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पहले भी पकड़ी गयी थी सीतामढ़ी की युवती
प्रशांत चौधरी पूर्णिया :सीतामढ़ी की युवती को खुश्कीबाग देह मंडी से बरामद किये जाने का मामला कोई पहला नहीं है. इससे पूर्व भी अवैध धंधे में शामिल यहां से दो किशोरी बरामद की जा चुकी है. इसमें सीतामढ़ी की युवती गुलाब खातून शामिल थी. इस बार भी गुलाब खातून नाम की युवती बरामद हुई है. […]
प्रशांत चौधरी
पूर्णिया :सीतामढ़ी की युवती को खुश्कीबाग देह मंडी से बरामद किये जाने का मामला कोई पहला नहीं है. इससे पूर्व भी अवैध धंधे में शामिल यहां से दो किशोरी बरामद की जा चुकी है. इसमें सीतामढ़ी की युवती गुलाब खातून शामिल थी. इस बार भी गुलाब खातून नाम की युवती बरामद हुई है. लोग बता रहे हैं कि यह वही गुलाब है, जो गत वर्ष खुश्कीबाग रेलवे स्टेशन रोड स्थित एक ब्यूटी पार्लर से गिरफ्तार हुई थी. उसे बाद में पूछताछ की औपचारिकता के बाद सदर थाना पुलिस ने छोड़ दिया था. इस बार उसी युवती की एक बार फिर से बरामदगी चर्चा का विषय बन गया है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर एक ही युवती बार-बार कैसे पूर्णिया पहुंच जाती है?
ज्ञात हो कि गत वर्ष नवंबर माह में सदर पुलिस ने नाटकीय तरीके से खुश्कीबाग रेलवे स्टेशन रोड स्थित एक ब्यूटी पार्लर से दो किशोरियों को बरामद किया था. उसे घोषपाड़ा देह मंडी लाकर बेची गयी थी. उस समय वहां से दिल्ली की किशोरी मुस्कान को बरामद किया गया था. मुस्कान के साथ सीतामढ़ी की युवती भी पकड़ायी थी. ताज्जुब की बात यह है कि थाना पहुंच कर भी गुलाब खातून ने उस समय अपने राज नहीं खोले. ठीक इसी प्रकार मुस्कान यूपी के बलिया स्थित देह मंडी में सामान्य छापेमारी में पकड़ी गयी थी. लेकिन मुस्कान ने भी पुलिस के समक्ष देह मंडी में उसके बेचे जाने की जानकारी नहीं दी थी.
क्यों नहीं होता है खुलासा : देह मंडियों में बेची गयी युवतियां तब तक अपने राज नहीं खोलती, जब तक किसी ग्राहक से उनका दिल नहीं लग जाता. ऐसी स्थिति आने के बाद ही वह नजदीकी रिश्ते बनाने वाले ग्राहक को सब कुछ बता देती है. दिल्ली के मुस्कान एवं सीतामढ़ी के गुलाब खातून के मामले में भी ऐसी ही हुआ. अपने प्रेमी ग्राहकों को सभी जानकारी देने के बाद ही उक्त ग्राहकों ने परिजनों को सूचना दी.
कब-कब हुई कार्रवाई : 05 अगस्त 2012 को दरभंगा से गायब एक मासूम युवती को पुलिस ने लखनझड़ी से बरामद किया. इस मामले में गुड्डी खातून की बहन मुन्नी खातून एवं उसका भाई आजाद आरोपी बनाया गया था. इसी दौरान सुपौल के सरायगढ़ से लाकर बेची गयी एक युवती को रौटा बाजार के देह मंडी में पुलिस ने बरामद किया.
13 जुलाई 2013 में टीप इंडिया प्रोजेक्ट व स्थानीय पुलिस की संयुक्त छापेमारी में लखनझड़ी, मुजरापट्टी व घोषपाड़ा से 20 लड़कियों की बरामदगी की गयी थी. इस समय तत्कालीन एसएसपी दीपक वर्णवाल के नेतृत्व में उक्त स्थलों पर पुन: छापेमारी की गयी और 08 लड़कियों को बरामद किया. 02 अप्रैल 2014 को यहां से 17 लड़कियां बरामद की गयी थी. अधिकांश लड़कियां पूर्णिया के बाहर के जिलों की थी. इन सभी लड़कियों का किसी न किसी प्रकार का संबंध जिस्मफरोशी के बाजार में चर्चित सुरेश नट से रहा था.
कब्रिस्तान टोला की गुड्डी खातून एवं उसकी बहन मुन्नी खातून ने देह मंडी से बड़ी कमाई अर्जित की है. गुड्डी खातून का पति राजू उर्फ गंदला का मुंबई व खाड़ी के देशों में जिस्मफरोशी का कारोबार चल रहा है. यही वजह है कि गत वर्ष नवंबर माह में देह मंडी से मुक्त करायी गयी दिल्ली की किशोरी की छोटी बहन को गंदला ने एक माह पूर्व मुंबई ले गया था. यह जानकार हैरानी होगी कि मुजरापट्टी की करीब एक दर्जन लड़कियों के पास पासपोर्ट है. ये लड़कियां प्रतिवर्ष टूरिस्ट वीजा पर तीन महीने के लिए खाड़ी देश चली जाती है. मुजरापट्टी की नर्तकी बेबी की हत्या अरवल में वर्ष 2012 में कर दी गयी थी. दिसंबर 2014 में नर्तकी जहरी उर्फ चांदनी का मामला सुर्खियों में था. जिस्मफरोशी के बाजार के रास्ते चांदनी हर बार बिकती रही.
