शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने की िदशा में कचरा बना है सबसे बड़ा रोड़ा
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माह के अंत तक शहर में डोर टू डोर कचरे का निष्पादन
शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने की िदशा में कचरा बना है सबसे बड़ा रोड़ा नगर िनगम ने स्वच्छता को लेकर तेज की कवायद कचरा उठाव में लगी गाड़ियों की बढ़ायी जायेगी संख्या नियंत्रण के लिए लगेंगे जीपीएस पूर्णिया : शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में सबसे बड़ा रोड़ा कचरा ही साबित […]
नगर िनगम ने स्वच्छता को लेकर तेज की कवायद
कचरा उठाव में लगी गाड़ियों की बढ़ायी जायेगी संख्या नियंत्रण के लिए लगेंगे जीपीएस
पूर्णिया : शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में सबसे बड़ा रोड़ा कचरा ही साबित हो रहा है. दरअसल कचरे का समुचित रूप से उठाव नहीं होने की वजह से अक्सर मुहल्ले के गली और नुक्कड़ पर कचरा का जमावड़ा देखने को मिलता है. ऐसे में काफी दिनों से डोर टू डोर कचरे के निष्पादन की रणनीति पर विमर्श हो रहा है. अब इस विमर्श को मूर्त रूप देने के लिए नगर निगम तैयारी में जुट गया है. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि माह के अंत तक नगरवासियों का सपना साकार होगा. इस प्रयास में कितनी सफलता मिलती है, यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन बहरहाल उम्मीदें फलीभूत होती नजर आ रही है.
कचरा निष्पादन के लिए कवायद हुई तेज : शहर को स्वच्छ व साफ-सुथरा बनाने को लेकर नगर निगम द्वारा कवायद तेज कर दी गयी है. नगर निगम की महापौर विभा कुमारी की मानें तो शहर को स्वच्छ बनाने के लिए जो भी प्रयास होने चाहिए, उसे किये जायेंगे. बताया कि सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ायी जा रही है.
कचरा उठाव में लगी गाड़ियों की संख्या बढ़ाने के साथ गाड़ियों पर नियंत्रण के लिए जीपीएस सिस्टम की व्यवस्था एवं अप्रैल महीने में डोर टू डोर कचरा निष्पादन सिस्टम को लागू करने की दिशा में अंतिम फैसला लिया जा चुका है.
योजनाएं बन कर है तैयार : निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में डोर टू डोर कचरा निष्पादन कार्य योजना की सभी तैयारी और खाका भी तैयार कर लिया गया है. इस योजना के तहत शहर को सेक्टर में बांटने से लेकर वार्डों में सफाई मजदूर, वाहन और जागरूकता को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है. सिर्फ एजेंसियों के लिए निविदा और टेंडर देने की प्रक्रिया बांकी है, जो इस माह पूरा होने की उम्मीद है. इसके बाद डोर टू डोर कचरा निष्पादन का कार्य भी आरंभ हो जायेगा.
शहर को स्वच्छ रखने के लिए निगम लगातार प्रयासरत है. जुलाई में डोर टू डोर कचरा निष्पादन की प्रक्रिया पूरी करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. निगम के प्रयासों के साथ आम लोगों का सहयोग भी आवश्यक है. सहयोग से ही शहर स्वच्छ और सुंदर बन सकेगा.
वर्ष 2015 के बजट सत्र में
बनी थी सहमति
वर्ष 2015 के बजट सत्र के दौरान वार्ड पार्षद सरिता राय के प्रस्ताव के बाद शहर में डोर टू डोर कचरा निष्पादन योजना पर सहमति बनी थी. उसके बाद प्रस्ताव भी पारित हुआ था और एक कदम आगे बढ़ते हुए निगम द्वारा निविदा भी निकाली गयी थी. इस निविदा के तहत तकरीबन दर्जन भर संस्थाओं ने टेंडर डाला था. लेकिन फिर अचानक पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया. विडंबना यह रही कि तब टेंडर गिराने वाले एजेंसियों के टेंडर की खोलने की तिथि लगातार बढ़ती रही और देखते ही देखते दो वर्ष गुजर गये. हालांकि इस बीच कुछ बदलाव निगम में हुए हैं और जिस कदर प्रयासों को रंग देने की कोशिश की जा रही है, उससे उम्मीदें परवान चढ़ी है.
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