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व्यवस्था लाचार, तेल-पानी से हो रहा इलाज

तेल और पानी से इलाज करने वाले मौलाना वसी अहमद शाह गंभीर से गंभीर रोग के इलाज का दावा करते हैं. वे मुंबई से आधे दर्जन लोगों के साथ बभनचक्का आये हैं. पूर्णिया : जिले के भवानीपुर प्रखंड का सुपौली पंचायत एक बार फिर सुर्खियों में है. ठीक एक साल पहले 09 दिसंबर 2016 को […]

तेल और पानी से इलाज करने वाले मौलाना वसी अहमद शाह गंभीर से गंभीर रोग के इलाज का दावा करते हैं. वे मुंबई से आधे दर्जन लोगों के साथ बभनचक्का आये हैं.
पूर्णिया : जिले के भवानीपुर प्रखंड का सुपौली पंचायत एक बार फिर सुर्खियों में है. ठीक एक साल पहले 09 दिसंबर 2016 को पंचायत के ब्रह्मज्ञानी में सात निश्चय योजना की शुरुआत करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आये थे. इस बार इसी पंचायत का बनभचक्का गांव सुर्खियों में है, जहां बीते तीन सप्ताह से मुंबई से आये हुए बाबा तेल और पानी से बीमार लोगों का इलाज करने का दावा कर रहे हैं. इस बाबा का नाम वशी अहमद शाह है जो खुद को गरीबों एवं मजलूमों की सेवा करने वाला बताता है.
खास बात यह है कि उससे इलाज के लिए पहुंचने वाले रोगियों की संख्या प्रतिदिन सैकड़ों में होती है. हैरानी की बात यह है कि यहां आनेवाले लोग और कई स्थानीय लोग भी मानते हैं कि बाबा के द्वारा दिये गये तेल और पानी तथा ताबीज में चमत्कारिक शक्ति है और विभिन्न रोगों में उनका यह इलाज कारगर साबित हो रहा है. इस फकीर की कृपा से यहां तेल और पानी बेचने का धंधा भी खूब फल-फूल रहा है.
गंभीर से गंभीर रोग के इलाज का दावा : तेल और पानी से इलाज करने वाले मौलाना वसी अहमद शाह गंभीर से गंभीर रोग के इलाज का दावा करते हैं. वे मुंबई से आधे दर्जन लोगों के साथ बभनचक्का गांव आये हैं.
इस बात का कोई जवाब नहीं मिला कि श्री शाह ने अपने प्रयोग के लिए बभनचक्का को ही क्यों चुना. उनके साथ के लोग मानते हैं कि श्री शाह कैंसर, हृदय रोग से लेकर तमाम वैसी बीमारियों का इलाज करने में सक्षम हैं. श्री शाह की टीम गांव के मस्जिद के बगल में स्थित एक घर में अपना क्लिनिक संचालित कर रहे हैं. उनके दावे में कितनी सच्चाई है यह तो कह पाना कठिन है लेकिन उनकी करिश्माई ताकत की चर्चा तेजी से चारों ओर फैल रही है. लिहाजा यहां पहुंचने वाले की तादाद हर रोज बढ़ती जा रही है.
तेल-पानी के साथ दी जा रही ताबीज
तेल-पानी बाबा का इलाज करने का तरीका भी कुछ खास है. बभनचक्का गांव मे आज लगभग महीनों से तेल और पानी से असहाय रोगों के इलाज का खेल जारी है. बाबा के इलाज में जो मुख्य दवा है वह तेल और पानी ही है.
खास बात यह है कि तेल और पानी बोतलबंद होनी चाहिए. ऐसे में यहां तेल और पानी की दुकान ही खुल गयी है. एक लीटर का बोतलबंद पानी 25 रुपये में बिक रहा है तो 200 ग्राम सरसों का तेल भी 25 रुपये में बिक रहा है.
बाबा तेल और पानी को मंत्रविद्ध करते हैं और पानी पीने और तेल लगाने की सलाह देते हैं. इसके अलावा बाबा द्वारा मरीजों को ताबीज पहनने का भी परामर्श दिया जाता है. ताबीज के अंदर डालने के लिए कागज पर उर्दू में कुछ शब्दें लिखी हुई पूर्व से बाबा के पास होती है, जिसे काट कर वे मरीज को देते हैं. उस लिखे हुए कागज को ताबीज में डाल कर काला कपड़ा में बांध कर पहनने को कहा जाता है.
एलोपैथिक में तेल और पानी के माध्यम से किसी प्रकार का इलाज संभव नहीं है. तेल और पानी के माध्यम से चिकित्सा नेचुरोपैथी का हिस्सा हो सकता है, जिसकी जानकारी नहीं है. कहीं कोई इस प्रकार से रोगियों की इलाज कर रहा है, इसकी भी जानकारी नहीं है.
डाॅ एम एम वसीम, सिविल सर्जन पूर्णिया.

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