कई बार मुक्त करायी गयी देह मंडी से लड़कियां
सीतामढ़ी के युवती को देह मंडी से मुक्त कराने का मामला कोई नयी घटना नहीं है. गुलाबबाग के लखनझड़ी, कब्रिस्तान टोला, कटिहार मोड़ के घोषपाड़ा, रौटा बाजार, बनमनखी एवं हरदा के देह मंडियों से पुलिसिया कार्रवाई में दर्जनों वैसी लड़कियों को मुक्त कराया गया, जिन्हें दलालों ने बाहर से लाकर बेच दिया था. यहां कई बार बाहर से लाकर बेची गयी लड़कियों को लेकर छापेमारी की गयी और बरामदगी में पुलिस को सफलता भी मिली. लखनझड़ी, घोषपाड़ा एवं हरदा देह मंडी के बाजार में कई महिलाएं जिस्मफरोशी के धंधे में करोड़ों की मालकिन बन चुकी है. लगभग दो दशक से सक्रिय आधे दर्जन महिलाओं ने न केवल बैंक बैलेंस बनाया, बल्कि संपत्ति भी अर्जित किये हैं.
जानकार बताते हैं कि इन महिलाओं का सीतामढ़ी, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, यूपी के बलिया एवं बंगाल के पांजीपाड़ा एवं इस्लामपुर के देह मंडी से तार जुड़े हुए हैं. खास बात यह है कि इस धंधे की लेडी डॉन पुलिस व स्थानीय दबंगों के साथ बेहतर समन्वय भी स्थापित करने में सफल रही है. नाचने वाली के नाम पर भी ये अपने धंधे का कारोबार दूसरे राज्यों तक फैला चुकी है. यही वजह है कि विपरित परिस्थितियों में ये अपने धंधेबाजों के साथ कुछ दिनों के लिए बंगाल और यूपी भी चली जाया करती है.
डब्लू हत्याकांड का हुआ खुलासा
धमदाहा. पिछले माह कवैया में हुई डब्लू की हत्या का खुलासा हो गया है. डब्लू की हत्या उसकी प्रेमिका के पति ने ही की थी. इस घटना में प्रयुक्त हथियार को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है. डब्लू का संगीता के साथ पिछले एक साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था. संगीता के पति को जब इसकी जानकारी हुई तो पहले तो समझाया, लेकिन जब डब्लू नहीं माना तो उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार संगीता की शादी सात मई को सरोवर मंडल के साथ हुई, पर संगीता का शादी के पहले से ही डब्लू के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था. शादी के साथ सरोवर को इस मामले की भनक लगी. इधर, संगीता शादी के बाद भी अपने प्रेमी डब्लू से मिलती रही. सरोवर ने पहले तो पत्नी को समझाया लेकिन संगीता और डब्लू ने मिलना-जुलना बंद नहीं किया.
यह बात सरोवर मंडल को नागवार गुजरी और सरोवर ने डब्लू को रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रचा. इस षडयंत्र में सरोवर मंडल ने अपनी पत्नी को डरा धमकाकर शामिल किया. प्लान के मुताबिक आठ अगस्त की रात में डब्लू कुमार को सरोवर की पत्नी ने फोन कर बुलाया. डब्लू भी घरवालों से दूध लेने का बहाना बना कर संगीता से मिलने सड़क किनारे केला खेत में गया. उधर, सरोवर मंडल अपने दोस्त फूलचंद मंडल के साथ मिल कर केला के खेत में ही छिप कर बैठा था. साजिश से अंजान डब्लू कुमार संगीता से मिलने आया. इधर, घात लगाये सरोवर मंडल और उसके दोस्त ने मिलकर पहले डब्लू को गोली मार दी. इसके बाद घटनास्थल से ही कुछ दूरी पर हथियार को जमीन में गाड़ दिया.
उसके बाद फूलचंद मंडल अपनी ससुराल कवैया चला गया जबकि सरोवर घटना को अंजाम देने के बाद अपनी पत्नी संगीता के साथ अपने मामा के यहां चला गया.
धमदाहा थानाध्यक्ष अनमोल कुमार यादव ने बताया कि डब्लू के मोबाइल के कॉल डिटेल से मामले का खुलासा हुआ. शक होने के बाद फूलचंद मंडल को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इसके बाद फूलचंद ने पुलिस के सख्ती बरतने पर पूरी घटना की जानकारी दी. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया.
इस हत्याकांड के गुत्थी को सुलझाने में एसडीपीओ एसएच फाखरी, एसआइ सियावर मंडल और उनकी पूरी टीम शामिल थी. आरोपियों के पास से चार मोबाइल, एक कट्टा, घटनास्थल से बरामद एक खोखा भी बरामद किया है.
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