पूर्णिया : पूर्णिया में विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा हुए एक वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद अब इस दिशा में प्रशासनिक पहल तेज होने के आसार मिले हैं और विश्वविद्यालय बनने के भी संकेत भी मिले हैं. विश्वविद्यालय के लिए शहर के तीन बड़े भूखंडों में बकरी पालन केंद्र की जमीन को प्रथम वरीयता में लिया गया है. इससे स्थानीय लोगों एवं बुद्धिजीवियों में काफी हर्ष का माहौल है.
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पूर्णिया में मरंगा बकरी पालन केंद्र की जमीन पर बनेगा विश्वविद्यालय
पूर्णिया : पूर्णिया में विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा हुए एक वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद अब इस दिशा में प्रशासनिक पहल तेज होने के आसार मिले हैं और विश्वविद्यालय बनने के भी संकेत भी मिले हैं. विश्वविद्यालय के लिए शहर के तीन बड़े भूखंडों में बकरी पालन केंद्र की जमीन को प्रथम […]
हालांकि इस दिशा में विलंब से लोगों में निराशा भी व्याप्त होने लगी थी. लोगों को लगने लगा था कि प्रशासन इस दिशा में संवेदनहीनता बरत रही है. लेकिन इस दिशा में लगायी गयी प्रशासन की टीम ने अपना खाका तैयार रखा था. इसमें अधिकांश समय सरकार से विधिवत अनुमति मिलने में हो गयी. लेकिन देर आये दुरुस्त आये वाली बात अब साबित हो रही है. इस संबंध में पूर्णिया के एडीएम डाॅ
पूर्णिया में मरंगा…
रवींद्रनाथ ने बताया कि पूर्णिया में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कम से कम 50 एकड़ जमीन की जरूरत बतायी गयी है. पूर्णिया में जमीन चिह्नित करने का काम पूरा कर लिया गया है. इसके लिए तीन जगह क्रमश: कृषि फार्म की जमीन, पूर्णिया कॉलेज व उसके आसपास हवाई अड्डे की जमीन और मरंगा स्थित बकरी पालन केंद्र की जमीन पर गहन विचार विमर्श किया गया है. उन्होंने बताया कि कृषि फार्म की जमीन के लिए विभागीय अनुमति नहीं मिली. उधर पूर्णिया कॉलेज व हवाई अड्डे की जमीन के बीच की दूरी भी ज्यादा हो जाने से वहां भी विश्वविद्यालय की इकाई खुलना उचित नहीं पाया गया. इसलिए बकरी पालन केंद्र की जमीन चिह्नित की गयी है. उसका प्रस्ताव बनाया जा रहा है. वहां 90 एकड़ के करीब जमीन है.
न्यूनतम 50 एकड़ भूमि की जरूरत : एडीएम डाॅ रवींद्रनाथ ने बताया कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव ने 03 जुलाई 2017 को पूर्णिया डीएम को पत्र लिख कर पूर्णिया में विश्वविद्यालय के संचालन के लिए न्यूनतम 50 एकड़ भूमि चिह्नित कर शीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया था. उसी के आलोक में अंतत: बकरी पालन केंद्र की जमीन को चिह्नित कर प्रस्ताव बनाया जा रहा है.
बनाया जा रहा प्रस्ताव
तीन बड़े भूखंडों में इस जमीन को दी जा रही प्राथमिकता
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