.
रतन धामी
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