प्रशिक्षण. आत्मा व जेल प्रशासन की संयुक्त पहल
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जेल में मशरूम की खेती करेंगे सजायाफ्ता कैदी
प्रशिक्षण. आत्मा व जेल प्रशासन की संयुक्त पहल अब केंद्रीय कारा में सजायाफ्ता कैदी खाली वक्त रचनात्मक कार्यों में लगायेंगे. जेल की परती जमीन पर वे नकदी फसल उपजायेंगे. पूर्णिया : केंद्रीय कारा पूर्णिया में सजायाफ्ता कैदियों के दिन बहुरेंगे. अब वे दिन भर खाली-खाली बैठ कर अपने परिजनों और घर-बार की चिंता नहीं करेंगे, […]
अब केंद्रीय कारा में सजायाफ्ता कैदी खाली वक्त रचनात्मक कार्यों में लगायेंगे. जेल की परती जमीन पर वे नकदी फसल उपजायेंगे.
पूर्णिया : केंद्रीय कारा पूर्णिया में सजायाफ्ता कैदियों के दिन बहुरेंगे. अब वे दिन भर खाली-खाली बैठ कर अपने परिजनों और घर-बार की चिंता नहीं करेंगे, बल्कि खाली वक्त किसी रचनात्मक काम में लगायेंगे. सजायाफ्ता कैदी जेल की परती जमीन पर नकदी फसल उपजायेंगे. इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. जेल प्रशासन के इस पहल से सजायाफ्ता कैदियों में हर्ष छा गया है.
दरअसल जेल प्रशासन ने सजायाफ्ता कैदियों की ऊर्जा को सकारात्मक योजनाओं में लगाने और कतिपय विकृति से निजात दिलाने के लिए यह पहल की है. इसके तहत सजायाफ्ता कैदियों को पहले मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके बाद मशरूम की खेती भी शुरू की जायेगी. इतना ही नहीं इन कैदियों को वर्मी कंपोस्ट बनाने की भी ट्रेनिंग दी जायेगी. जेल प्रशासन इसके लिए आत्मा एवं कृषि विभाग से सहयोग लेगी. जेल प्रशासन ने लंबी अवधि के सजायाफ्ता कैदियों की सूची आत्मा को अग्रसारित किया है. इसमें 30 कैदियों के नाम शामिल हैं.
मुख्य धारा से जुड़ेंगे कैदी : जेल प्रशासन का मानना है कि लंबी अवधि तक सजा भुगतने वाले कैदी जेल में बैठे-बैठे अर्थोपार्जन की कला से दूर रहने के कारण सजा पूरी करने के बाद जल्दी कुछ कर नहीं पाते. जब नकदी फसल का प्रशिक्षण और उसकी खेती कर ये लोग सजा पूरी होने के बाद जब मुक्त होंगे तो इन्हें रोजगार अपनाने में कोई परेशानी नहीं होगी. ज्ञात हो कि इससे पूर्व जेल प्रशासन ने कैदियों को अगरबत्ती बनाने एवं साबुन बनाने का भी प्रशिक्षण दिया था.
बढ़ेगी जेल की आय : सजायाफ्ता कैदियों की ऊर्जा का लाभ सीधे तौर पर जेल प्रशासन को होगा. प्रशिक्षणोपरांत जब मशरूम की खेती होगी तो इसकी सब्जी कैदियों को भी मिलेगा. इसके साथ ही जेल से बाहर खुले बाजार में मशरूम का विपणन किया जायेगा. निश्चित रूप से इससे जेल की आंतरिक आय में वृद्धि होगी. जेल प्रशासन आने वाले समय में वर्मी कंपोस्ट के विपणन को भी बढ़ावा देगा. हालांकि आत्मा और जेल प्रशासन ने बड़े पैमाने पर बागवानी की योजना तैयार किया है. इसकी भी तैयारी जोरों से चल रही है.
शीघ्र िमलेगा प्रशिक्षण
शीघ्र ही जेल में मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा. इसके लिए सजायाफ्ता कैदियों की सूची मंगवा ली गयी है. ट्रेनिंग के लिए बागवानी मिशन के कर्मियों एवं मशरूम के मर्मज्ञ किसान संतोष नायक को लगाया जा रहा है. इसके लिए जेल प्रशासन की सहमति ले ली गयी है और जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गयी है.
हरि मोहन मिश्र, उप-परियोजना निदेशक, आत्मा, पूर्णिया
450 हैं कैदी
केंद्रीय कारा पूर्णिया में सजायाफ्ता कैदियों की संख्या 450 के करीब है. इनमें से लंबी अवधि वाले 30 कैदियों की सूची आत्मा को भेजी गयी है. जेल के अंदर कम से कम पांच एकड़ जमीन यूं ही पड़ी हुई है. उसकी जोत-आबाद करवा कर मशरूम की खेती करवायी जायेगी. पुराने भवन के शेड में मशरूम की खेती सहूलियत से होगी.
विभु भारद्वाज, जेल अधीक्षक,
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