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कोतवाली थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्रपत्र क गठित

डीआइजी ने दिया आदेश एक माह के वेतन निकासी पर लगी रोक मुंगेर : न्यायालय के आदेश के बावजूद एफआइआर दर्ज नहीं करने के मामले में मुंगेर प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक विकास वैभव ने कोतवाली थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का आदेश दिया है. साथ ही तत्काल प्रभाव से उसके एक माह के […]

डीआइजी ने दिया आदेश

एक माह के वेतन निकासी पर लगी रोक
मुंगेर : न्यायालय के आदेश के बावजूद एफआइआर दर्ज नहीं करने के मामले में मुंगेर प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक विकास वैभव ने कोतवाली थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का आदेश दिया है. साथ ही तत्काल प्रभाव से उसके एक माह के वेतन निकासी पर रोक लगा दी है. उन्होंने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि कोतवाली थानाध्यक्ष श्रीराम चौधरी के विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण नियंत्रण अपील) नियमावली 2005 के तहत विहित प्रपत्र क में आरोप प्रारूप गठित कर डीआइजी को भेजें.
पुलिस उपमहानिरीक्षक ने इस मामले में कोतवाली थानाध्यक्ष के कार्यकलाप पर घोर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि थानाध्यक्ष द्वारा जानबूझ कर न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया गया जो इनकी घोर लापरवाही एवं इनकी कर्तव्यहीनता का परिचायक है और अत्यंत गंभीर त्रुटि है.
क्या है मामला : हरियाणा गुड़गांव के कांमेट इंजीनियरिंग वर्क्स के प्रोपराइटर महेंद्र सिंह ने हैदराबाद के एक कंपनी केएसआर इंट्राटेक इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के सीइओ डॉ वाइ किरण कुमार पर मुंगेर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में जालसाजी का परिवाद पत्र दायर किया था. 22 मई 2017 को यह परिवाद दायर किया गया था. परिवाद पत्र संख्या 499सी/17 के मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कोतवाली थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान का आदेश दिया था. किंतु कोतवाली थानाध्यक्ष न्यायालय के आदेश के बावजूद एफआइआर दर्ज करने को तैयार नहीं है. पांच माह के दौरान लगातार न्यायालय इस मामले में एफआइआर दर्ज कराने के लिए आदेश निर्गत करता रहा है और थानाध्यक्ष न्यायालय के आदेश को नजरअंदाज करता रहा है और पिछले दिनों यह कहते हुए परिवाद पत्र को लौटा दिया था कि ” परिवाद पत्र संख्या 499सी/17 मूल आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है. परिवाद के मूल आवेदन के साथ संलग्न प्रतिवेदन जो अंग्रेजी में अंकित किया हुआ रहने के कारण कांड अंकित नहीं किया गया है. कोतवाली थाना में अंग्रेजी के जानकार पदाधिकारी एक भी नहीं रहने के कारण कांड के अनुसंधान में काफी कठिनाई हो सकता है. जिसे वापस किया जाता है. ”
दर्ज हुई प्राथमिकी : इधर जब न्यायालय के निर्देश के आलोक में डीआइजी ने कोतवाल के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया तो आनन-फानन में थानाध्यक्ष ने परिवाद पत्र के आधार पर कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज की है. थानाध्यक्ष श्रीराम चौधरी ने बताया कि इस मामले में कोतवाली थाना कांड संख्या 402/17 दर्ज किया गया है.

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