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डेंगू व मलेरिया ने दी दस्तक, स्वास्थ्य विभाग सचेत

पूर्णिया : जिले में बाढ़ का प्रकोप पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुआ कि डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ने लगा है. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रयास तेज कर दिये गये हैं. स्वास्थ्य विभाग के इपीडीमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला के मुताबिक जिले में अब तक कुल […]

पूर्णिया : जिले में बाढ़ का प्रकोप पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुआ कि डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ने लगा है. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रयास तेज कर दिये गये हैं. स्वास्थ्य विभाग के इपीडीमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला के मुताबिक जिले में अब तक कुल 7 डेंगू के मरीज को चिह्नित किया गया है. जिसमें भवानीपुर के एक मरीज को डेंगू कन्फर्म हो गया है. बांकी 06 मरीज का सेंपल जांच के लिए भेजा गया है. छह डेंगू मरीज में चार पूर्णिया जिला के हैं, एक अररिया से और एक कटिहार जिला का बताया जाता है.

बताया जा रहा है कि डेंगू से पीड़ित सभी मरीज दिल्ली, कोटा, पटना और अन्य शहरों में रहते थे. वहां बीमार पड़ने पर वापस घर लौट गये और जांच के क्रम में डेंगू का लक्षण पाया गया. स्वास्थ्य विभाग ने वैसे जिले में डेंगू का प्रकोप फिलहाल नहीं देखा गया है, जो भी मरीज हैं वह सभी बाहर शहरों से पूर्व से ही डेंगू से ग्रसित होकर आया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग चाहे जितना भी दावा करे लेकिन मलेरिया रोग का रोकथाम करने में सिस्टम फेल होते हुए नजर आ रहा है. जिले में दिनों दिन मलेरिया का प्रकोप बढ़ते जा रहा है,
शेष दर्जनों लोग सदर अस्पताल में मलेरिया का जांच कराने आते हैं और उन्हें मलेरिया का संक्रामक पाया जाता है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बाढ़ का प्रकोप समाप्त होने के बाद अब तक मलेरिया रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या करीब 100 पहुंच गया है.
डेंगू और मलेरिया से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग कर रही है प्रचार-प्रसार : वैसे जिले में स्वास्थ्य विभाग ने हर जगह मलेरिया और डेंगू से बचने के लिए जगह पोस्टर-बैनर लगा कर लोगों को जानकारी दे रहा है. बचाव के लिए टीवी और अखबारों में भी विज्ञापन दिया जा रहा है लेकिन शहर और ग्रामीण इलाकों में डेंगू ओर मलेरिया मच्छर को मारने के लिए किसी भी प्रकार का छिड़काव नहीं किया गया है.
अब तक स्वास्थ्य विभाग में सिर्फ बीमारी होने पर ही इलाज का तैयारी किया है जबकि बीमारी नहीं हो इसका कोई तैयारी नहीं है. जरूरत है तो इलाज के साथ-साथ बीमारी फैलने से रोकने का भी, अब तक के कार्रवाई में विभाग ने मलेरिया विभाग को दवा छिड़काव का आदेश दिया है. स्थल पर दवा का कोई छिड़काव नहीं होने से डेंगू और मलेरिया का प्रकोप और भी बढ़ने की संभावना है.
डेंगू और मलेरिया से बचने के लिए अस्पताल में है व्यवस्था
जिले में बाढ़ के बाद डेंगू और मलेरिया से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हर संभव तैयारी में जुट गयी है, डेंगू और मलेरिया के लिए सदर अस्पताल में अलग से वार्ड का व्यवस्था किया गया है. इन बीमारियों का देखभाल और इलाज के लिए अलग से स्वास्थ्य टीम का गठन की गयी है. वैसे सदर अस्पताल में अब तक स्पेशल संक्रामक रोग वार्ड में कोई भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है.
स्वास्थ्य कर्मी नीरज कुमार निराला के मुताबिक मरीज को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की कोई जरूरत नहीं है. डेंगू और मलेरिया का इलाज अब नियमित दवा खाने से घर में भी इलाज करा कर ठीक हो सकता है. डेंगू का लक्षण देखे जाने पर मरीज को सिटामोल खिलाया जाता है और पानी चढ़ाया जाता है. डेंगू से ज्यादा प्रभावित होने पर ही उसे डॉक्टर की निगरानी की जरूरत पड़ती है और अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. बताया कि डेंगू का पैथोलॉजी जांच शहर में उपलब्ध नहीं है,
इसका सेंपल भागलपुर मेडिकल कॉलेज या किसी बड़े अस्पताल में भेज कर जांच कराया जाता है. वहीं डेंगू और मलेरिया के लिए सभी तरह का दवा सदर अस्पताल में उपलब्ध कराया गया है. इन बीमारियों का पता करने और इलाज करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी ग्रामीण क्षेत्र में डॉक्टरों के टीम गठन कर टीम को रवाना कर दिया गया है.
सभी मरीजों का चल रहा इलाज, दवा का है स्टॉक
डेंगू के अब तक सात मरीज पाये गये हैं. उनका इलाज चल रहा है. रोकथाम के लिए दवा छिड़काव के लिए मलेरिया विभाग को निर्देश दिया गया है. अस्पताल में दवा का स्टॉक रखा गया है.
डा एम एम वसीम, सिविल सर्जन पूर्णिया

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