पूर्णिया : तार और पोल का मामला हो या फिर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था की, विद्युत विभाग की उदासीनता स्पष्ट झलकती है. हाल के दिनों में बिजली की आपूर्ति व्यवस्था चरमरा कर रह गयी है. विभाग के अधिकारी मेंटेनेंस और तकनीकी समस्या का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.
एक तरफ शहरी इलाके में ही बांस-बल्ले के सहारे बिजली के तार दौड़ाये गये हैं तो दूसरी तरफ शहर में ही पेड़ों के झुरमुट के बीच बिजली के तार गुजारे गये हैं. बहुत अधिक दिन नहीं हुए हैं, जब इस बात का हवाला देते हुए कि पेड़ों से तार के सटे होने की वजह से विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बाधित होती रही है, पेड़ों की कटाई-छटाई की गयी थी. लेकिन अब भी हाल पहले की ही तरह है. पहली तसवीर फोर्ड कंपनी चौक की है, जहां पेड़ों के बीच से ही बिजली तार गुजर रहा है. वहीं दूसरी तसवीर जेल चौक की है, जहां लग रहा है कि बिजली के तार पेड़ में समाये हुए हैं और तीसरी तसवीर आस्था मंदिर के सामने की है. जाहिर है कि विभाग की इस लापरवाही की वजह से कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.