पूर्णिया : सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में पिछले चार दिनों के अंदर पांच डेंगू मरीज की भर्ती हो चुकी है. मंगलवार की सुबह तक चार मरीज थे, लेकिन शाम को एक और मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया. पीड़ित का नाम लालटू कुमार (15 वर्ष) है, जो सुपौल जिला के परसागढ़ी गांव का निवासी है और शहर के मिल्लिया कान्वेंट स्कूल में कक्षा 09वीं का छात्र है. लालटू ने बताया कि उनके पिता विजय कुमार साह को डेंगू हो गया है और सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में उनका इलाज चल रहा है.
लालटू ने बताया कि वह अपने पिता की देखरेख के लिए दो दिनों से अस्पताल में ही रह रहा था. इसी क्रम में मंगलवार को उसकी अचानक तबीयत खराब हो गयी और प्राइवेट डॉक्टर से जांच कराने पर डेंगू का लक्षण पाया गया. फिलहाल लालटू का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है.
लालटू ने यह भी बताया कि उसे डेंगू सदर अस्पताल में ठहरने के दौरान ही हुआ है. इससे साफ तौर पर पता चलता है कि सदर अस्पताल स्वयं सुरक्षित नहीं है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि अस्पताल में विभिन्न वार्डों में मरीज इलाजरत है और जिसमें नवजात शिशु और प्रसूता भी शामिल है. यदि अस्पताल में शीघ्र ही डेंगू के इलाज के लिए माकूल व्यवस्था नहीं हुई तो स्थिति भयावह हो सकती है. इस घटना से अस्पताल में इलाजरत मरीज और कर्मी काफी दहशत में हैं. गौरतलब है कि अब तक जिले में दो महीने के अंदर 14 डेंगू मरीज की पहचान हो चुकी है. जिसमें दो मरीज जिले से बाहर अररिया और सुपौल जिले के हैं. बांकी सभी 12 मरीज पूर्णिया जिले के ही हैं.
बचाव और रोकथाम के उपाय : डेंगू की रोकथाम के लिए यह जरुरी है कि डेंगू के मछरों के काटने से बचा जाये और इन मछरों के फैलने पर नियंत्रण रखा जाये. सबसे आवश्यक यह है कि पानी में जमा होने वाले सभी प्रकार के कंटेनर की नियमित रूप से साफ-सफाई हो. इसके अलावा पानी के खुले संग्रह को कम करना ही नियंत्रण का मुख्य तरीका है. बताया जाता है कि डेंगू से बचाव के लिए बाजार में कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.
बचाव के लिए जरूर जानें डेंगू के कारण व लक्षण
डेंगू एडिस एजेप्टी नामक मच्छर के काटने से होता है. खास बात यह है कि यह मच्छर दिन में ही काटता है. यह रोग तेज बुखार के साथ आरंभ होता है और इसमें तेज सिरदर्द भी होता है. मांसपेशियों तथा जोडों में भयानक दर्द होता है जिसके कारण इसे हड्डी तोड़ बुखार कहते हैं. इसके अलावा शरीर पर लाल चकते भी बन जाते है जो सबसे पहले पैरों पर और फिर शरीर के अन्य हिस्से में भी फैल सकते हैं. इसके अलावा पेट खराब हो जाना, उसमें दर्द होना, कमजोरी, दस्त, चक्कर आना, भूख ना लगना आदि लक्षण होते हैं. इस बीमारी में रक्त में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है. मरीज बहुत कमजोर हो जाता है. इस कारण वह हमेशा बेचैन सा रहता है.
शीघ्र डेंगू के इलाज की व्यवस्था नहीं, तो भयावह स्थिति
सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में चार दिनों के अंदर पांच डेंगू मरीज हुए भर्ती, दिनोंदिन बढ़ रही मरीजों की संख्या
सदर अस्पताल खुद भी सुरक्षित नहीं, विभिन्न वार्डों में इलाजरत हैं मरीज, नवजात शिशु व प्रसूता भी
मिल्लिया कान्वेंट स्कूल की कक्षा नौ का छात्र है सुपौल के परसागढ़ी का लालटू, िपता की देखरेख के िलए आया था, अस्पताल में इलाजरत मरीज व कर्मी भी हैं दहशत में