पूर्णिया : पूर्णिया और मधेपुरा जिला के सीमावर्ती क्षेत्र में मुरलीगंज थाना क्षेत्र के सिंगियान से गुजरने वाली जेबीसी नहर में सैकड़ों मवेशियों के शव पाये जाने के मामले में जांच पड़ताल के लिए गठित स्पेशल इन्वीगेस्टिंग टीम (एसआइटी) को शुक्रवार को महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है. इस टीम ने मामले में मुख्य अभियुक्त मौलाना अबुल कलाम को अररिया जिला के भरगामा थाना क्षेत्र के छर्रापट्टी से गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद पुलिसिया पूछताछ में यह भी स्पष्ट हो गया है
कि इस घटना के पीछे कोई साजिश नहीं थी. मामला बकरीद पर्व से जुड़ा हुआ था और जानबूझ कर इस तरह की घटना को अंजाम नहीं दिया गया था. पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा है कि आरोपित मो कलाम को मधेपुरा न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
हड़बड़ी में हुई घटना
अब तक के अनुसंधान से स्पष्ट हो गया है कि पूरा घटनाक्रम किसी साजिश का हिस्सा नहीं था. बकरीद के मौके पर गांव में कुरबानी दी गयी थी. चूंकि छर्रापट्टी और इर्द-गिर्द की आबादी काफी अधिक है, इसलिए अधिक संख्या में पशुओं की कुरबानी दी गयी थी. ऐन मौके पर अररिया की घटना को लेकर अफवाह फैली कि पुलिस घरों की तलाशी ले सकती है. इसी के बाद घबराहट में जिन पशुओं की कुरबानी दी गयी थी, उन्हें नहर में फेंक दिया गया और स्थानीय लोगों ने ही नहर में पानी छोड़ दिया. इसके बाद जानकीनगर के रास्ते सभी पशु बह कर सिंगियान तक पहुंच गये.
अनुसंधान के लिए एसआइटी हुई थी गठित
इस घटना के बाद सिंगियान से सटे मुरलीगंज शहर में तनाव की स्थिति व्याप्त हो गयी थी. उसके बाद मामले के अनुसंधान के लिए डीआइजी सौरभ कुमार की ओर से एसआइटी का गठन किया गया था. एसआइटी का नेतृत्व मधेपुरा एएसपी राजेश कुमार कर रहे थे. वहीं इसमें बतौर सदस्य बनमनखी एसडीपीओ कुंदन कुमार, फारबिसगंज एसडीपीओ अजीत कुमार सिंह के अलावा मुरलीगंज, मधेपुरा, जानकीनगर और भरगामा के थानाध्यक्ष को शामिल किया गया था. मिली जानकारी अनुसार मो अबू कलाम ने पूछताछ में कई और लोगों के नाम बताये हैं. एसआइटी उन लोगों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है.